कल्पेश्वर मंदिर गढ़वाल के चमोली जिले, उर्मगम घाटी, उत्तराखण्ड, भारत में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक हिन्दू मंदिर है। कल्पेश्वर मंदिर पंच केदारों में से एक है तथा पंच केदारों में इस पांचवा नम्बर है। जो समुद्र तल से 2,200 मीटर (7,217 फीट) की ऊँचाई पर बना हुआ है। कल्पेश्वर एकमात्र पंच केदार मंदिर है, जो पूरे वर्ष में उपलब्ध हैं। यह एक छोटा सा मंदिर जो पत्थर की गुफा मंे बना हुआ है ऐसा माना जाता है भगवान शिव की जटा प्रकट हुई थी। इस मंदिर में भगवान शिव की ‘जटा’ की पूजा की जाती है। इसलिए, भगवान शिव को जतधर या जतेश्वर भी कहा जाता है। जटा शब्द का अर्थ होता है ‘बाल’। कल्पेश्वर मंदिर पांडवों द्वारा बनाया गया था। कल्पेश्वर मंदिर की वास्तुकला उत्तर भारतीय शैली में है।
कल्पेश्वर महादेव के दर्शन के लिये हम अपने दोस्तो के साथ देल्ही से निकल गये। देल्ही से बस ली हमने गोपेश्वर के लिये और अगले दिन हम चमोली मे उतर गये। फ़िर हमने वहाँ से जोशीमठ के लिये टेक्सी ली।
फिर हमने वहाँ पर नास्ता किये और वहाँ से हमने कल्पेश्वर महादेव जाने के लिये टेक्सी के लिये पता किये जो हम उस दिन बहुत ज्यादा लग रहा था क्युकी वहाँ से 100₹ पर सवारी वाली टेक्सी जाती हैं। पर जिस दिन हम पहुँचे उस दिन बहुत शादी हो रही थी, जिसे कारण वहां की सारी टेक्सी वहां की शादी मे जा रही थी।
और जो प्राइवेट टेक्सी वह बहुत ज्यादा ले रही थी और रात भी हो रही थी तो हमने वही रुकने का प्लान किया, और हमने वही पे होटल ले लिये और रेस्ट किया और अगले दिन हम वहां से कल्पेश्वर मंदिर के लिये निकल गये। और हमने वहां पे अच्छे से दर्शन किये और हमें बहुत अच्छा लगा।
कल्पेश्वर से जुड़ी अन्य कहानियां
हमने वहां पर कई सारी कहानियाँ सुनी पंच केदार कल्पेश्वर् महादेव के बारे मे जिसमे भिन्न प्रकार की हैं -
ऋषि दुर्वासा के अलावा देवराज इंद्र ने भी यहाँ बैठकर तपस्या की थी।
- साथ ही यह अन्य ऋषि-मुनियों की भी तप की भूमि थी।
- ऋषि दुर्वासा के द्वारा ही यहाँ पर स्वर्ग की अप्सरा उर्वशी को बनाया गया था।
- असुरों के अत्याचार से तंग आकर देवताओं ने यहाँ भगवान शिव की स्तुति की थी।
- यह भी कहते है कि भगवान शिव ने यहीं से समुंद्र मंथन की योजना बनाई थी।
कल्पेश्वर कैसे पहुंचे
अभी तक तो हमने आपको उर्गम घाटी से कल्पेश्वर मंदिर पहुँचने के बारे में जानकारी दी लेकिन अब प्रश्न यह उठता हैं कि उर्गम घाटी कैसे पहुंचा जाए अर्थात इसके सबसे पास का हवाई अड्डा या रेलवे स्टेशन कौन सा है। इसलिए अब हम आपको कल्पेश्वर मंदिर पहुँचने के हवाई, रेल व सड़क तीनों मार्गों के बारे में जानकारी देंगे।
हवाई मार्ग से कल्पेश्वर मंदिर कैसे जाए: यदि आप हवाई जहाज से कल्पेश्वर महादेव आना चाहते हैं तो उर्गम के सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का ग्रांट जॉली हवाई अड्डा है। यहाँ से स्थानीय बस या टैक्सी करके उर्गम घाटी पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग से कल्पेश्वर मंदिर कैसे जाए: यदि आप सभी भारतीयों की पसंदीदा रेलगाड़ी से कल्पेश्वर महादेव आ रहे हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश का है। यहाँ से फिर आपको बस या टैक्सी की सहायता से आगे जाना पड़ेगा।
सड़क मार्ग से कल्पेश्वर मंदिर कैसे जाए: वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य का लगभग हर शहर व कस्बा बसों के द्वारा सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। आपको दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर इत्यादि से ऋषिकेश तक की सीधी बस आसानी से मिल जाएगी। फिर वहां से आप आगे के लिए स्थानीय बस या टैक्सी कर उर्गम या देवग्राम तक पहुँच सकते हैं।
कब जाए
आप यहाँ पर कभी भी जा सकते हैं क्युकी साल के 12 महीने और 7 दिन खुला रहता हैं । पंच केदार मे सिर्फ़ कल्पेश्वर महादेव ही जो 24 घण्टो के लिये खुल रहता हैं आप यहाँ पर कभी भी दर्शन करने जा सकते हैं।
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