काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बाबा विश्वनाथ मन्दिर से जुडी समस्त जानकारी

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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में ही बाबा विश्वनाथ मन्दिर स्थित है जो की द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है और उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में है अगर हम इस कॉरिडोर को समझे तो आप मोटा मोटा ये समझ लो कि पहले इस ज्योतिर्लिंग तक संकरी गलियों से होकर जाया जाता था परन्तु अब आपको वहां पर एक भव्य परिसर मिलेगा जिसके अन्दर आपको तमाम आधुनिक सुविधाये मिलेंगी |

आज की पोस्ट में हम बात करेंगे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की और जाहिर सी बात है जब बात इस कॉरिडोर की होगी तो बात बाबा विश्वनाथ मन्दिर की भी होगी क्यूंकि यह कॉरिडोर है तो बाबा विश्वनाथ का ही हम आपको बतायेंगे आप इस भव्य कॉरिडोर तक कितने रास्तों से आ सकते है इस कॉरिडोर के अन्दर आपको क्या क्या सुविधाये मिलेंगी और इस कॉरिडोर में आप के लिये क्या क्या खास है |

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

बनारस में बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 8 मार्च 2019 को रखा था इस भव्य कॉरिडोर को बनाने के लिये बाबा विश्वनाथ मन्दिर के आसपास स्थित तमाम घरो को भी हटाकर अलग जगह पर बसाना पड़ा है बताते है की लगभग 400 घर जो की बाबा विश्वनाथ मन्दिर के समीप थे उन सभी यहाँ से हटाकर शहर में किसी अन्य जगह पर बसाया गया है |

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एक बात और जो ये घर बने हुये थे उन घरो में छोटे बड़े कई मन्दिर भी थे और उन सभी मन्दिरों का जीर्णोद्वार करवाकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में जगह दी गई है इस भव्य कॉरिडोर बनाने का मकसद एक तो बाबा विश्वनाथ का सम्मान है और दूसरा यह भी कि कोई भी भक्त सीधे गंगा घाट से बाबा विश्वनाथ तक आ सके |

आपको बता दे कि इन्दोर की महारानी अहिल्याबाई होलकर एक शिव भक्त थी उन्होंने सन 1780 में बाबा विश्वनाथ मन्दिर का जीर्णोद्धार करवाया था इसके बाद महाराजा रणजीत सिंह ने इस मन्दिर के शिखर पर सोना मढवाया था और अब वर्तमान समय में भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश पर श्री बिमल पटेल ने इस कॉरिडोर का डिजाइन किया है आपको बता दे बिमल पटेल भारत के एक मशहूर आर्किटेक है इन्होने गुजरात हाईकोर्ट , नया संसद भवन , आईआईएम अहमदाबाद , रिवरफ्रंट अहमदाबाद आदि भव्य इमारतों को डिजाइन किया हुआ है |

मणिकर्णिका घाट के समीप बना ललिता घाट ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रमुख प्रवेश द्वार मुझे लगता है क्यूंकि यही सामने गंगा जी बहती है और आप गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर सीधे सीढियों से चढ़कर कॉरिडोर के मुख्य गेट में प्रवेश कर आगे बढ़ते जाओगे और आपको इस कॉरिडोर को दिव्यता भव्यता दिखाई देती जायेगी आप सीधे चलते चलते बाबा विश्वनाथ मन्दिर आकर गंगा जल भोलेनाथ को अर्पण कर सकते है |

इस काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लगभग 27 छोटे बड़े मन्दिर है और यह कॉरिडोर लगभग 50 000 वर्ग मीटर में बना हुआ है , इस कॉरिडोर में मकराना से सफ़ेद मार्बल वियतनाम के पत्थर और चुनार के पत्थरो का इस्तेमाल किया गया है |

कॉरिडोर तक आने के रास्ते

देखिये अभी तो निर्माण कार्य का फेज 2 चल रहा है तो आगे कौन कौन से रास्ते प्रमुख होंगे ये तो आगे ही जानकारी मिलेगी फ़िलहाल मुझे वर्त्तमान में जो जो रास्ते प्रमुख लगे मै आपसे वह साझा कर रहा हु -

गौदोलिया से मैदागिन की तरफ वाली रोड पर गेट नंबर 4

बहुत से श्रद्धालु गेट नम्बर 4 से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में प्रवेश लेते है यह गेट गौदोलिया मैदागिन रोड पर है और इसे पहले तो ज्ञानवापी गेट बोलते थे अभी इसका क्या नाम है मुझे कन्फर्म नहीं पता है शायद ढूंढीराज द्वार अब इसे बोला जाता है यहाँ आप चाहे तो गौदोलिया की तरफ से आये या फिर मैदागिन की तरफ से आपको रास्ते में अनगिनत प्रसाद की दुकाने लाकर की सुविधा मिल जाती है आप अपने हिसाब से किसी एक दुकान से प्रसाद ले अपने इलेक्ट्रानिक गैजेट जैसे मोबाइल आदि को लाकर में रखे |

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देखिये हर एक प्रसाद फूल माला की दुकान पर आपको लाकर की सुविधा मिल जायेगी आप जहाँ से प्रसाद आदि ले वही के लाकर में अपना मोबाइल आदि रख दे और शांत मन से लाइन में लग जाये और बाबा विश्वनाथ के दर्शन का इंतज़ार करे एक बात और यही गेट नम्बर 4 के पास ही श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के ट्रस्ट का आफिस भी है आप चाहे तो इनके आफिस से प्रसाद ले सकते इस आफिस में भी आपको लाकर की सुविधा मिल जायेगी |

लाकर के अतिरिक्त श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर ट्रस्ट से 300 रूपये में आप वीआइपी दर्शन की बुकिंग करवा सकते हो जिसे सुगम दर्शन बोला जाता है इस सुगम दर्शन की सुविधा से आप भीड़ से बच सकते है और जल्दी दर्शन कर सकते है इसके अलावा इसी ट्रस्ट से आप आरती की भी बुकिंग कर सकते इन सबकी जानकारी आपको अगली पोस्ट में हम देंगे |

आपको एक बात और बता दे की गौदोलिया से मैदागिन का रास्ता बहुत ही बढ़िया है यहाँ आपको तमाम खाने पीने की अड्डे जैसे लक्ष्मी चाय वाले , गौरीशंकर की कचोड़ी आदि मिल जायेंगे और शापिंग के लिये भी यह सड़क बढ़िया है |

गौदोलिया से दशाश्वमेध घाट की तरफ सिंह द्वार से जाकर गेट नंबर 1

अब यह जो गेट है गेट नम्बर 1 यह बाबा विश्वनाथ का सबसे पुराना गेट है जब आप गौदोलिया से दशाश्वमेध घाट की तरफ आओगे तो आपको थोड़ी दूर चलने पर बाये हाथ पर सिंह द्वार दिखाई देगा जिसमे इस द्वार के ऊपर आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा बनी है बस आपको इसी गेट में प्रवेश कर लेना है अब आप एक गली से होते हुये आओगे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के गेट नंबर 1 की तरफ जिसे शायद सरस्वती गेट कहा जाता है और जिस गली से आप गये उस गली को ही विश्वनाथ गली कहते है |

जब आप सिंह द्वार से आओगे तो आपको गलियों से होकर आना होगा और ये गलियां संकरी है इनके दोनों और ही एक बढ़िया लेवल की मार्केट है आप चाहे तो शॉपिंग भी कर सकते है इन गलियों में आपको प्रसाद फूल माला की अनगिनत दुकाने दिखाई देंगी आप अपने हिसाब से किसी एक दुकान से प्रसाद फूलमाला ले और उसी दुकान के लाकर में अपने जूते चप्पल मोबाइल इत्यादि रखकर बाबा विश्वनाथ मन्दिर के दर्शन हेतु आगे बढ़ जाये |

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इसी द्वार पर ही माँ अन्नपूर्णा देवी का मन्दिर है जिसमे आप दर्शन अवश्य करे |

ललिता घाट से सीधे बाबा विश्वनाथ मंदिर की ओर गंगा द्वार

अब यदि आप बाबा विश्वनाथ के दर्शन सीधे गंगा घाट से होकर करना चाहते हो या आपका मन है की गंगा में स्नान करे और गंगा जल लेकर सीधे भोले बाबा को अर्पित करे तो यह भव्य गंगा द्वार आपके लिये ही है ललिता घाट जो की दशाश्वमेध घाट और मणिकर्णिका घाट के मध्य स्थित है बस ललिता घाट से ही सीढियां बनी है और सामने आपको एक अलौकिक द्वार दिखाई देगा आप इस द्वार से मन्दिर परिसर में प्रवेश करे और मन्दिर की अलौकिक छटा को देखते हुये आगे बढ़ते जाए रास्ते में आपको कई मन्दिर भी दिखाई देंगे|

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और आप जब ललिता घाट से बाबा विश्वनाथ की ओर जायेंगे तो रास्ते में आपको भारत माता की प्रतिमा , आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा , महारानी अहिल्याबाई होलकर जी की प्रतिमा दिखाई देगी आप अपने मोबाइल और चप्पल जूतों को मन्दिर परिसर के लाकर में जमा करवाकर दर्शंन करे |

विशेष नोट - देखिये अभी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माणाधीन है इसलिए हम आपको गेट के जो नाम है उनके बारे में कन्फर्म नहीं बता सकते हो हो सकता नाम किसी गेट का कुछ और हो लेकिन जो रास्ते बताये है आप उन पर ही ध्यान दे |माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ मन्दिर की और से एक रास्ता

देखिये जब मैंने माता विशालाक्षी के दर्शन किये फिर वहां मन्दिर के पास एक लोकल से जानकारी ली कि बाबा विश्वनाथ मंदिर जाना है तो उसने एक गली से रास्ता बताया जो माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ से थोडा ही दूर था और यह रास्ता वही पर मिलता है जहाँ पर भारत माता की महारानी अहिल्याबाई होलकर जी की प्रतिमा है तो आप इधर से भी आ सकते है |

सेल्फी फोटोग्राफी के शौक़ीन लोगो के लिए जरूर सलाह

देखिये यह तो आप जानते ही हो कि बाबा विश्वनाथ मन्दिर परिसर में फोटोग्राफी मना है और आप अपना मोबाइल मन्दिर परिसर के अन्दर नहीं ले जा सकते हो फिर अब आप फोटो कहाँ से लोगे तो हम आपको कुछ टिप्स दे रहे है जिनसे आप परिसर के अन्दर की फोटो तो नहीं ले पाओगे लेकिन हा इतना जरूर हो जायेगा की आपके पास कुछ फोटो मंदिर के आसपास की होंगी -

सबसे पहले आप गेट नंबर 4 की तरफ हो तो यहाँ आप सिर्फ गेट की ही फोटो ले सकते हो क्यूंकि गेट से जब अन्दर प्रवेश करोगे तो आपके पास मोबाइल नहीं होना चाहिए अब आपको ध्यान यह देना है की गेट नम्बर 4 पर आकर पहले फोटो विडियो बना लो उसके पास दर्शन करने के लिये मोबाइल जमा करो गेट नम्बर 4 पर बहुत ही भव्य फोटो आती है क्यूंकि यह एक विशाल और बहुत ही सुन्दर गेट है और गेट पर ही बना भगवान शिव का त्रिशूल बहुत ही भव्य लगता है |

अब आपको हम फोटोग्राफी की ऐसी जगह बता रहे है जहाँ से आप बहुत ही प्यारी प्यारी और ढेर सारी फोटो सेल्फी ले सकते हो तो जब आप ललिता घाट से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की और जायेंगे तो बस सबसे पहले तो घाट पर बना द्वार जो की एक विशाल द्वार है और उत्कृष्ट बना हुआ है आप इस गेट की फोटो ले सकते है मजेदार बात यह की इस गेट पर आपका मोबाइल जमा नहीं होता मोबाइल थोडा अन्दर जाकर मुख्य एंट्री गेट पर जमा होगा और उस मुख्य एंट्री गेट से पहले आप को फोटोग्राफी के तमाम विकल्प मिल जायेंगे |

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ललिता घाट से जाकर द्वार से अन्दर घुसने पर आपको ऐसा प्रतीत होगा की आप किसी अलग ही दुनिया में आ गए क्यूंकि यही पर से आप काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की अलौकिक सुन्दरता के दर्शन करना शुरू कर देते हो सबसे पहले आपको आदि गुरु शंकराचार्य की एक सुन्दर प्रतिमा दिखाई देगी आप यही पर फोटो आदि ले सकते हो |

फिर आप सीढियों या स्केलेटर से ऊपर जाओगे तो आपको कई सुन्दर मन्दिर , भारत माता और महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमाये दिखाई देंगी जहाँ आप फोटोग्राफी कर सकते हो और यही से सामने एक गेट है जिसमे से आपको बाबा विश्वनाथ मन्दिर दिखाई देता है लेकिन गेट के आगे आप मोबाइल नहीं ले जा सकते लेकिन गेट के पास आकर आप अपने मोबाइल से बाबा विश्वनाथ मन्दिर की भी तस्वीर ले सकते है |

काशी विश्ववनाथ धाम मतलब कॉरिडोर के अन्दर क्या क्या है

सबसे पहले तो इस भव्य काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बाबा विश्वनाथ जी है इसके बाद आपको बताते है आप ललिता घाट से आओगे तो आपको आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा , रामेश्वर भवन दिखाई देगी और आगे आपको सीढियां दिखाई देबी और सीढियों के पास ही स्केलेटर बना हुआ है जिससे आप ऊपर आकर श्री मानधातेश्वर महादेव मन्दिर , भारत माता की प्रतिमा , महारानी अहिल्याबाई होलकर जी की प्रतिमा और कई मन्दिर दिखाई देंगे |

और आगे बढ़ने पर आपको मुख्य मन्दिर , नंदी जी की प्रतिमा , कनाडा से लाइ हुई माँ अन्नपूर्णा की प्रतिमा वाला मन्दिर एवम अन्य कई मन्दिर दिखाई देंगे आपको बता दे की वाराणसी से माँ अन्नपूर्णा देवी की मूर्ती को सन 1913 में चोरी कर लिया गया था और कनाडा की रेजिना यूनिवर्सिटी की एक आर्ट गैलरी में रख दिया गया था खैर अब यह मूर्ति बाबा विश्वनाथ मन्दिर परिसर में आ चुकी है |

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को तीन भागो में बनवाया गया है पहले भाग में मुख्य मन्दिर है जिसमे 4 बड़े बड़े गेट है और चारो तरफ एक प्रदक्षीणा पथ बना है जिसमे कई शिलालेख है जो की वाराणसी के महत्त्व को बताते है इस कॉरिडोर में आपको मन्दिर चोक , मुमुक्षु भवन , शापिंग काम्प्लेक्स , गंगा व्यू कैफे , जलपान गृह , वाराणसी गैलरी , म्यूजियम , यात्रे सुविधा केंद्र , कई मन्दिर भी दिखाई देंगे |

निसन्देह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की शिल्प कला इतनी उत्कृष्ट है की इससे काशी का महत्त्व हर क्षेत्र जैसे सांकृतिक , आर्थिक , पर्यटन में बढ़ गया है कहते है की जब यह कॉरिडोर बना नहीं था तब बाबा विश्वनाथ का शिखर देखना कठिन काम था लेकिन आज इस कॉरिडोर में खड़े होकर बड़ी आसानी से बाबा विश्वनाथ मन्दिर का अलौकिक भव्य शिखर हम देख सकते है |

देखिये काशी विश्वनाथ धाम के अन्दर एक अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति है जो की कनाडा से लाइ हुई है इसके अलावा इस मन्दिर के समीप ही माँ अन्नपूर्णा का भव्य मन्दिर भी बना हुआ है जहाँ आप दर्शन हेतु अवश्य जाये इसके अलावा माँ विशालाक्षी शक्तिपीठ भी बाबा विश्वनाथ मन्दिर से ज्यादा दूर नहीं है तो आप इस शक्तिपीठ में भी दर्शन कर ले |

आप काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से गंगा नदी की तरफ जायेंगे तो सामने ही ललिता घाट मणिकर्णिका घाट मीर घाट है वही पर आप टेढ़ा मन्दिर ( जो की सिंधिया घाट के पास है ) , नेपाली मन्दिर पड़ेगा जहाँ भी आप जा सकते है |

फ़िलहाल हमारी यह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की पोस्ट अधूरी है क्यूंकि अभी यह कॉरिडोर बन ही रहा है जैसे यह बनता जायेगा इसमें और भी सुविधाये बढती जायेंगी और हम जब दुबारा बनारस जायेंगे तो इस पोस्ट को फिर से उपडेट करेंगे तब तक के लिये बस इतना ही जय भोलेनाथ |

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