![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/TripDocument/1548409595_1548409588235.jpg)
इस शोर गुल की दुनिया व काम से थक कर, जिन्दगी के मायने तलाशने के लिए हम लोग पहाड़ों का रुख करते हैं, अगर ऐसा हो कि वहाँ भी सुकून ना मिले तो क्या करेंगे- बस ऐसा ही घटित हुआ हमारे साथ। शिमला में गए थे सुकून की तलाश में लेकिन मिला क्या, वही भीड़ व शोर-गुल। इन्हीं सब उलझनों में शिमला में हमें एक नाम पता चला जिला किन्नौर के गाँव चितकुल का, वाकई धरती पर स्वर्ग है-चितकुल । हम 6 लोग कानपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इन्तजार कर रहे थे और ट्रेन हमारी लेट होती जा रही थी, हम ज्यादा इंतजार भी नहीं कर सकते थे क्योंकि हमारी दिल्ली से कालका की सुबह ट्रेन थी, हमारी यह ट्रेन लगभग 5 घंटे लेट हो गयी थी। फिर हमारे सामने वाले प्लेटफार्म पर ही दिल्ली के लिए श्रमशक्ती ट्रेन आकर लग गयी, हम सब ने आपस में बात करने के बाद यह निर्णय लिया की इसी से जनरल का टिकट लेकर दिल्ली चलते हैं - बस किसी तरह हम लोग अगले दिन सुबह दिल्ली पहुँच गए, वहाँ हमारी ट्रेन टाइम पर थी, जिससे हम लोगों ने चैन की सांस ली । कुछ घंटे की यात्रा करके हम दोपहर में कालका स्टेशन पर उतर करके शिमला के लिए टैक्सी कर ली व लगभग चार घण्टे की यात्रा के बाद हम शिमला पहुँच गये थे।
यात्रा कार्यक्रम: कानपुर-शिमला-चितकुल
ट्रेन टिकट - कानपुर से दिल्ली - ₹745 (3टियर ए0सी)
ट्रेन टिकट - दिल्ली से कालका- ₹865 (चेयर कार)
टैक्सी - कालका से शिमला- ₹2550
टैक्सी - शिमला - कल्पा -चितकुल-अम्बाला कैण्ट रेलवे स्टेशन - ₹16,000 (फुल बुक शिमला से वापस अम्बाला कैण्ट रेलवे स्टेशन तक के लिये )
निकटतम रेलवे स्टेशन- कालका (यहाँ से आप शेयरिंग और फुल बुक टैक्सी मिलती है)
निकटतम हवाई अड्डा- शिमला
![Photo of Kanpur Central, Kanpur, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/839289/SpotDocument/1548409680_1548409661430.jpg.webp)
शाम 4 बजे के आसपास हम लोग शिमला पहुँच गए, एक जगह सामान रख कर हम लोग दो-दो की टीम बना कर होटल देखने के लिए निकल गए। कुछ ही देर में हमें माल रोड पर ही एक होटल ₹650 प्रति कमरा के रेट पर मिल गया, होटल में जल्दी से सामान रख व फ्रेश होकर मॉल रोड पर निकल गए, मॉल रोड एक काफी बड़ा बाज़ार है, घूमने फिरने के बाद हम लोगों ने वहीं पर स्थित एक पंजाबी रेस्टोरेंट से खाना पैक कराया और होटल आ गए।
![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578657620_1548409743_1548409710549.jpg.webp)
![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578657621_1548409788_1548409711254.jpg.webp)
![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578657621_1548409836_1548409711833.jpg.webp)
अगले दिन सुबह जल्दी तैयार होकर, हम लोग कुफरी जाने के लिए टैक्सी स्टैण्ड पर पहुँच गए, ₹1400 में टाटा सूमो बुक कर कुफरी के लिअ रवाना हो गअ, रास्ते में रुककर हिमाचल की मैगी का आनन्द लिया, और कुछ समय की यात्रा के बाद हम कुफरी के टैक्सी स्टैण्ड पर पहुँच गए, यहाँ से कुफरी काफी उँचाई पर है व आगे जाने के लिये घोड़े लेने पड़ते हैं, घोड़े लेकर हम कुफरी के लिये के लिए चल दिए। पहाड़ो पर घोड़े की सवारी का अलग ही आनन्द है, कुफरी के नज़ारे मनमोहक है लेकिन मन में कुछ अलग ना दिखने की कसक थी।
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![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578657720_1548409949_1548409835884.jpg.webp)
हम वापसी में ग्रीन वैली में रुके, कुछ फोटो वगैरह लेकर वापस होटल आ गए, रास्ते में ड्राइवर ने हम लोगों की बातों को सुनकर हमें किन्नौर जाने की सलाह दी, आपस में बात करने के बाद हम लोगों ने किन्नौर (कल्पा-चितकुल) जाने का निर्णय लिया और ₹16,000 में टैक्सी (टवैरा-09 व्यक्ति) बुक कर ली, रात को चितकुल के लिए ट्रैवेल नहीं किया जा सकता, इसलिए ड्राइवर ने हम लोगों को सुबह 04 बजे निकलने के लिए बोला ।
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सुबह 04 बजे हम लोग कल्पा के लिए निकल गए। जैसा कि कहा जाता है ये रोड दुनिया की तीसरी सबसे खतरनाक रोड है, इसे सुनकर हम लोग और भी रोमांचित थे। रास्ते के नज़ारे बयान नहीं किए जा सकते, जो भी घूमना पसन्द करते हैं उन्हें जिन्दगी में एक बार ज़रूर यहाँ की यात्रा करनी चाहिए। पूरे दिन की यात्रा के बाद हम लोग शाम 05 बजे कल्पा के सूसाइड पॉइंट पर पहुँच गए थे, सच में जन्नत से कम नहीं है कल्पा। सुसाइड प्वांइट पर खड़े रहने के लिये आपको जिगर की ज़रूरत पड़ेगी, इसलिये दिल को मजबूत करके जाइयेगा । इसके बाद हम लोग नारायण नागनी मंदिर गए, यह मंदिर पारंपरिक तिब्बती पैगोडा शैली की वास्तुकला में निर्मित है, किन्नौरी शिल्प कौशल का कनपुरिया स्टाइल में कहें तो बहतरीन उदाहरण है, यह चन्नी गाँव की एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इसके बाद हम लोग होटल के लिए निकल गए क्योंकि रात होने वाली थी। गजब कि बात यह थी कि जिस होटल में हम लोग रुके थे उस होटल में स्टाफ के आलावा सिर्फ हम लोग थे, कमरे में सामान ऱखकर फ्रेश होने के बाद हम लोग होटल की छत पर चले गए, वहाँ पहुँचकर हम बिल्कुल अंचम्भित थे, अकल्पनीय नज़ारे हमारे सामने थे, बर्फ की चादर में पहाड़ व उसके ऊपर ढलते हुए सूरज की पड़ती लालिमा मानों आग ही लगा रही थी, इस नज़ारे को देखकर हम लोगों की दिन भर की थकान गायब हो गयी थी, हम लोगों ने वहीं छत पर ही पार्टी करने का मन बनाया, वहीं से होटल के किचन को कुछ ऑर्डर किया और छत पर ही हम लोगों ने मज़े किए । इसके बाद रात 08 बजे के आस-पास गाँव में घूमने के लिए निकले, ऐसा लगा मानो पूरा गाँव ही खाली हो, कुछ आगे चलने के बाद हम लोगों को एक दुकान दिखी, बस उसी दुकान के बाद हम लोगों ने वापस होटल लौटना उचित समझा क्योंकि सन्नाटे के साथ ठण्ड बहुत ज्यादा थी, उसके बाद देर रात डिनर करके हम लोग सो गये ।
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![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658160_1548412444_1548412413548.jpg.webp)
अगले दिन सूरज की पहली किरण के साथ हम लोग होटल से चेक आउट करके, चितकुल के लिए निकल गए, रास्ते के नज़ारे आपको रोमांच से भर देंगे, यात्रा के दौरान आपको कई आई0टी0बी0पी0 कैम्प मिलेंगे, जहाँ पर वह आपकी डिटेल लेते हैं, फिर आगे जाने देते हैं। चितकुल की यात्रा किसी भी यात्रा से अलग और रोमांच से भरपूर है, चितकुल से कुछ पहले ही बर्फबारी होने लगी, मन हुआ यहीं रुककर इन्जॉय किया जाये, लेकिन गाड़ी लगाने की जगह न होने के कारण हम लोग चलते रहें क्योंकि यहाँ के रास्ते बिल्कुल सकरे हैं। बस कुछ ही देर में हम लोग चितकुल की धरती पर थे, सही बता रहा हूँ- मैं क्या कोई भी ब्लॉगर इन नजारों की या चितकुल की शब्दों में व्याख्या नहीं कर सकता, इस प्राकृतिक खुशनुमा एवं शुद्ध वातारण को महसूस करने के लिए आपको यह यात्रा करनी ही पड़ेगी। चितकुल भारत-तिब्बत बार्डर से सटा हुआ आबादी वाला आखरी गाँव है, इसकी आबादी बहुत ही कम है, साथ ही यह जीरो प्रदूषण वाला क्षेत्र है, यहाँ की हवा में एक अलग ही बात है। विस्मयी देवदार के जंगलों से बहती हुई बस्पा नदी व इसके दूसरे किनारे पर बर्फ से ढके हुए पहाड़ इसको एक अकल्पनीय व अद्भुत स्थान बनाते हैं।
हम लोग एक दुकान पर गरम आलू के पराठों के साथ साथ चाय का आनन्द ले ही रहे थे कि बर्फबारी शुरू हो गयी, और हम लोग जल्दी से खत्म कर बर्फबारी का आनन्द लेने के लिए पहाड़ी से उतर कर नदी पर बने पुल को पारकर बर्फ में पहुँच गए । इस बर्फ बारी का हम सब ने खुब लुत्फ उठाया व मस्ती की। इन नजारों को देख मुझे रोजा फिल्म का ए0आर रहमान का वो गाना याद आ रहा था- ये हसीं वादियां, ये खुला आसमां, आ गये हम कहाँ । कुछ घण्टे चितकुल में बिताने के बाद हम लोग वापस चल दिए क्योंकि समय की कमी के साथ-साथ वहाँ का मौसम भी खराब हो चला था और ड्राइवर ने हम लोगों से निकल चलने के लिया क्योंकि ज्यादा बर्फ गिर जाने के बाद यहाँ की रोड बन्द हो जाती है। यहाँ की स्वच्छ हवा ने हम लोगों में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया था, इस रोमांच व मस्ती के साथ हमारी यात्रा समाप्त हुई, यहाँ से निकल कर हम लोग रामपुर में उस रात रुक कर, अगले दिन सुबह शिमला होते हुए अम्बाला कैण्ट रेलवे स्टेशन पहुँच गये ।
![Photo of चिटकुल, Himachal Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658892_1548412560_1548412554599.jpg.webp)
![Photo of चिटकुल, Himachal Pradesh, India by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658892_1548412565_1548412555497.jpg.webp)
![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658856_1548412593_1548412556879.jpg.webp)
![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658856_1548412601_1548412557501.jpg.webp)
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![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658857_1548424649_1548424636370.jpg.webp)
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![Photo of धरती का छुपा हुआ स्वर्ग-कल्पा/चितकुल by krishna kumar](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/1414073/SpotDocument/1578658858_1548424679_1548424641073.jpg.webp)
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