जयपुर में एक शानदार ट्रेक के बाद एक छिपी हुई खूबसूरत जगह मिला ये शानदार वॉटरफॉल!

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रेगिस्तानी राज्य राजस्थान में घूमने की बात करें तो आपके मन में क्या आने वाला है, रेगिस्तान, किले, शाही महल और अनेक ऐतिहासिक धरोहरें! और वहीं अगर राजधानी जयपुर की बात करें तो भी कुछ ऐसा ही सबसे पहले आप सोचने वाले हो, है ना? लेकिन अगर हम आपको बताएं कि जयपुर ट्रैकिंग करने के लिए भी एक शानदार जगह है तो क्या आप विश्वास करोगे?

जी हाँ इस मानसून में जब पहाड़ी राज्यों में मौसम को देखते हुए घूमने जाना थोड़ा रिस्की है वहीं जयपुर में कुछ शानदार रास्तों के बाद एक बेहतरीन मंजिल वाले कुछ ट्रेक वास्तव में इसी बारिश के मौसम के लिए बने हैं। और उन्हीं में से सबसे बेहतरीन ट्रेक की पूरी जानकारी हम आपके लिए आज इस लेख में लेकर आये हैं।

हम बात कर रहे हैं जयपुर शहर से कुछ ही दुरी पर मौजूद एक छिपी हुई मगर बेहद खूबसूरत जगह हथनी कुंड की जो खास तौर पर मानसून के समय अद्भुत नज़ारों वाली जगह बन जाता है और यहाँ तक पहुँचने का रास्ता भी आपको बहुत शानदार लगने वाला है। तो चलिए बताए हैं आपको इसकी पूरी जानकारी...

हथनी कुंड

जयपुर शहर के बीच से एक सुन्दर नदी बहती है जिसे द्रव्यवती नदी नाम से जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि इस नदी का उद्गम स्थल हथनी कुंड ही है। हथनी कुंड जयपुर शहर की भीड़ भाड़ से दूर चारों ओर हरी भरी पहाड़ियों और पेड़ पौधों से घिरा हुआ है और बेहद कम लोगों को ही इसके बारे में अभी तक पता है। यहाँ तक की बहुत से जयपुर-वासियों से भी ये खूबसूरत जगह अभी तक छिपी हुई है लेकिन जिन्हें भी इसके बारे में थोड़ी भी जानकारी है वो हर बारिश के मौसम में इस ट्रेक पर जरूर निकल जाते हैं जब इसकी खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है और साथ ही मंजिल पर हथनी कुंड में एक बेहद सुन्दर झरना भी बहता है।

यही नहीं बल्कि यहाँ झरना नीचे एक प्राकृतिक कुंड में गिरता है जहाँ लोग झरने की तेज़ बहती धारा में नहाने का जमकर आनंद लेते हैं।

हथनी कुंड कैसे पहुंचे?

अब तक इस बारिश के मौसम में इस खूबसूरत जगह जाने का मन तो आपका हो ही गया होगा तो चलिए जान लेते हैं हथनी कुंड तक आखिर पहुंचा कैसा जा सकता है। हथनी कुंड जाने के लिए आप नीचे बताये गए दो मार्गों में से एक चुन सकते हैं।

विद्याधर नगर की ओर से

इस मार्ग से अगर आप जाना चाहें तो आप अपने साथ किसी लोकल गाइड को अवश्य लेकर जाएँ क्योंकि ये रास्ता जंगल से होकर गुजरता है और बताया जाता है की रास्ते में कई बार कुछ जंगली जानवर भी दिख जाते हैं। लेकिन फिर भी पूरी सावधानियों के साथ और किसी गाइड के साथ अगर आप इस रास्ते से जाना चाहें तो विद्याधर नगर के पीछे जंगलों की तरफ से जाकर हथनी कुंड तक पहुँच सकते हैं। यह मार्ग एडवेंचर से भरा तो है लेकिन दूसरे मार्ग से कुछ लम्बा भी है।

नाहरगढ़ की ओर से

दूसरा मार्ग नाहरगढ़ की तरफ से होकर जाता है जो की अधिकतर पर्यटक इस्तेमाल करते हैं। इस मार्ग की शुरुआत नाहरगढ़ से करीब 4 किलोमीटर दूर हनुमान जी को समर्पित चरण मंदिर से होती है। इस रास्ते में आपको उतने घने जंगल नहीं मिलेंगे और साथ ही दूरी के लिहाज़ से भी यह मार्ग विद्याधर नगर वाले मार्ग से काफी कम दूरी का है।

चरण मंदिर से बाईं और की तरफ एक रास्ता आपको मिलेगा जो आपको हथनी कुंड तक आसानी से ले जायेगा। हालाँकि ये पूरा ट्रेक आपको कच्चे रास्ते से ही करना पड़ेगा तो ट्रेक की तैयारी के साथ जरूर जाएँ।

ट्रेक कैसा है और कितना समय लगेगा ?

अगर ट्रेक की दूरी की बात करें तो यह लगभग 3 किलोमीटर का ट्रेक है जिसे पूरा करने में आपकी क्षमता के अनुसार करीब 1 से 2 घंटे लग सकते हैं। ट्रेक के रास्ते की बात करें तो रास्ता जंगल से होकर गुजरता है जिसमे आपको नाहरगढ़ वाले रास्ते में भी कुछ बन्दर और कीड़े वगैरह मिल सकते हैं। साथ ही आपको बता दें की रास्ता कच्चा ही है लेकिन कठिनाई के तौर पर ये ट्रेक मद्धम दर्जे का ही है तो इसे पूरा करने करने में आपको कोई परेशानी नहीं आने वाली है।

ट्रेक के दौरान कोई सावधानी बरतनी चाहिए ?

जैसा की हमने आपको बताया की ट्रेक जंगल से होकर गुजरता है तो आम सावधानियां तो आपको बरतनी ही होंगी और हो सके तो इस ट्रेक में अकेले ना जाएँ और किसी ग्रुप में ही जाएँ। हालाँकि अगर आप सोलो ट्रिप पर भी हैं तो वहां घूमने आएं अन्य ग्रुप के साथ शामिल हो सकते हैं। साथ ही ट्रेक पर जाने से पहले अपने साथ कुछ लकड़ी की मजबूत छड़ी भी रख लें।

अपने साथ पानी की बोतलें और कुछ खाने का सामान भी आप रख सकते हैं क्योंकि रास्ते में कोई दुकान वगैरह आपको नहीं मिलने वाली। साथ ही ट्रैकिंग करते वक़्त अच्छे जूते जरूर पहने क्योंकि रास्ते में कहीं-कहीं चढ़ाई तो है ही साथ में पथरीले रास्ते भी मिलने वाले हैं।

ट्रेक जाने के लिए सबसे अच्छा समय

इस ट्रेक पर वैसे तो आप किसी भी मौसम में जा सकते हैं लेकिन अगर मानसून के अलावा आप इस ट्रेक में जायेंगे तो आपको इस कुंड में पानी नहीं मिलने वाला और अगर मिलेगा भी तो काफी कम मिलेगा और साथ ही ये झरना तो बिलकुल भी नहीं दिखाई देगा। तो वैसे तो मानसून ही इस जगह जाने का बेस्ट समय है जब आपको चारों ओर हरियाली के बीच अनेकों अलग-अलग पक्षियों के चहचहाने की आवाज़ें तो आएगी ही साथ ही बेहद सुकून और शांति से भरा माहौल आपको प्रकृति के बेहद करीब महसूस करवाएगा।

इसके अलावा अगर आप किसी भी मौसम में जाते हैं तो हालाँकि हरियाली और कुंड व झरने में पानी नहीं मिलेगा लेकिन फिर भी पुरे ट्रेक में जयपुर का एक अलग ही फील और शांति तो मिलेगी ही जिसके लिए आप यहाँ जा सकते हैं।

तो अगर आप जयपुर में किले और महलों से हटकर प्रकृति के बीचों बीच रहकर सुकून लेना चाहते हैं और साथ में बेहद खूबसूरत नज़ारों का भी आनंद लेना चाहते हैं तो जयपुर में इस मानसून इस ट्रेक पर जाना बिलकुल भी मिस ना करें।

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