अगर आपने फिल्म बजरंगी भाईजान देखी है तो आपने देखा होगा किस तरह बजरंगी पाकिस्तान में बचते बचाते सैर कर आता है। पर असल ज़िन्दगी की बात करें तो पाकिस्तान जाना भारतीयों के लिए आसान नहीं बल्कि पाकिस्तानी वीज़ा मिल पाना नामुमकिन के क़रीब है। ऐसे में अगर आप उत्सुक हैं तो आपको बता दें कि पाकिस्तान का एक छोटा हिस्सा है जहाँ भारतीय नागरिक जा सकते हैं वो भी बिना वीज़ा के। ये जगह है करतारपुर साहिब।
करतारपुर साहिब
करतारपुर साहिब भारतीय सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान में स्थित एक गुरुद्वारा है। यह दुनिया भर के सिखों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, क्योंकि यह सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अंतिम विश्राम स्थल है। गुरुद्वारा रावी नदी के तट पर स्थित है और सुंदर खेत और ग्रामीण इलाकों से घिरा हुआ है।
गुरु नानक देव ने अपने जीवन काल के अंतिम 18 वर्ष यहाँ व्यतीत किए थे और उनकी समाधी भी यहीं हैं। इस कारणवश सिख समुदाय के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण तीर्थ है। पर विभाजन के समय करतारपुर पाकिस्तान की सीमा में चला गया इस कारणवश यहाँ जाना चुनौतीपूर्ण हो गया था। केवल सिख समुदाय के लोग एक ख़ास परमिट के बाद लम्बे रास्ते से लाहौर के ज़रिये करतारपुर आ सकते थे।
2019 में करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण से भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पाकिस्तान में गुरुद्वारा जाना आसान हो गया । गलियारा 4.7 किलोमीटर लंबा मार्ग है जो भारत में डेरा बाबा नानक मंदिर को पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारे से जोड़ता है। गलियारा पूरे वर्ष खुला रहता है और भारतीय तीर्थयात्रियों को बिना वीजा की आवश्यकता के गुरुद्वारे में जाने की अनुमति देता है।
करतारपुर जाने की प्रक्रिया
करतारपुर जाने के लिए आपको करतारपुर के वेबसाइट पर रजिस्टर करना होता है। इस के लिए पासपोर्ट ज़रूरी होता है। रजिस्टर करने पर आपको जाने की तिथि चुननी होती है। आम तौर पर २-३ हफ्ते आगे की तिथि मिलती है।
सही तरह से रजिस्टर करने के बाद आप को एक पुलिस वेरिफिकेशन करना पड़ता है। यह प्रक्रिया पासपोर्ट जाँच जैसी ही है। आपकी जानकारी से संतुष्ट हो कर आपकी एप्लीकेशन अप्प्रोवे कर दी जाती है। जाने की तिथि से ४ दिन पूर्व आपको आपका ऑनलाइन ई टी ए भेजा जाता है। यह सबसे महत्त्वपूर्ण डॉक्युमेंट है जो आपको करतारपुर कॉरिडोर में प्रवेश के समय दिखाना होता है।
करतारपुर जाने से पहले २०२३ मार्च में भी कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की आवश्यकता थी। इसलिए जाने से पहले यह जाँच लें कि उस समय कि क्या मेडिकल रिक्वायरमेंट्स है।
करतारपुर कॉरिडोर डेरा बाबा नानक से शुरू होता है जो कि अमृतसर से ५० किलोमीटर उत्तर में है। कॉरिडोर में प्रवेश करने से पहले आपके पासपोर्ट एवं ई टी ए कि जाँच की जाएगी। अंदर जाने पर आपका सिक्योरिटी चेक किया जाएगा और पोलियो की ड्रॉप दी जाएगी। चूँकि पाकिस्तान पूर्णतः पोलियो से मुक्त नहीं है इसलिए यह ड्रॉप लेना अनिवार्य है।
इसके बाद आप करेंसी एक्सचेंज कर सकते हैं। पाकिस्तान में प्रवेश करते समय आपको २० अमेरिकी डॉलर देने होते हैं। हालाँकि वहाँ भी मनी एक्सचेंज है पर भारत में आपको बेहतर कीमत पर एक्सचेंज मिल जायेगा। इसके बाद आपका बायोमेट्रिक और सिक्योरिटी स्कैन होगा साथ ही कस्टम्स में आपको अपने कीमती सामान, कैश और गहने का विवरण देना होगा। आप १० हज़ार रुपये से ज़्यादा पाकिस्तान नहीं ले जा सकते।
इसके बाद एक गाड़ी आपको पाकिस्तान की सीमा पर ले जाएगी। यहाँ आप पैदल चल कर पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करेंगे जहाँ एक गाडी आपका इंतज़ार कर रही होगी। वह आपको पाकिस्तान इमिग्रेशन पर ले जाएगी। यहाँ पर आपसे एंट्री फी ली जाएगी और आपके कागज़ात चेक किये जायेंगे। इसके बाद फिर से सिक्योरिटी जाँच के बाद आपको यात्री कार्ड दिया जायेगा । यहाँ से एक बस आपको करतारपुर ले जाएगी।
करतारपुर में प्रवेश करने से पहले आपको कुछ नियम बताये जाएंगे । इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है कि आप अंदर वीडियो नहीं ले सकते। फ़ोन कैमरा से फोटोग्राफी कि अनुमति है।
करतारपुर गुरुद्वारा
गुरुद्वारा एक विशाल परिसर के बीचोबीच है। करतारपुर गुरुद्वारा अपनी सफेद संगमरमर की संरचना और सुनहरे गुंबद के साथ सिख वास्तुकला का एक सुंदर उदाहरण है। गुरुद्वारे में चार प्रवेश द्वार हैं, जो सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए सिख धर्म के खुलेपन का प्रतीक हैं। गुरुद्वारे के अंदर सुंदर पेंटिंग और कलाकृति है जो गुरु नानक देव के जीवन के दृश्यों को दर्शाती है।
आप शाम ३ बजे तक गुरूद्वारे के अंदर घूम सकते हैं और लंगर का आनंद ले सकते हैं। गुरूद्वारे के बाहर एक शॉपिंग काम्प्लेक्स भी है जहाँ आप पाकिस्तानी हेंडीक्राफ्ट, आभूषण, जूते व कपड़े खरीद सकते हैं।
४ बजे के पहले आपको भारत लौटना होगा। आप बस में उसी रस्ते वापस आते हैं। हर सुरक्षा जाँच स्थल पर दुबारा उसी तरह से जाँच कि जाएगी ।
इस तरह आप पाकिस्तान में ६ घंटे बिता सकते हैं। करतारपुर जाने का परमिट एक निश्चित दिन के लिए ही होता है और आप उसी दिन ही वहाँ घूम कर आ सकते हैं । हालाँकि आप जितनी बार जाना चाहें जा सकते हैं लेकिन हर बार रजिस्ट्रेशन की उसी विधि से गुज़ारना पड़ेगा।
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