श्रीनगर को पर्यटन की दृष्टि से अधिकतर सैलानी केवल गुलमर्ग ,सोनमर्ग,पहलगांव और दूधपथरी तक ही सिमित मानते हैं। लेकिन एक सच्चे घुम्मकड़ के लिए श्रीनगर के आस पास कई ऐसी शांत और खूबसूरत जगहें स्थित हैं जिनको लोग केवल इंटरनेट पर तलाश कर रह जाते हैं।
कश्मीर के नार्थ क्षेत्र में 11672 फ़ीट की ऊंचाई पर एक दर्रा हैं ,नाम हैं -राजदान दर्रा।कश्मीर में ऑफबीट जगहों की तलाश करने वालों के लिए एक प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण दर्रा।इधर जाने के लिए एक दिन का समय निकालिये और यहाँ बीच में पड़ने वाले करीब 60 किमी लम्बे रास्ते को देखिये ,आप कश्मीर का असली सौंदर्य देख पाएंगे।हालाँकि कश्मीर तो पूरा ही अपने आप में स्वर्ग हैं लेकिन इस इलाके में टूरिस्ट के कदम कम ही पड़ते हैं इसीलिए यह जगह तुलनात्मक रूप से ज्यादा साफ़ और खूबसूरत हैं।
11672 फ़ीट की ऊंचाई लिए इस दर्रे तक पहुंचने के लिए जो सड़क मार्ग बना हुआ हैं वह दुनिया के सबसे खतरनाक मार्गों में से एक माना जाता हैं।श्रीनगर से यहाँ तक पहुंचने में करीब 3 से 4 घंटे की ड्राइव लगती हैं।लगभग सभी जगह कंक्रीट से बनी पक्की और खतरनाक ज़िग-ज़ैग रोड की रोडट्रिप परिवार के साथ एक रोमांचक यात्रा का अनुभव देती हैं।राजदान टॉप से पूरी घाटी का 360 डिग्री व्यू दिखाई देता हैं ,सनसेट और सनराइज के समय अगर इधर जाना हो तो बात ही कुछ और हो जाती हैं। मानसून के समय इधर ऐसा लगता हैं जैसे कि आप बादलों के बीच में खड़े हैं ,वही सर्दियों में यह रास्ता करीब 5 महीने के लिए बंद रहता हैं।क्योंकि सारा रूट कई फ़ीट तक की बर्फ से ढ़क जाता हैं।यह मार्ग सिल्क रूट का एक हिस्सा हैं एवं श्रीनगर से गुरेज घाटी जाने के लिए यही एकमात्र रास्ता हैं। इसीलिए सर्दियों में गुरेज घाटी का सम्पर्क कश्मीर के अन्य भाग से कट जाता हैं।
श्रीनगर से राजदान टॉप जाने वाले इस गुरेज -बांदीपुरा हाईवे में सबसे पहले झेलम नदी के दर्शन होते हैं। इसके बाद एशिया की मीठे पानी की सबसे ऊँची झीलों में से एक 'वुलर झील ' भी इसी रूट पर पड़ती हैं। हिन्दू मान्यताओं का एक पवित्र पर्वत 'हरमुख ' पर्वत की चोटी के दर्शन भी रास्ते में होते हैं। 'पीर बाबा दरगाह' ,इस मार्ग की सबसे ज्यादा मान्यताओं वाली दरगाह हैं जिसके साथ हिन्दू मंदिर भी बना हैं ,इन दोनों के दर्शन के लिए कई यात्री इधर आते है।राजदान टॉप से जो आसपास के दूध से भी ज्यादा सफ़ेद ग्लेशियर्स का नजारा आपको मिलेगा , विश्वास करना कि वो दृश्य अनेकों साल बाद भी आपको याद रहेगा।
कुल मिलाकर अगर आपको आध्यात्मिक और रोमांचक दोनों अनुभव एक ही साथ चाहिए तो श्रीनगर से राजदान टॉप तक का यह सफर आप ही के लिए हैं।
कैसे पहुंचे?
श्रीनगर से राजदान पास की दूरी करीब 75 किमी हैं। वैसे तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी मिल जाते हैं लेकिन इधर टैक्सी करके जाने से रास्ते की खूबसूरती अपनी सुहूलियत के हिसाब से देख पाएंगे। बांदीपोरा मुख्यालय से यह 15 किमी ही दूर हैं। बांदीपोरा या फिर गुरेज में एक रात रुका भी जा सकता हैं।
क्या देखे: सिल्क मार्ग के एक सबसे कठिन इलाके को देखे ,पीर बाबा दरगाह ,गुरेज गाँव ,हरमुख पर्वत दर्शन ,राजदान टॉप।
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