हिमाचल प्रदेश में घूमने हेतु कई पर्यटक स्थल, झीले, ग्लेशियर तथा पर्वत चोटिया है। इनमे से एक है विश्व प्रसिद्ध करेरी झील। यह झील एक ऐसा पर्यटक स्थल है जो पर्यटको को अपनी और सम्मोहित कर देता है। यह झील जिला काँगड़ा के धर्मशाला में स्थित है । करेरी लेक ट्रेकिंग का सबसे उचित समय मई से जून और सितम्बर से अक्टूबर तक का है। करेरी झील(Kareri Lake) एक साफ़ पानी की एक खूबसूरत झील है जिससे देखने प्रति वर्ष देश विदेश से लाखो पर्यटक आते है तथा यहाँ आकर शान्ति का अनुभव करते है। यह एक छोटा ट्रैक है जिसमे किसी भी उम्र के व्यक्ति आसानी से जा सकते है। इस झील के चारो और आपको ढेर सारी वनस्पतियाँ तथा जड़ी बूटिया दिखाई पड़ती है। ये पूरा क्षेत्र घने देवदार के वृक्षों से भरा हुआ है। यहाँ के जंगलो में चिर और चिलगोजा पाइंस भरे हुए है जो देखने में बहुत सुन्दर दिखाई प्रतीत होते है। यहाँ पर बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पक्षी भी दिखाई देते है। करेरी झील के निकट ही एक प्राचीन मंदिर भी बना हुआ है जो भगवान शिव और माता शक्ति को समर्पित है। यह मंदिर एक पहाडी की छोटी पर बना हुआ है जहाँ से आप इस झील की मनमोहक खूबसूरती को निकट से देख सकते है। इस झील का पानी वहाँ स्थित धौलाधार पर्वत में स्थित ग्लेशियर के पिघलने से आता है। दिसम्बर से मार्च तक ये झील पूरी तरह से जम जाती है उस समय इस झील का आकर्षक देखने लायक होता है। करेरी झील ट्रैक पर जाते समय आपको स्वयं सावधानी बरतने के साथ रोजाना के प्रयोग होने वाली जरूरत की चीजों को भी अपने साथ ले जाना आवश्यक होता है। साथ ही आपको छोटी मोटी शारीरिक परेशानियों के लिए सर दर्द, पैट ख़राब व अन्य रोगो के उपचार हेतु फर्स्ट ऐड की चीजे व दवाइयां भी जरूर ले जानी चाहिए ताकि आवस्यकता अनुसार जरूरत के समय ये प्रयोग में लाई जा सके।
वहाँ का मौसम प्रति घंटे के हिसाब से बदलता रहता है जिस कारण वहाँ ठण्ड भी अधिक रहती है। इस कारण आपको ठण्ड व बारिश से बचाव हेतु रैनकोट, फुल स्लीव्स पतली जैकेट्स, मंकी कैप, ट्रैकिंग शूज, गर्म मोज़े, मफलर, तौलिए, धुप से बचाव हेतु अच्छे किस्म के चश्मे, कोल्ड क्रीम, लिप बाम, सनस्क्रीन लोशन, एल०ई०डी टॉर्च, गर्म पानी की बोतल, ट्रैकिंग पोल, सिरदर्द की दवाइयाँ जैसे क्रोसिन, डिस्प्रिन, कॉटन, बैंड-ऐड, मूव स्प्रे, गौज, क्रैप बैंडेज आदि चीजे है जो आपको ट्रैक पर जाते समय अपने साथ रखनी चाहिए इनकी जरूरत आपको ट्रैक पर जाते वक्त कभी भी पड़ सकती
आपके दूसरे दिन का ट्रैक करेरी गांव से शुरू होता है करेरी झील तक जाता है। ट्रैक के मध्य में आपको पाइन, ओक व रोडोडेंड्रोन के सुन्दर वृक्ष दिखाई पड़ते है जो आपके मन को प्रफ्फुलित करने के लिए क़ाफी होते है। वही इस ट्रैक पर आपको कई लकड़ी के बने हुए पुलों को पार करके जाना होता है। इन पुलों को करेरी गांव के लोगो द्धारा ही बनाया गया है। यह ट्रैक लगभग 14 किमी का होता है करेरी झील की ऊंचाई समुद्र तल 3,250 मीटर पड़ती है। यह ट्रैक त्रिउंड पीक पर्वत के साथ साथ होते हुआ जाता है। इस ट्रैक में पत्थर, चट्टानें व मिटटी से भरी सड़के मिलती है जिस पर चलना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। करेरी झील के पास की एक बेहद खूबसूरत मंदिर दिखाई पड़ता है। वही मन्दिर के साथ में नदी भी दिखाई पड़ती है जो आपके रास्ते की सारी थकान मिटा देती है। झील पर पहुंचकर आप करेरी झील के पास ही तारो की छाँव में अपना टेंट लगा सकते है व रात भर यहाँ रुकने का आनंद ले सकते है।
तीसरे दिन का ट्रैक आपका वापसी के लिए जाता है। इस दिन आपको करेरी झील से करेरी गांव तक आना होता है। करेरी झील से करेरी गांव तक कि कुल दूरी 15 किमी पड़ती है जिसमे आने में लगभग 6 घंटे तक का समय लग जाता है। यह ट्रैक घने जंगलो के बीच से होकर आता है। नीचे की और आने पर ढलान पड़ती है जिस कारण आपको धीरे धीरे नीचे उतरने की सलाह दी जाती है।ढलानों पर उतरते समय सारा जोर आपके घुटनो पर आ जाता है जिस कारण घुटने जाम होने की समस्या आ सकती है। आप रात को करेरी गांव में भी विश्राम कर सकते है अन्यथा आप इसी दिन धर्मशाला के लिए वापस आ सकते है। यहाँ आकर आपका ट्रैक पूरा हो जाता है। यहाँ से आप अपने अपने गंतव्य को टैक्सी या सरकारी बस द्धारा वापस जा सकते है।
By Air: हवाई मार्ग द्धारा: करेरी लेक ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित हवाई अड्डा गग्गल में है जो की धर्मशाला से 13 किमी की दूरी पर स्थित है। नई दिल्ली से यहाँ तक के लिए आपको फ्लाइट की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो जाएगी और यदि दिल्ली के अतिरिक्त आप कही और से करेरी लेक ट्रैक पर आना चाह रहे है तो आपको चंडीगढ़ तक ही विमान सेवा उपलब्ध हो पायेगी। वहाँ से आप सरकारी वाहन द्धारा या प्राइवेट टैक्सी बुक कर धर्मशाला तक पहुंच सकते है।
धर्मशाला से चंडीगढ़ तक की दूरी लगभग 275 किमी पड़ती है। यहाँ पहुँचकर आप घेरा गांव तक प्राइवेट टैक्सी द्धारा आसानी से पहुंच सकते है। घेरा गांव से करेरी झील तक की दूरी लगभग 20 किमी पड़ती है।घेरा गांव से आप को ट्रैक कर करेरी झील तक पहुंचना होता है।
By Bus: सड़क मार्ग द्धारा: करेरी लेक ट्रैक पर जाने के लिए सबसे पास स्थित बस स्टेशन धर्मशाला हैA धर्मशाला देश के अधिकतर हिस्सों से आसानी से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त आप पठानकोट तक ट्रैन द्धारा पहुँचकर वहाँ से हिमाचल की सरकारी बस या किराये की टैक्सी करके धर्मशाला तक आसानी से पहुंच सकते है।
पठानकोट से धर्मशाला तक की दूरी लगभग 91 किमी होती है। वही दिल्ली से धर्मशाला तक बस से दूरी लगभग 520 किमी पड़ती है। यहाँ पहुँचकर आप गेरा गांव तक प्राइवेट टैक्सी द्धारा आसानी से पहुंच सकते है। घेरा गांव से करेरी झील तक की दूरी लगभग 20 किमी पड़ती है। घेरा गांव से आप को ट्रैक कर करेरी झील तक पहुंचना होता है।
करेरी लेक ट्रैक पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से लेकर नवम्बर तक का होता है। उसके बीच सावन का मौसम होने के कारण ट्रैक पर फिसलन रहती है जिस कारण ट्रैकर्स को जाने में काफी परेशानियों व फिसलन के कारण गिरने का डर बना रहता है।
दिसम्बर से फ़रबरी तक यहाँ जम के बर्फवारी होने के कारण यहाँ चारो और बर्फ ही बर्फ दिखाई पड़ती है जिस कारण ट्रैकर्स का यहाँ आना मुश्किल हो जाता है। सही मौसम पर यहाँ आकर आप यहाँ पर प्रकर्ति का भरपूर आनंद ले सकते है।