ओमान देश में स्थित हैं जीबल अखदर की काली पहाड़ियाँ जहाँ काले जादू, टोने-टोटके और प्रेत मंत्रोच्चार के इतने सारे राज़ क़ैद हैं कि सुन कर आपके होश उड़ जाएँगे | मगर साथ ही यहाँ की वास्तुशिल्पकारी भी लाजवाब है|
जादू-मंतर, कहानी-किस्से और अफवाहों के कारण प्रसिद्ध बहला का किला लगभग 12वी से 15वी शताब्दी के बीच बनू नेबन जनजाति के तत्कालीन शासकों द्वारा बनवाया गया था | किले के अंदर रखे कुछ कपड़े और कलाकृतियाँ ईसा के 500 साल पूर्व से वहाँ रखी गयी है | कई राजवंषों के शासकों ने इस किले पर फ़तेह किया और अपने हिसाब से इसका निर्माण और पुनर्निर्माण करवाया | यहाँ तक की ओमान की सरकार ने भी इस किले पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब बहला के किले को साल 1987 युनेसको द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित कर दिया तब जा कर सरकार ने इस किले की मरम्मत का कार्य जीर्णोद्धार किया | लेकिन फिर भी समय की मार के साथ किला कई बार ध्वस्त हुआ | आख़िरकार मई 2012 में किले के का पुनर्निर्माण करके इस खंडरनुमा किले को नया रूप दिया गया और इसे आम जनता के लिए खोला गया |
बहला का किला
जादू-टोने, कहानी-किस्से और अफवाहें
बहला, ओमान को मदीनात अल-सहर भी कहा जाता है जिसका मतलब है जादू का शहर | आज भी शहर की चारदीवारी के पास एक अजीब सी ऊर्जा का घेरा महसूस होता है जिससे एक बात तो जाहिर हो जाती है कि आज भी इस देश में कई ऐसी जगहे हैं जहाँ जादू मंतर और टोना टोटका की विद्या का अभ्यास किया जाता है | अगर किले के बारे में बात की जाए तो ये सुनने में आता है कि ये किला ओमान में होने वाली असाधारण गतिविधियों का केंद्र बिंदु है | इस किले के बारे में बहुत सारी कहानियाँ और किस्से बुने गये हैं और लोगों की ज़ुबान पर यहाँ के बारे में कई अफवाहें भी आम हैं | घूमते घामते आपको इस किले के बारे में कई कहानियाँ सुनने को मिल ही जाएँगी | भले ही हर कहानी के पात्र और घटनायें अलग अलग हों लेकिन हर कहानी को ज़बरदस्त उत्साह और रस लेकर सुनाया जाता है | और क्या पता कि हर कहानी ही सच्ची हो |
इन्हीं क़िस्सों मे से कुछ मशहूर क़िस्सों पर नज़र डालिए :
" आज से करीब 1400 साल पहले बहला गाँव के लोगों ने एक आदमी की टोना टोटका और जादू करने के जुर्म मे पत्थर मार मार कर हत्या कर दी थी | कहते हैं कि उसी आदमी के प्रेत ने बदला लेने के लिए किले की मरम्मत के काम में बाधा उत्पन्न की थी | दिन में बनाई हुई दीवारों के पत्थर और चढ़ाया हुआ पलस्तर रात होते होते अपने आप चारों ओर बिखर जाता था और सुबह होते होते किला फिर से खंडहर की शक्ल ले लेता था| "
"कहते है कि जो लोग यहाँ लड़ाई झगड़े में मारे जाते हैं, वो जहाँ मारे हैं वहीं जिन्न बन कर भटकते रहते हैं | ऐसी ही एक औरत मर कर जिन्न बन गयी और यहाँ के लोगों के मुताबिक उसी औरत के प्रेत ने एक ही रात में बहला के किले की दीवारें खड़ी कर दी | "
"किले के प्रांगण में एक पेड़ लगा है| कहा जाता है कि जो भी इस पेड़ को छू लेता है उसकी असमय ही मृत्यु हो जाती है क्यूकी किसी जादूगर ने इस पेड़ पर टोना टोटका किया हुआ है | एक अफवाह के अनुसार अगर आप बहला से नहीं हैं फिर भी आपने प्रांगण में लगे इस पेड़ को छू लिया तो समझो आप पर शनि की साढ़े साती लग गयी है और जल्दी ही आपकी मौत भी हो सकती है | "
ऐसी ही कई कहानियाँ और किस्से प्रचलित हैं बहला और उसके किले के बारे में | कौन जाने इनमे से कितनी सच हैं ? हो सकता हैं एक भी सच ना हो | या सारी अफवाहें भी सच्ची हो सकती हैं!
ज़्यादा डरने की ज़रूरत नहीं है | अगर आप हाल ही ओमान घूमने की योग्जा बना रहे हैं तो बहला के इस भूतिया किले को भी अपनी सूची में शामिल कर ही लीजिएगा | यहाँ का रोमांच और रोंगटे खड़े कर देने वाले किस्से आपकी नीरस यात्रा और साधारण ज़िंदगी को ज़रूर थोड़ा चटपटा बना देंगे |
देखने योग्य चीज़ें : दीवारें, कुएँ और मीनारें
इस्लाम के काल में बना होने के कारण इस किले के वास्तु में आपको बड़ी आसानी से मुस्लिम प्रभाव देखने को मिल जाएगा | किले में भूलभुलैयानुमा कमरे बने हैं, किले की चारदीवारी में कुआँ भी है और पूरे किले में भरपूर खुली जगह छोड़ी गयी है | साथ ही खुली छत वाली सीढ़ियाँ, पवन चक्कियाँ और मीनारें इस किले को और भी ज़बरदस्त आकर्षण का केंद्र बना देती हैं |
3 भाग वाली संरचना
बहला की संरचना 3 हिस्सों मे की गयी देखने को मिलती है | एक भाग किला है, दूसरा किले के नीचे की बसावट और तीसरा प्राचीन शहर को घेरे हुए 13 किलो मीटर से ज़्यादा लंबी दीवार | शांति और सुगम्यता की खोज में आने वाले सैलानियों के लिए बहला किला सबसे सही जगह है |
अंतहीन भूलभुलैया में भी समानता |
किले के बाईं ओर अल-काबासाह स्थित है जो एक पाँच मंज़िला इमारत होने के साथ ही किले का सबसे पुराना हिस्सा भी है | किले की बनावट देखकर कोई भी कह सकता है कि अगर एक बार अगर आप इस भूल भुलैया में अपना रास्ता भटक गये तो घंटों घूमते ही रहोगे | अगर खो भी गये तो फलज यानी सिंचाई के लिए बने हुए चैनलों के आसपास मिट्टी की ईंटों से बनी बसावट देख कर वा वा कह उठेंगे | ये निर्माण कला की कारीगरी मुख्यतः मध्यकालीन इस्लामी वास्तुकला में ही देखने को मिलती है | ओमान में लगभग सभी चीज़ों में आपको गन पाउडर द्वारा की हुई किलबंदी देखने को मिलेगी |
किले तक आ ही गये हैं तो यहाँ की जादुई मिट्टी से बने बर्तन भी देख लें |
परंपरागत शैली से बने मिट्टी के बर्तन, तांबे की कलाकृतियाँ और चाँदी की तलवारों के लिए मशहूर रंग बिरंगे बाज़ार किले से लग कर ही स्थित हैं | मिट्टी के बर्तन बनाने की सदियों पुरानी कला को आज भी यहाँ के कारीगरों ने ज़िंदा रखा हुआ है जो उसी कला के अनुरूप मिट्टी के बर्तन और साज़ सज्जा के सामान बनाते हैं | हालाँकि ग्राहकों और कद्रदानों के अभाव में ये नायाब कला दिन पर दिन विलुप्त होती जेया रही है, फिर भी यहाँ के कलाकार पूरी शिद्दत से इस गुर के नियम अपनी आने वाली पीढ़ी के सुपुर्द करते रहते हैं |
मवेशी, मसाले और खजूर
मध्य पूर्व के देश वैसे ही अपने व्यंजनों और तरकारियों के लिए जाने जाते हैं | ऐसे में बाज़ार घूमते हुए सैलानियों को मसाले और खजूर विक्रेता मिलना आम बात है | सूक स्क़वायर के पास ही हर सप्ताह मवेशी नीलाम होते हैं इसलिए यहाँ का आलम किसी छोटे मोटे मवेशी मेले जैसा भी लग ही जाता है |
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क्या आप अपने अगले साहसिक कारनामे के लिए तैयार हैं? अपने बस्ते बाँधते बाँधते ट्रिपोटो समूह के मुसाफिरों द्वारा बनाए गये इन सुंदर विडियो पर भी नज़र डाल लीजिए | साथ ही अपने अगले ट्रिप के लिए यात्रा के गंतव्यों की इस सूची पर भी गौर फरमाइए |
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