जटायु अर्थ सेंटर, जिसे जटायु नेचर पार्क या जटायु रॉक के नाम से भी जाना जाता है, केरल के कोल्लम जिले के चदयामंगलम में एक पार्क और पर्यटन केंद्र है।
चार पहाड़ियों में 65 एकड़ में फैला, यह राज्य का पहला बीओटी (बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर) पर्यटन है।
यह रॉक-थीम प्रकृति पार्क बीओटी मॉडल के तहत केरल राज्य में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर्यटन पहल थी। पार्क कोल्लम शहर से लगभग 38 किमी (24 मील) दूर और राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 46 किमी (29 मील) दूर है।
पार्क 4 जुलाई 2018 को यात्रिओं के लिए खोला गया और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा इसका किया गया।
कोल्लम जिले के चदयामंगलम के रास्ते में जटायु की ऊंची पहाड़ी पर स्थित स्मारक मूर्ति दूर से भी आपका ध्यान आकर्षित करती है। जटायु भारतीय महाकाव्य रामायण का एक प्रसिद्ध पक्षी है।
जब रावण माता सीता को उठा के लंका ले जा रहा था तो इस जगा जटायु ने रावण को रोकने की कोशिश की थी जिसके पंख काट क्र रावण ने मार दिआ था और वो इस जगह पर आ क्र गिरा था उसकी याद में यहाँ पहले एक मंदिर बना था
अब यहां पर मंदिर के साथ यह दुनीआ की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ती बनाई गई है जिसमे जटायु को ज़ख़्मी हो कर ज़मीन पे गिरता दिखाया गया है
यह समुद्र तल से 350 मीटर (1200 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है।
जटायु नेचर पार्क को दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति होने का गौरव प्राप्त है, जो जटायु की है।
यह मूर्ति (200 फीट (61 मीटर) लंबा, 150 फीट (46 मीटर) चौड़ा, 70 फीट (21 मीटर) ऊंचा और 15,000 वर्ग फुट (1,400 एम 2) फर्श क्षेत्र में है)। इसे राजीव आंचल ने तराशा था।यह रॉक-थीम प्रकृति पार्क बीओटी मॉडल के तहत केरल राज्य में पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर्यटन पहल थी। पार्क कोल्लम शहर से लगभग 38 किमी (24 मील) दूर और राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 46 किमी (29 मील) दूर है।
यह स्टैचू एक ऊँची चटान पर बना है यहां पर जाने के लिए केबल कार लगा है पर आप चाहें तो पैदल भी जा सकते हैं स्टैचू के पास श्री राम की याद में ऐक मंदिर भी बना है स्टैचू देखने के लिए 216 रूपये टिकट है और 295 रुपए केबल कार की टिकट है
जटायु रॉक में कई तरह के अनुभव आपका इंतजार करते हैं। इसमें एक संग्रहालय और मूर्तिकला के अंदर 6डी थियेटर है। आप यहाँ से हेली-टैक्सी का अनुभव भी ले सकते हैं!
इस जगह के बारे में बहुत कम लोगों को पता है इस लिए यहाँ केरला घूमने वाले यात्री बहुत कम जाते हैं