आसान है। बोला ना, आसान है। मैं हर इन्ट्रोवर्ट को बोलना चाहता हूँ कि घूमना आसान है। लोग भले ना समझें लेकिन तुम समझ लेना। घुमक्कड़ होना ऐसी दुनिया देखने जैसा है जिसे देखने के लिए आँखों से कुछ ज़्यादा की ज़रूरत है। बस एक डर को छोड़ देना है जो आपको घर से बाँधकर रखता है। फिलहाल तो घर से बंधना डर नहीं, बल्कि समझदारी की बात है। लेकिन चलिए इस वक्त का इस्तेमाल खुद को आने वाले अच्छे समय के लिए तैयार करने के लिए करते हैं।
अगर आने वाली छुट्टियों का प्लान बनाया है तो आप पक्का ऐसी जगह की तलाश में होंगे जहाँ रहने की बढ़िया सुविधा हो जाए, ताकि घूमने में परेशानी ना हो। हिमाचल के कसौली में ही एक ऐसी प्यारा सा होमस्टे है जो आपके सपनों का घर हो सकता है। खाने पीने की व्यवस्था भी यहीं हो जाएगी, मतलब खाने की, पीने की नहीं।
ला पाइनकोन्स कसौली
किसके लिए है बेस्ट
जिनके पास शाम को काम ना हो, प्यार करने वाला कोई नया नवेला जोड़ा हो, या फिर कोई यायावर मुसाफ़िर। पहाड़ में बैठकर सूरज को ताकते हुए आराम करना यहाँ की ज़रूरी शर्त है, जिसके लिए आपके पास वक़्त होना चाहिए।
प्रॉपर्टी के बारे में
जलस्तर से 6300 फ़ीट की ऊँचाई पर बसा ला पाइनकोन्स कसौली नाम की यह जगह अपने शान्त स्वभाव के कारण पहली ही नज़र में आकर्षित करती है। यहाँ आने के लिए हिमाचल के कसौली से बस 5 किमी0 दूर गारखल नाम के एक छोटे से क़स्बे तक पहुँचने की देरी है। ये रिसॉर्ट उन गिने होटलों में है जो पर्यावरण का ख़ास ख़्याल रखते हैं। सूरज की रौशनी से अपने लिए ऊर्जा पैदा करने वाला ये देश का गिना चुना रिसॉर्ट है।
इस कॉटेज की दीवारों पर देवदार की लकड़ियों से काफ़ी काम हुआ है, जो इसको किसी पारम्परिक कॉटेज की शक्ल देता है। इसके साथ ही यहाँ किसी प्राचीन कला और यहाँ की स्थानीय लोगों की स्मृतियों के क़िस्से भी मिलते हैं। इको-फ़्रेंडली होने के साथ-साथ ये जगह अपने पास की पहचान और तहज़ीब की भी क़द्र करती है। यहाँ पर आपको क्वीन साइज़ बेड, वार्डरोब, डाइनिंग के लिए जगह, टेलीविज़न और कमरे के साथ बाथरूम अटैच मिलेंगे।
लेकिन जो इस कॉटेज की बात इसे औरों से अलग बनाती है, वो है यहाँ पर बैठक की जगह। हरे पहाड़ों के बीच रंग बिरंगे फूल और वहाँ सजी हुई महफ़िल, बाक़ी का नज़ारा बताने की ख़ास ज़रूरत नहीं है।
ज़ायका
सादगी में क़यामत की अदा होती है। खाने के लिए उत्तम क्वालिटी की सब्ज़ियाँ, तेल और मसाले; जो आपके स्वास्थ्य का तो ख़्याल करते ही हैं, साथ ही मन भी भर जाता है। हम्म, यहाँ पर अलग से नाम लेना चाहूँगा आलू पराँठों का, क्योंकि ये हैं बेहतर से कुछ ज़्यादा। पीली अरहर वाली दाल और मिक्स सब्ज़ी, दिन ना बन जाए तो कहना।
आप खाने के लिए अपनी जगह का चुनाव ख़ुद कर सकते हैं। मैं तो सलाह दूँगा कि खाने के लिए सबसे ऊपर मचान है, जहाँ से पहाड़ बातें करते हैं और आप खाने का लुत्फ़ उठाते हो। यहाँ पर खाने का जो अनुभव आप बटोरते हो, वो लुभावना होने के साथ बचपन याद करा देने वाला होता है।
क़ीमत
एक दिन और दो लोगों के लिए इस रिज़ॉर्ट की क़ीमत ₹2,500 है। खाने का बिल इसमें शामिल नहीं है।
कब जाना चाहिए
पहाड़ों पर मौसम हमेशा सर्द ही होता है। बेहतर रहेगा कि आप गर्मियों का प्लान बनाएँ। अप्रैल से जून का समय तो सबसे बेस्ट रहेगा। अगर ट्रिप को एडवेंचर से भर देना है, तो दिसम्बर से फ़रवरी में प्लान बनाएँ।
क्या-क्या है आसपास और रिसॉर्ट में
1. लोअर मॉल रोड में तिब्बती स्वाद का तड़का
कसौली की छोटी छोटी गलियाँ यहाँ के स्वाद को बहुत लाजवाब करती हैं। आप जब यहाँ पहुँचेंगे तो समझ जाएँगे मैं यहाँ क्या कह रहा हूँ। छोटे छोटे कैफ़े लोअर मॉल रोड की गलियों में जो रौनक लगाते हैं, उसकी छटा शाम के वक़्त में और नुमाया होती है। तिब्बती स्वाद चखने के लिए यहाँ आना फ़ायदे का सौदा है।
2. हेरिटेज मार्केट की शॉपिंग
कसौली का बाज़ार प्रायः गर्म कपड़े की दुकानों, किन्नौर की बहुप्रसिद्ध साड़ियों और उन वस्तुओं से सजा रहता है जिन पर हाथ का बारीक़ काम किया गया होता है। खाने पीने की सामान्य वस्तुओं के साथ ही आप शॉपिंग के लिए दूसरा सामान जैसे जैम, अचार और देर तक चलने वाली चीज़ों की ख़रीदारी कर सकते हैं।
3. कसौली का प्रसिद्ध क्राइस्ट चर्च
कसौली अंग्रेज़ों के बनाए शानदार कला के नमूनों का साथी रहा है। अंग्रेज़ों का बनवाया एक बड़ा चर्च है जिसको लोग धार्मिक के बजाय वास्तु कला के नज़रिए से भी देखने आते हैं। 1853 में बनवाया गया ये चर्च आज भी पहले जैसा ही है। बहुत प्रसिद्ध होने के कारण ही इसे लोग मिलने के लिए लैंडमार्क की तरह भी उपयोग में लाने लगे हैं।
4. घने जंगलों की एक छोटी सी सैर
मेरे जैसे लोग जिन्हें अनछुए रास्तों पर चलने का शौक़ है, ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहाँ आगे पीछे कोई सदियों से ना आया हो, तो कसौली की गिलबर्ट ट्रेल में आना तो मेरे जैसों के लिए स्वर्ग है। 1.5 किमी0 लम्बे इस छोटे से जंगल में घूमना तो जैसे सपना सच होने वाली बात होगी। उसके कुछ 45 मिनट की सैर और है जो आपको सीधा पहाड़ की चोटी पर पहुँचा देती है।
5. सूरज के साथ दिखाइए फ़ोटोग्राफ़ी का टैलेंट
कसौली की हरियाली दुनिया भर के फ़ोटोग्राफ़रों को आकर्षित करती है। तस्वीरें खींचने के लिए बाक़ायदा स्पॉट भी बने हुए हैं यहाँ पर। आप मनकी पॉइंट रोड पहुँचें। यहाँ पर बसा हवाघर सूरज की फ़ोटो खींचने के लिए शहर का जाना पहचाना नाम है। वहीं शहर में एक सनसेट पॉइंट भी है जहाँ डूबते सूरज की तस्वीरें खींचने लोग दूर-दूर से आते हैं।
कैसे पहुँचें
सड़क मार्गः दिल्ली से कुल 320 किमी0 दूर इस रिसॉर्ट पहुँचने में आपको क़रीब 7 घंटे का समय लगेगा।
ट्रेन मार्गः यहाँ का सबसे नज़दीकी स्टेशन कालका का है जो क़रीब 30 किमी0 दूर है। दिल्ली से कालका के लिए ट्रेन क़रीब साढ़े चार घंटे में आपको पहुँचा देगी। यहाँ से आप रिसॉर्ट के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
हवाई मार्गः दिल्ली से चंडीगढ़ की फ़्लाइट लगभग ₹2,000 का खर्चा होगा। वहाँ से 60 किमी0 दूर इस रिसॉर्ट पर आप टैक्सी से पहुँच सकते हैं।
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