अगर आपका जन्म भारत के इस इलाक़े में हुआ है या फिर आपने अपनी ज़िंदगी का कुछ हिस्सा यहाँ कहीं बिताया है जो सांस्कृतिक और राजनैतिक रूप से भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है तो बकैती तो आपके रगों में दौड़ती होगी। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश की, जिसे यहाँ के लोग कहते हैं यूपी...। वह राज्य, जिनके पास कुछ नहीं है लेकिन भौकाल एकदमै टाइट है। यहाँ के वन लाइनर ख़ुद में ही मीम हैं। तो आइए, पेश है यूपी की आम भाषा में बोले जाने वाले कुछ शब्द और मुहावरे, जो आपको अंग्रेज़ी और चिकनी हिंदी के माहौल से दूर लेजा कर सीधे आपके गाँव में पटक देंगे:
1. जब कोई मामला बिगड़ जाए और आपको इसकी ख़बर अपने दोस्तों को देनी हो तो आपकी ज़ुबान से जो पहले शब्द फिसलते हैं:
2. जब आपको अपने दोस्त को किसी के क़रीब जाने से पहले उसके साथ आने वाली मुसीबत की चेतावनी देनी हो:
3. अगर आपको कोई बेवजह परेशान कर रहा हो या फ़िज़ूल की बातें कर रहा हो, आप उसे ये आख़िरी चेतावनी देते हैं:
4. जब आप किसी से सवाल कर रहे हों और वो कुछ भी जवाब न दे रहा हो:
5. आप अपने पसंदीदा लोगों के कारनामों की तारीफ़ ऐसे करते हैं:
6. जब आपको शक़ हो जाए कि आपका दोस्त इंसान की शक़्ल में जानवरों जितनी बुद्धि लिए घूम रहा है:
7. आप किसी के नखरों और ना-नुकुर का ऐसे जवाब देते हैं:
8. अगर किसी को आपको अपना रुतबा दिखाना हो:
9. जब किसी की ख़ुद की बड़ाईयाँ और कारनामों के क़िस्से ख़त्म ही ना हों:
10. जब आपसे कोई ऐसी बात करे जो मुमक़िन ही न हो:
जब दो दोस्तों की लड़ाई हो रही हो तो अनायास ही मुँह से निकलने वाले शब्द कुछ ऐसे होते हैं।
मारेंगे कम, घसीटेंगे ज्यादा।
पूरी दुनिया में लोगों की 'पिटाई' होती है, लेकिन कानपुर के लोग पलटकर ऐसा जवाब दे सकते हैं।
हौंक दिए जाओगे।
किसी की बड़ाई करने के लिए कनपुरिया लोग ज़्यादातर इस लाइन का इस्तेमाल करते हैं
झाड़े रहो कलक्टरगंज।
जब आप किसी कनपुरिये को परेशान कर रहे हों तो उसका जवाब आएगा
काहे चरस बो रहे हो बे हमाइ जिन्दगी में।