कुछ घटनाएं इतनी अविश्वसनीय होती हैं कि उसका प्रत्यक्ष प्रमाण भी हमे उस पर विश्वास करने से रोकता है। एक तरफ से सही नजर आती घटना हमें दूसरी तरफ से कोरी कल्पना जान पड़ती है। हम में से कोई विरला ही होगा जो मोगली की कहानी से जो परिचित नहीं होगा। जग प्रसिद्ध इस कैरेक्टर पर कार्टून से लेकर अनगिनत फिल्में तक बन चुकी हैं। मोगली का कैरेक्टर हमेशा से ही यह सवाल खड़ा करता आया है कि क्या असल जिंदगी में भी मोगली जैसा कोई हो सकता है?
तो चलिए आज हम आपको मिलवाते है कुछ ऐसे ही 5 रियल लाइफ मोगलियों से जिनके बारे में यह 'दावा' किया जाता है कि उनका पालन-पोषण जंगल में जंगली जानवरों के बीच जंगली जानवरों द्वारा हुआ है। लेकिन हकीकत क्या है, इस बारे में कोई ठोस रूप से कुछ कह सकने की स्थिति में नहीं। इसलिए अब यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि इनकी कहानियों को आप कितना सच मानते हैं।
1. डेनियल
इस सूची में पहला नाम है डेनियल का। 12 साल का डेनियल एंडीज के जंगलों में साल 1990 में मिला था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अपने 12 साल की उम्र में से 8 साल डेनियल ने बकरियों के साथ रहकर बिताए थे। वह बकरियों की तरह ही चलता और हरकतें किया करता था। उसके इस तरह के व्यवहार को लेकर डेनियल पर ढेर सारे रिसर्च किए गए थे। हैरान कर देने वाली बात यह है कि जब डेनियल लोगों को मिला तब काफी देर तक उसका पालन-पोषण करने वाली बकरियां उसे छोड़ने को तैयार नहीं हुई थी।
2. मरीना चैपमैन
दूसरा नाम है मरीना चैपमैन का। मरीना की कहानी भी बेहद रोचक है। साल 1954 में मरीना दक्षिण अमेरिका के कोलंबिया के जंगलों से मिली थी। ऐसा कहा जाता है कि मरीना ने जंगल में पांच साल बंदरो के साथ रहकर गुजारे थे। जंगल के बंदरों द्वारा ही मरीना का पालन-पोषण हुआ। उन्होंने ही उसे शिकार करने के हुनर सिखाए। साथ ही क्या खाना है और क्या नहीं खाना यह सब भी सिखाया।
3. मार्कोस पेंटोस
मार्कोस पेंटोस। इस स्पेनिश लड़के की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। ऐसा कहा जाता है कि इस लड़के के मां-बाप ने इसे एक चरवाहे के हाथों बचपन में ही बेच दिया था। लेकिन उस चरवाहे की जल्द ही मौत हो गई और मार्कोस उसके जानवरों के बीच रहने लगा। इसके बाद वह खाने की तलाश में जंगल चला गया, जहां उसे भेड़ियों द्वारा पाला-पोसा गया। इस बच्चे की कहानी पर बाकायदा फ़िल्म भी बन चुकी है।
4. बेल्लो
जंगल मे पले 'बेल्लो' की कहानी और भी ज्यादा दुःखी कर देने वाली है। इस लड़के को इसी के मां-बाप ने नाइजीरिया के जंगलों में मरने के लिए छोड़ दिया था। बेल्लो नाम भी उसका असली नाम नहीं है और ना ही आज तक उसका असली नाम का पता ही लग पाया है। जंगल में इस बच्चे को एक मादा चिंपैंजी बंदर ने अपना लिया और आगे उसी ने उसकी देखभाल की। साल 1996 में लोगों द्वारा बेल्लो को चिंपैंजी द्वारा छुड़ा लिया गया। हालांकि, बेल्लो सालों तक उस मादा चिंपैंजी के लिए रोता रहा।
5. जॉन सईबोन
अब कहानी जॉन सईबोन की। दरअसल, एक दिन अपने सामने पिता द्वारा गुस्से में मां का कत्ल कर दिए जाने की घटना को देखकर घबराया हुआ जॉन सइबोन घर छोड़कर जंगल भाग गया। युगांडा का जॉन सइबोन जब घर छोड़कर जंगलों की तरफ गया। तब जंगल मे उसका सामना बंदरों के झुंड से हो गया। कहते हैं, जब तक वह जंगल में रहा उसे उन बंदरो ने ही पाला। यही कारण है कि लोगों को उस बच्चे को बंदरो से छुड़ाने के लिए काफी मेहनत-मशक्कत करनी पड़ी थी।
- रोशन सास्तिक
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