क्या आप फ्लाइट देर होने से इंतज़ार कर-कर के परेशान हो गये हैं या टिकट रद्द करवाने में पैसे डूबने का डर लगता है, भले ही टिकट बुक करने वाले दिन ही रद्द करवाना चाहते हैं ?
हवाई यात्री कई बार बहुत तरह की मुश्किलों में पड़ जाते हैं | इसके मद्देनज़र नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के अधिकारों का एक ड्राफ्ट बनाया है, जिससे यात्रियों की काफ़ी मुश्किलें सुलझ सकती हैं |
मुश्किलों का समाधान करने के लिए ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने यात्रियों के अधिकारों के इस चार्टर को जारी किया है |
हवाई यात्री होने के नाते अपने अधिकारों को जानने के लिए इस चार्टर में दिए गये प्रावधानों पर नज़र डालें :
1. उड़ानों में देरी
अगर आपकी फ्लाइट दो से छह घंटे देर है तो एयरलाइन को ही आपको भोजन व नाश्ता देना होगा | ये उन्ही यात्रियों के लिए होगा जो एयरपोर्ट पर इंतज़ार करने को तैयार है |
अगर आपकी फ्लाइट 6 घंटे से ज़्यादा देर है तो या तो एयरलाइन को आपको टिकट का पूरा पैसा वापिस देना होगा या जाने के लिए किसी और फ्लाइट का इंतज़ाम करना होगा |
अगर शाम 8 से रात के 3 बजे के बीच आपकी फ्लाइट में देरी हुई है तो एयरलाइन को आपको एक दिन पहले सूचना देनी होगी और आपके ठहरने का इंतज़ाम करना होगा |
2. फ्लाइट या टिकट रद्द
एक घंटे की फ्लाइट के रद्द होने पर एक ओर का किराया, साथ में ईंधन का खर्चा या 5000 रुपये (जो भी कम हो); दो घंटे से ज़्यादा लंबी फ्लाइट के लिए ये दाम 10000 रुपये हो जाता है |
एयरलाइन 24 घंटे पहले आपकी फ्लाइट रद्द करके आपको हर्जाना नहीं दे सकता | नये चार्टर के नियमों के अनुसार एयरलाइन कंपनी को या तो यात्री का पैसा वापिस करना होगा, या जाने के लिए किसी और फ्लाइट का बंदोबस्त करना होगा |
3. पैसे वापिस करना
वो दिन गये जब आपको टिकट रद्द करने के लिए शुल्क देना पड़ता था | अब अगर आप बुकिंग करने वाले दिन ही टिकट रद्द करवा रहे हैं तो आपको पूरा पैसा वापिस मिलेगा |
अगर उड़ान से 7 दिन से कम में टिकट रद्द करेंगे तो पूरा पैसा वापिस नहीं मिलेगा |
अगर बुकिंग करने और फ्लाइट की उड़ान वाले दिन के बीच 7 दिन से कम का समय बचता है तो एयरलाइन टिकट के मूल भाड़े व ईंधन के शुल्क जितना हर्जाना काट सकती है | अगर कोई अतिरिक्त शुल्क जैसे उपयोगकर्ता विकास शुल्क, कर, यात्री सेवा और हवाई अड्डे के लिए विकास शुल्क लिया गया है तो उसे वापिस करना होगा |
अगर एयरलाइन विदेशी है तो रिफंड करने का अधिकार एयरलाइन की आंतरिक नीति के अनुसार होगा |
4. नाम में बदलाव
नये नियमों के अनुसार यात्री चाहें तो 24 घंटे के भीतर अपने नाम में बदलाव भी कर सकते हैं, वो भी बिना किसी शुल्क के | पहले नाम बदलाव को टिकट रद्द करना ही माना जाता था, इसलिए यात्री को नई टिकट बुक करके अतिरिक्त शुल्क फिर से देने पड़ते थे |
5. ओवरबुक की हुई फ्लाइटें
अगर ओवरबुकिंग के चलते आपको केबिन में प्रवेश देने से माना कर दिया जाता है तो उस एयरलाइन को आपकी ओरिजिनल फ्लाइट के समय से एक घंटे के अंदर आपके लिए दूसरी फ्लाइट का इंतज़ाम करना होगा | अगर एक घंटे में किसी और फ्लाइट का इंतज़ाम नहीं हो पाता तो यात्री को कुछ शर्तों के अनुसार 400 प्रतिशत तक हर्ज़ाना देना होगा |
6. सामान का नुकसान होने या खोने की स्थिति में
अगर आपके सामान को नुकसान पहुँचा है या खो गया है तो एयरलाइन आपको हर्ज़ाने के तौर पर 350 रुपये प्रति किलो की दर से या 20000 रुपये तक देगी | ये नई राशि पिछले मुआवजे की तुलना में 75% ज़्यादा है।
अगर एयरलाइन की ग़लती से किसी यात्री को चोट लगती है या मौत होती है तो एयरलाइन मुआवज़े के तौर पर 20 लाख रुपया देगी |
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि चार्टर का लक्ष्य यात्री सेवाओं में एक जैसी समानता लाना है |
“एक न्यूनतम बेंचमार्क सेट किया गया है। हम चाहते हैं कि यात्रियों को एक विश्व स्तरीय उड़ान का अनुभव हो। लंबे समय की सोचें तो यह एयरलाइंस के लिए भी फायदेमंद होगा। " उन्होने कहा |
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