कॉर्बेट, सरिस्का घूम लिया? अब करो कतर्नियाघाट की सैर!

Tripoto

जिम कॉर्बेट तो वन्यजीव देखने के हिसाब से शानदार जगह है ही। मगर इसका मतलब ये नहीं कि प्रकृति के वन्यप्राणियों को खुले में घूमते देखने के लिए जिम कॉर्बेट ही एक इकलौती जगह है।

नेपाल के बिल्कुल दक्षिणी कोने में और उत्तरप्रदेश के एकदम उत्तरी छोर पर तराई इलाका है। इस इलाके से बहती सरयू नदी के सहारे बहराइच जिले की कतर्निया घाटी के जंगलों में दुनिया-भर के वन्यजीव खुले में घूमते हैं।

400 कि.मी.  के दायरे में फैले कतरणिया घाट को सरकार ने अपने संरक्षण में लिया है और इसे वन्यजीव अभयारण्य के रूप में विकसित किया है। सरकार के इन्हें प्रयासों के फलस्वरूप दुधवा बाघ अभयारण्य के अंतर्गत आने वाले कतर्निया घाट में बाघों की संख्या बढ़कर 20 हो गयी है। इस वजह से जब आप यहाँ के घने जंगलों, दलदलों और चरागाहों में सफारी घूमने जाते हैं तो आपको बड़ी आसानी से बाघ देखने को मिल जाते हैं। मगर यहाँ सिर्फ बाघ ही देखने को नहीं मिलते।

श्रेय: सेलनेचररिट्रीट

Photo of कतार्निअघट वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, Nishangarh Border Road, Dharmpur, Uttar Pradesh, India by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

क्या दिखेगा यहाँ?

दक्षिणी नेपाल और उत्तरी उत्तरप्रदेश के तराई इलाके में गंगा नदी ने पिछले कई सालों में पहाड़ों से लायी हुई काफी उपजाऊ मिट्टी जमा कर दी है, जिससे यहाँ खूब घने जंगल उगे हुए हैं। इन्हीं जंगलों में घड़ियाल, बाघ, गेंडा, गंगा डॉल्फिन, बारहसिंगा, जंगली खरगोश, चरस पक्षी, सफ़ेद और लम्बी चोंच वाले गिद्ध के अलावा कई दुर्लभ प्रजाति के सांप भी देखने को मिलते हैं।

श्रेय: सेलनेचररिट्रीट

Photo of कॉर्बेट, सरिस्का घूम लिया? अब करो कतर्नियाघाट की सैर! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

श्रेय: सेलनेचररिट्रीट

Photo of कॉर्बेट, सरिस्का घूम लिया? अब करो कतर्नियाघाट की सैर! by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni

कैसे पहुँचें

हवाई मार्ग से

215 कि.मी.  दूर लखनऊ में सबसे करीबी हवाई अड्डा है, जहाँ से किराए की टैक्सी लेकर मात्र छह घंटों में कतर्निया घाट पहुँच सकते हैं।

रेल मार्ग से

यूँ तो सबसे करीबी रेलवे स्टेशन निषानगढ़ में है, मगर यहाँ बहराइच से लोकल ट्रेन ही आती हैं। 70 कि.मी. दूर लखीमपुर में बड़ा रेलवे स्टेशन है, जहाँ से घाट आने के लिए प्राइवेट कैब कर लेते हो तो अच्छा है।

सड़क मार्ग से

सड़क से आ रहे हो तो पहले लखनऊ पहुँचेंगे, फिर लखीमपुर और फिर निशानगढ़।

कहाँ ठहरें

थारू हट, कतर्निया घाट रेंज

जंगल के बीचों बीच ये झोपड़ियों की शक्ल में बना ठहरने का इंतज़ाम अपने में आधुनिक सुख-सुविधा के सभी सामान समेटे है। शहर के शोर से दूर यहाँ ठहरते हैं तो आपको काफी शांति मिलती है।

तो अगर अपने परिवार या दोस्तों के साथ कुछ वक़्त मस्ती करते हुए बिताना है या गर्मियों की छुट्टियाँ मनाने की कोई बढ़िया जगह चाहिए तो जंगल में बनी इस जगह पर ज़रूर आएँ।

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