छुट्टियाँ हमारे दैनिक जीवन की आपाधापी से दूर सुकून के दो पल बिताने के लिए होती हैं। लिहाजा ये ज़रूरी है कि ये आरामदायक बीते ताकि जब वैकेशन खत्म हो तो आप थका हुआ महसूस ना करें। है ना?
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अगर मैं ना कहूँ तो?
यात्रा को लेकर मेरे विचार उन लोगों से जरा हटकर हैं जिनसे यात्रा के दौरान मैं मिलता हूँ। अपनी छुट्टियों के दौरान लोकल बस की सवारी करने का मौका मैं छोड़ता नहीं! मैंने अपने परिवार और दोस्तों के साथ कार में यात्राएँ की हैं। लेकिन लोकल बस से यात्रा करना वास्तव में मुझे बेहद पसंद है।
कॉलेज के दिनों से ही स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों में मेरा आना-जाना लगा रहता है। उन दिनों जेब तंग रहा करती थी लेकिन कई जगहों पर जाने, घूमने की इच्छा रहती थी। ऐसे में स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसें एक बेहतरीन विकल्प हुआ करता था। जैसा कि ये आम जनता के लिए होता है, टिकट की कीमतें वाकई बेहद कम होती हैं, और मैं आसानी से इतना मैनेज कर सकता हूँ। जब मैंने कमाना शुरू किया तब तक तो जैसे बसों में यात्रा करने की आदत-सी हो गई। खर्च की वजह से नहीं, बल्कि बसों से यात्रा करने के लगाव के कारण मैं इसमें यात्रा करना पसंद करता हूँ। अगर आप बसों की यात्रा करते हैं तो और भी कई चीजों का आनंद ले पाते हैं:
1. स्थानीय लोगों के साथ बातचीत
फैमिली और दोस्तों के साथ यात्रा करते हुए हम कई विषयों पर चर्चा करते रहते हैं। कई बार ऐसा लगता है कि एक ही बातें बार-बार की जा रही हैं। जाहिर है, एक ही तरह के लोगों की राय भी कहीं ना कहीं एक तरह की ही होती हैं। ऐसे में अगर लोकल बसों से यात्रा करते हैं तो कई प्रकार के लोगों से मिलना होता है और अगर कुछ बातचीत हो तो आपको ऐसी अनेक चीजों के बारे में पता चलता है जो मीडिया या किसी अन्य माध्यम से पता नहीं चल सकता! बसों में यात्रा करते हुए आप दुनिया को अलग दृष्टि से देख पाते हैं। साथ ही, स्थानीय बोलचाल, टिप्स और ट्रिक्स भी सीखते हैं।
2. सार्वजनिक जीवन की जानकारी
हम में से ज्यादातर लोग इस बात से अनजान रहते हैं कि बाहरी दुनिया कैसे चलती है। लेकिन इस बात से वाकिफ होने के लिए विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों की जानकारी हो जाती है। रास्ते में कई ऐसे वेंडर सवार होते हैं जो कई तरह की वस्तुओं को बेचते हैं। इतना ही नहीं, कई बार उनके मार्केटिंग का जो तरीका होता वो काफी कुछ सिखा जाता है। आम लोग किस प्रकार बसों की सवारी के दौरान सामान अपनी मंज़िल तक ले जाते हैं, उनके तौर-तरीकों के बारे में जानकारी हो जाती है। बसों में कई बार आपका ऐसे रेयर टैलेंट से सामना होता है जो कहीं और नहीं मिल सकता!
3. इंडिया को अनफ़िल्टर्ड देखने का मौका
भारत कदम-कदम पर विविधता वाला देश है जिसे अपने बंद शीशे वाली गाड़ी से देखना मुमकिन नहीं। निजी वाहनों में हम अपने कंफर्ट के हिसाब से पूरी तरह पैक हो जाते हैं। यहाँ अपने लैपटॉप से अंग्रेजी में कोई लेख लिख लेते हैं और आप मोबाइल के उपयोग से उसे पढ़ पाते हैं। लेकिन यकीन मानिए दुनिया इन सबसे अधिक खूबसूरत और देखने लायक है। बस की यात्रा में अनफ़िल्टर्ड भारत को देखते हुए हाइपरलोकल फैशन, एटिकेट्स और सामाजिक मानदंडों के बारे में जानकारी मिलती है। हमें दूसरों के संघर्षों और उनकी आकांक्षाओं के बारे में भी जानने को मिलता है। और कई बार हम इन यात्राओं पर दया और प्रेम के उदाहरण देख पाते हैं जो कहीं ना कहीं हमें मोटिवेट करता है।
4. एडजस्टमेंट की सीख
हम सभी किंग साइज लाइफ जीना चाहते हैं। लेकिन ऐसा तभी कर पाएँगे जब हम दूसरों के लिए कुछ कर पाएँगे और भीतर से खुशी महसूस कर सकेंगे। भीड़ भरे बसों में जब आप एडजस्ट कर दूसरों के लिए जगह बनाते हैं तो वास्तविक खुशी मिलती है। लोग एक दूसरे को यात्रा में मदद कर रहे होते हैं जो कि एक दूसरे से अजनबी होते हैं। भारत जैसे विशाल देश की बड़ी जनसंख्या बसों से यात्रा करती हैं और असली भारत देखना हो तो बसों में यात्रा करना ज़रूरी हो जाता है।
5. क्षेत्रीय संगीत की धुनों को सुनें
भारत के लोग चाहे जहाँ कहीं हों, संगीत से प्यार करते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग तरह के गीत-संगीत सुनने को मिलते हैं। आपने गौर किया होगा कि कार हो या बस, सब में गीत-संगीत सुनने के इंतजाम होते हैं। निजी वाहनों के कलेक्शन एक फिक्स इंटरेस्ट के हिसाब से होते हैं लेकिन बसों में आपको पब्लिक इंटरेस्ट के संगीत सुनने को मिलेंगे। मैं मार्केटिंग के कामों में हूँ लिहाजा यात्रा के दौरान बसों में ये जानने का मौका मिलता है कि आखिर लोगों की पसंद क्या है। इतना ही नहीं, किसी ख़ास इलाके में कैसा संगीत सुना जाता है। लोकल बसों में गीत-संगीत का अपना ही एक अजीब कलेक्शन होता है जो आपको झूमने पर विवश कर देता है।
6. स्थानीय व्यंजनों को चखें
जब भोजन की बात आती है, तो हम आमतौर पर कोई भी जोखिम लेने से बचते हैं। इसलिए जब हम अपने निजी वाहनों से यात्रा करते हैं, तो हम केवल उन जगहों पर रुकते हैं जो या तो फेमस होते हैं या फिर साफ़-सुथरा दिखाई देते हैं। हालांकि, बसें भी कुछ ढाबों पर रुकती हैं, जो लोकल रसोइयों द्वारा बनाए गए स्वादिष्ट स्वच्छ भोजन देते हैं। ये ऐसी जगहें होती हैं जो स्थानीय व्यजनों का स्वाद चखाती हैं।
7. सोशल मीडिया पर जिक्र नहीं
बसें स्थानीय मार्गों और बाज़ारों से होकर गुजरती हैं। इन जगहों का जिक्र आपको सोशल मीडिया पर देखने को नहीं मिलता है। ये महज नक़्शे पर एक नाम ही होते हैं लेकिन आपको कई बार खूबसूरत दृश्य देखने को मिल जाते हैं। बस कंडक्टरों को क्षेत्र में हर जगह के बारे में जानकारी होती है और वे आपको इन स्थानों की यात्रा की योजना बनाने में मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
8. अन्य बैकपैकर्स से मुलाकात
बेशक, हॉस्टल में भी बैकपैकर्स आपको मिल सकते हैं। लेकिन ऐसा कई बार हुआ है कि मुझे बसों में बैकपैकर मिले जो किसी अनजान जगह की यात्रा पर थे और मैं उनके साथ हो लिया। आपको कंपनी के लिए एक ऐसा बंदा मिल जाता है जो आपके जितना ही घूमने को लेकर शौक़ीन होता है। वाकई बसें लगातार यात्रा करने वालों के लिए मिलने-जुलने से लेकर घूमने-फिरने में बहुत ही मददगार होता है।
9. आखिरकार, इकॉनमी और कनेक्टिविटी
जैसा कि मैंने पहले भी बताया है, बसें हमेशा आवागमन के लिए बहुत बेहद किफायती होती हैं, और रेलवे की तुलना में सुदूर तक जाती हैं। अब जब मैं अधिक कमाता हूँ, तो मेरे पास कुछ पैसे बच सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग हमेशा किसी अन्य यात्रा पर या कुछ भोजन और खरीदारी के लिए किया जा सकता है।
बस की यात्रा मेरी पीठ को चोट पहुँचा सकती है, लेकिन मैं उन सभी मनोरंजन और शिक्षा के लिए इसे बर्दाश्त करने के लिए तैयार हूँ जो मुझे इस सफर में मिलते हैं।
क्या आपको लगता है कि बस के सफर को कम करके आंका गया है? हमें नीचे कमेंट कर जरूर बताएं!
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