कुछ जगहें होती हैं जहाँ आकर लगता है कि हम यहाँ पहले क्यों नहीं आए? हमको इस जगह के बारे में पहले क्यों नहीं पता था? यकीन मानिए ऐसी जगहों पर आकर वापस जाने का मन नहीं करता है। ऐसा ही खूबसूरत और अतीत के पन्नों से भरा कर्नाटक का छोटा-सा शहर है, बीदर। बीदर जो खंडहरों का शहर है। जहाँ चारों तरफ आपको इतिहास के झलक दिखाई देगी। यहाँ की संस्कृति अभी अी आधुनिकीकरण से बची हुई है। सबसे जरूरी बात यहाँ के लोग इतने प्यारे हैं कि आप यहाँ से वापस नहीं जाना चाहेंगे। यदि आप ऐसी ही किसी छिपी हुई जगह पर जाना चाहते हैं जहाँ इतिहास की गुमनाम विरासत हो तो कर्नाटक का बीदर आपके लिए परफेक्ट जगह है।
पुरानी दीवारों से घिरे इस शहर पर कभी चालुक्यों, अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद बिन तुगलक जैसे सबसे शक्तिशाली राजाओं का शासन हुआ करता था। बीदर में सिर्फ ये विरासत ही नहीं है। ये शहर पहाड़ पर होने की वजह से खूबसूरत भी है। इन खंडहरों से आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे। ये छोटा-सा पहाड़ी शहर कर्नाटक के नार्थ-ईस्ट की ओर स्थित है। बीदर को सिर्फ टूरिस्ट और घुमक्कड़ ही अनदेखा नहीं करते हैं। सरकार भी इस जगह को भूल-सी गई है। बीदर में कई ऐतहासिक स्मारक हैं जो बेहद महत्वपूर्ण है। बीदर में 50 से ज्यादा ऐसे स्मारक हैं जो काफी अहमियत रखते हैं, जो अच्छे टूरिस्ट प्लेस बन सकते हैं। इसके बावजूद सरकार इस ओर ध्यान नहीं देती।
बीदर क्यों जाएँ?
हर जगह पर जाने से पहले हमारा खुद-से एक सवाल होना चाहिए कि हम उस जगह पर क्यों जा रहे हैं? अगर आपको बीदर के लिए यही सवाल पूछना है तो उसका जवाब हम दे देते हैं। सबसे जरूरी तो बीदर इतिहास को संजोकर रखा है। जहाँ आप इतिहास की गलियों में घूम सकते हैं। इसके अलावा यहाँ बेहद खूबसूरत जगहें हैं जो देखने लायक हैं। कई ऐसी जगहें हैं जो बीदर की संस्कृति को बताती हैं। इसके अलावा बीदर एक अनछुई जगह है, जहाँ बहुत कम लोग जाते हैं। इसलिए आपको बीदर जाना चाहिए क्योंकि अब ऐसी जगहें कम ही हैं जहाँ लोगों का जमावड़ा नहीं मिलता। इसके अलावा हम बीदर की कुछ जगहों के बारे में बता देते हैं जिनको आप देख सकते हैं। बाकी जगहों के बारे में जानना है तो सबसे अच्छा तरीका है बीदर की सैर कर आइए।
बीदर किला
इस शहर की सबसे खूबसूरत और सबसे महत्वपूर्ण जगह है, बीदर किला। 15वीं शताब्दी में बना ये किला इस शहर का गौरव है। इस किले को बहमनी वंश के सुल्तान अहम शाह वली ने बनवाया था। पहली इसकी राजधानी गुलबर्ग थी। 1430 में इसकी राजधानी को बदलकर बीदर कर दिया गया। 1.25 किमी. लंबा और 0.25 किमी. चौड़ा ये किला फारसी आर्किटेक्चर का शानदार नमूना है। किले के अंदर लगभग 30 स्मारक हैं जिनको आप देख सकते हैं। इनमें सबसे खूबसूरत गगन महल, रंगीन महल और तारक महल हैं। जब आप बीदर आएँ तो इस किले को देखने जरूर जाएँ।
गुरू नानक झीरा साहब
देश के कोने-कोने में आपको गुरूद्वारे मिल जाएँगे लेकिन दक्षिण भारत में गुरूद्वारे बहुत कम जगहों पर मिलेंगे। उन्हीं कुछ गुरूद्वारों में से एक गुरूद्वारा बीदर का नानक जीरा साहिब है। ये गुरूद्वारा सिख धर्म में बहुत महत्व और पवित्र माना जाता है। यहाँ देश भर से हर रोज हजारों लोग आते हैं। 1948 में बना ये गुरूद्वारा बीदर के पर्यटन स्थलों में से एक है। जब आप बीदर आएं तो कुछ देर के लिए इस गुरूद्वारे भी जाएँ। आपको यहाँ सुकून और शांति का एहसास होगा।
बहमनी मकबरा
बीदर रेलवे स्टेशन से 5 किमी. की दूरी पर एक जगह है जहाँ बहमनी के मकबरे हैं। इस जगह पर 12 कब्रें हैं जो बहमनी के अलग-अलग सुल्तानों की हैं। ये जगह बेहद खूबसूरत और कारीगरी का शानदार नमूना है। इस मकबरे में बड़े-बड़े गुंबद, सुंदर मेहराब और शिलालेख हैं। ये जगह बहमनी के इतिहास को बताता है। ये बहमनी के सबसे शक्तिशाली शासकों की भव्यता को बताता है। बीदर के सफर में ये जगह आपकी बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए।
शाॅपिंग
बीदर अपने समृद्ध और गौरवशाली इतिहासक के लिए तो जाना ही जाता है इसके अलावा स्थानीय हैंडीक्राफ्टस के लिए भी फेमस है। अगर आपको स्थानीय हैंडीक्राफ्टस खरीदना है तो ये जगह आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं है। यहाँ के लोग अपने हाथ से खूबसूरत हैंडीक्राफ्टस बनाते हैं। यहाँ के बाजार हमेशा गुलजार रहते हैं। आपको यहाँ चांदी, लकड़ी से जड़े और चंदन के उत्पाद मिल सकते हैं। आपको इस जगह पर शाॅपिंग जरूर करनी चाहिए। इस जगह की एक निशानी को तो अपने साथ ले ही जाना चाहिए।
बीदर की थाली में?
बीदर आओ और यहाँ का पारंपरिक भोजन न खाओ तो आपका यहाँ आना अधूरा रह सकता है। देश के दक्षिणी भाग में होने के नाते बीदर अपने चावल के पकवानों के लिए फेमस है। शहर में कुछ शानदार पॉकेट-फ्रेंडली दक्षिण भारतीय रेस्तरां के रूप में लिप-स्मैकिंग स्ट्रीट फूड का स्वाद आपको जरूर लेना चाहिए। इसके अलावा यहाँ की पारंपरिक थाली भी ले सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
अगर आप वाया रोड दिल्ली से बीदर आना चाहते हैं तो आपके बता दें कि दिल्ली से बीदर की दूरी लगभग 1,600 किमी. है। दिल्ली से बीदर पहुँचने में आपको 30 घंटे तो लग ही जाएँगे। अगर आप ट्रेन से बीदर आना चाहते हैं तो दिल्ली से बीदर के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं हैं। आप दिल्ली से सिकंदराबाद तक ट्रेन से आ सकते हैं और यहाँ से आपको बीदर के लिए ट्रेन मिल जाएगी। अगर आप फ्लाइट से आने की सोच रहे हैं सबसे नजदीकी हैदराबाद एयरपोर्ट है। हैदराबाद एयरपोर्ट से टैक्सी बुक करके बीदर पहुँच सकते हैं। हैदराबाद से बीदर पहुँचने में लगभग तीन घंटे लगेंगे।
कहाँ ठहरें?
बीदर में वैसे कोई बेहद आलीशन और रिहायशी होटल नहीं हैं लेकिन कुछ अच्छी जगहें हैं जहाँ आप ठहर सकते हैं। सबसे अच्छी बात यहाँ से बीदर की सभी जगह बहुत पास हैं। जो आपके इस सफर को और भी खूबसूरत बनाएगा।
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