इस बार होली 17-18 मार्च को है। पूरे भारत में होली का पर्व मनाया जाता है। वैसे तो रंगों का यह पर्व मुख्यत: दो दिन का होता है, जिसमें पहले दिन होलिका दहन होता है और अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है। लेकिन भारत में एक ऐसा शहर भी है, जहां 12 दिनों तक होली के उत्सव की धूम होती है। यहां 12 दिन का होली महोत्सव मनाया जाता है। इस दौरान दूर दराज से लोग होली महोत्सव में शामिल होने पहुंचते हैं। वैसे इस 12 दिवसीय होली उत्सव की शुरुआत हो चुकी है। 7 मार्च से होली महोत्सव का आगाज हो गया है जो 18 मार्च तक मनाया जाने वाला है। अगर आप घर से बाहर होली मनाना चाहते हैं, तो 12 दिवसीय होली महोत्सव में शामिल हो सकते हैं। इस शहर में आप होली उत्सव में शामिल होने के बाद यहां की खूबसूरत और दार्शनिक स्थलों को भी घूम सकते हैं। चलिए जानते हैं 12 दिन के होली महोत्सव की परंपरा के बारे में।
फाल्गुन का महीना शुरु हो गया है, और लोग होली के त्यौहार की तैयारियां कर रहे हैं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके पुष्कर की होली का अपना अलग ही आनंद है। यहां के लोग होली हर्ष और उल्लास के इस त्यौहार को मनाया जाता है। वहीं अगर आप हर बार घर पर होली का त्यौहार मनाते हैं तो इस बार आप भी पुष्कर हो आइए, क्योंकि अगर यहां की होली नहीं देखी तो दुनिया में क्या देखा। अपनी इस बार की होली को और मजेदार बनाने के लिए दोस्तों के साथ एक छोटा ट्रिप प्लान करें। राजस्थान के एक छोटा शहर पुष्कर जो अपनी संस्कृति और होली दोनों के लिए जाना जाता है। हर साल होली के दिन यहां देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। वराह घाट और ब्रह्म चौक पर इस दिन कई आयोजन होते हैं, जहां विशेष तौर पर भीड़ इकट्ठा होती है। पर्यटक स्थानीय निवासियों के साथ खूब होली खेलते हैं। इस मौके पर क्या आम क्या खास सभी इस त्यौहार में सराबोर होते हैं। वहीं कई लोग डीजे की धुन पर झूमते नजर आते हैं।
12 दिन का होली उत्सव
राजस्थान के पुष्कर नाम का हिंदू तीर्थ स्थल है। भगवान ब्रह्मा का एकमात्र मंदिर पुष्कर में ही स्थित है। इसी तीर्थ नगरी में 12 दिवसीय होली महोत्सव की शुरुआत हुई है। यहां लाबेला होली मंडल के तत्वावधान में 7 मार्च से 18 मार्च तक पुष्कर के प्रधान वराह घाट चौक पर हर दिन होली उत्सव होगा।
पुष्कर में कैसे मनाया जाता है होली उत्सव?
इस दौरान 12 दिनों तक रोजाना संगीतमय प्रस्तुति, रंगारंग कार्यक्रम, राजस्थान का पारंपरिक गैरनृत्य डांडिया, चंग की थाप पर नृत्य आदि का आयोजन होता है। महोत्सव में शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों के साथ देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं।
होली के मौके पर इस साल पुष्कर में ख्याति प्राप्त नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी का समूह कार्यक्रम करेगा। इसके बाद स्थानीय ढोल, सिंधी ढोल और नासिक के ढोलों पर पारंपरिक गैर नृत्य डांडिया का आयोजन मध्य रात्रि में होगा। 17 मार्च को होलिका दहन और 18 मार्च को विश्व प्रसिद्ध पुष्कर की होली खेली जाएगी।
पुष्कर की कपड़ा फाड़ होली
पुष्कर की होली एक और कारण से मशहूर है। यहां हर साल कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है। यहां की कपड़ा फाड़ होली तो पूरी दुनिया में खासी लोकप्रिय है। लोग आपस में रंग और गुलाल के साथ जमकर होली खेलते हैं। इस दौरान कड़े फाड़ने की एक अनूठी होड़ मचती है। हालांकि, इस भीड़ में किसी भी तरह की कोई घटना देखने को नहीं मिलती है। इस दौरान लोग जो कुछ भी पीते हैं या खाते हैं उसमें नशा या अल्कोहल शामिल नहीं होता। हालांकि, भांग यहां का एक स्थानीय पेय है जो लस्सी या ठंडाई मं अर्क के तौर पर मिलाई जाती है। यहां आने वाले लोग पुष्कर की होली के दिवाने होते हैं। कोई भी पर्यटक अगर एक बार यहां आ जाता है तो वो बार-बार यहां आने की सोचता है।
1. होली कार्यक्रमों की धूम 07 मार्च से शुरू हो जाएगी।
2. सात मार्च को ख्यातिप्राप्त नगाड़ा वादक नाथू लाल सोलंकी समूह का नगाड़ा वादन व दीनो बनजारा का कार्यक्रम होगा।
3. आठ मार्च को चुग्गे खां का राजस्थानी जोश, अठरंगी प्रोजेक्ट होगा।
4. नौ मार्च को कबीर का क्लासिकल, नवाब खान व दी-मंत्रा के साथ जीओम फायर सक्र डान्स, वीनी देवड़ा व ब्राउन बॉय का संगीत तथा ब्राउन गंग का कार्यक्रम होगा।
5. दस मार्च को वैभव मौलटेक का विपल् प्रोबीट होगा।
ग्यारह मार्च को रूटस ऑफ पुष्कर का तथा बारह से अठारह मार्च तक स्थानीय युवकों की ओर से सींधी ढोल, नासिक ढेाल, स्टिक डान्स होगा।
6. होलिका दहन के बाद बैण्डवादन होगा।
7. इसके अलावा डांडियां होगा।
8. 18 मार्च को विश्व प्रसिद्ध पुष्कर होली का आयोजन होगा।
पुष्कर कैसे पहुंचे
हवाईजहाज से पुष्कर कैसे पहुंचे
किशनगढ़ एयरपोर्ट की पुष्कर से दूरी मात्र 50 किलोमीटर है। अगर आप मुम्बई, दिल्ली और कोलकत्ता जैसे शहरों पुष्कर आ रहे है तो आप किशनगढ़ एयरपोर्ट आ सकते है और यहाँ से आप को पुष्कर के लिए बस और कैब सर्विस मिल जाएगी।
लेकिन अगर आप किसी दूसरे देश से पुष्कर की यात्रा कर रहे है तो आप को सबसे पहले जयपुर एयरपोर्ट आना होगा। जयपुर एयरपोर्ट की पुष्कर से दूरी मात्र 150 किलोमीटर है। जयपुर एयरपोर्ट की विश्व के दूसरे देशों से कनेक्टिविटी बहुत अच्छी है।
जयपुर एयरपोर्ट से आप को पुष्कर के लिए कैब मिल जाएगी। जयपुर के सिंधी कैम्प बस स्टेशन से आप को पुष्कर के लिए सीधी बस मिल जाएगी
रेल से पुष्कर कैसे पहुंचे -
अजमेर रेलवे स्टेशन पुष्कर के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। अजमेर रेलवे स्टेशन से पुष्कर की दूरी मात्र 14.5 किलोमीटर है। रेलवे स्टेशन आप को पुष्कर के लिए कैब और टैक्सी सर्विस मिल जाएगी।
अगर आप बस से पुष्कर जाना चाहते है तो आप को रेलवे स्टेशन से ऑटो लेकर सबसे पहले अजमेर बस स्टेशन आना होगा यहाँ से आप को पुष्कर के लिए सीधी बस मिल जाएगी।
सड़क मार्ग से पुष्कर कैसे पहुंचे -
एक प्रसिद्ध पर्यटक और धार्मिक स्थल होने की वजह से पुष्कर सड़क मार्ग द्वारा देश और राजस्थान के अन्य शहरों से बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से पुष्कर आने के लिए आप जयपुर और अजमेर जैसे बड़े शहरों से सरकारी और निजी दोनों तरह की बस सेवा मिल जाएगी। आप चाहें तो इन दोनों शहरों से आप कैब या टैक्सी करके भी पुष्कर आ सकते है।
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