हिमाचल प्रदेश में यूं तो कई फेमस टूरिस्ट स्पॉट हैं, अगर आप शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर किसी शांत जगह पर परिवार के साथ अच्छा समय बिताना चाहते हैं, तो आपके लिए हिमाचल प्रदेश (Himanchal Pradesh) के कुल्लू की बंजार घाटी में बसा जीभी गांव (jibhi village) आदर्श पर्यटन स्थल (tourist destination) साबित होगा। बंजार घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है और इस घाटी में स्थित जीभी गांव विदेशी और बाहरी राज्यों के पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। जंगल और खेतों के बीच बसे जीभी गांव में आप शांति को अंदर से महसूस कर सकते हैं। यहां आप पक्षियों के चहचहाने की आवाज साफ-साफ सुन सकते हैं।
प्राकृतिक सुंदरता -
जीभी गांव का सौंदर्य किसी को भी इस जगह का कायल बना सकता है। पहाड़ी पक्षियों के मधुर गीत, आसमान को छूते देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्ष, पेड़ों के पत्तों की सांय-सांय करती आवाज, मीठी-मीठी धूप और महकते हुए रंगीन जंगली फूल इस जगह को इतना खूबसूरत बना देते हैं कि जो यहां एक बार आता है, वह इसे कभी नहीं भूल पाता है। प्रकृति प्रेमी ही नहीं, बल्कि पक्षी-प्रेमियों के लिए भी यह जगह काफी खास है। यहां पहाड़ी पक्षियों की करीब 181 प्रजातियां पाई जाती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पुराने जमाने में जीभी गांव में ब्रिटिश रूट केवल मिट्टी और पत्थर से बना हुआ था।
जीभी में जाकर हम क्या-क्या कर सकते हैं -
जालोरी पास -
3000 मीटर की उंचाई पर स्थित इस दर्रे से जीभी का शानदार नज़ारा दिखाई देता है। देवदार के वनों से घिरे इस दर्रे पर पहुंचर आप ख़ुद को बहुत ही शांत पाएंगे।
सेरोलसर झील -
जालोरी पास से 6 किलोमीटर की चढ़ाई करने के बाद आपको इस सुंदर झील के दर्शन होंगे। यहां पर आप कैंपिंग का आनंद उठा सकते हैं।
झरने -
जीभी के जंगलों में आपको कई झरनों को देखने और उनके पानी में नहाने का मौक़ा मिलेगा। झरने के पास कई पुल बनाए गए हैं।यहां पर आप सोशल मीडिया के लिए फ़ोटोज़ खींच सकते हैं।
चैनी किला -
1500 साल पुराना ये किला पहाड़ी वास्तुकला का अद्भूत नमूना पेश करता है।यहां पर 40 मीटर ऊंचा एक लकड़ी का टॉवर है जहां से हिमाचल प्रदेश का शानदार नज़ारा दिखाई देता है।
श्रृंग ऋषि मंदिर -
चैनी किले के पास बने इस मंदिर के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके आस-पास खिले फूल और घने पेड़ इसकी सुंदरता को और भी निखार देते हैं।
ट्रेकिंग -
ट्रेकिंग के शौकिनों के लिए भी जीभी गांव एक आदर्श पर्यटन स्थल है। यहां आप हिमालयन नैशनल पार्क तक ट्रेकिंग करके और यहां के इको-जोन में स्थित गांवों में रहने की अनुमति लेकर अपना शौक पूरा कर सकते हैं। जीभी गांव में गथर टॉप, रोला जलप्रपात और शिल्ट हट ट्रेक जैसे शानदार ट्रेक हैं। जीभी के आसपास मौजूद गुशैनी, सैंज तथा पेरखी जैसे गांवों से आपको ट्रेकिंग के लिए गाइड भी मिल जाएंगे। इसके अलावा फलों के बगीचे और जंगल के बीच से होकर जीभी जलप्रपात तक पहुंचना रोमांचक अनुभव देता है। इस जलप्रपात के बहते जल से बनने वाले दो इंद्रधनुष देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठते हैं। जीभी गांव घूमने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई के बीच का होता है। क्योंकि जिस समय देश के अन्य हिस्सों में गर्मी होती है, वहीं जीभी के माहौल में ठंडक रहती है।
कहां खाएं -
जीभी में बहुत से ढाबे और टी-स्टाल मौजूद हैं। यहां पर आप लज़ीज पहाड़ी भोजन और चाय का आनंद उठा सकते हैं।इसके अलावा Jibhi Delight Cafe, Mother's Cafe, Hari Om Cafe जैसे रेस्टोरेंट्स में भी रुख किया जा सकता है।यहां पर सर्व किए जाने वाले खाने की सभी लोग तारीफ़ करते हैं।
कैसे पहुंचें -
जीभी गांव मनाली और दिल्ली के बीच में स्थित है। आप शिमला, चंडीगढ़ और पंजाब राज्य के अन्य बड़े शहरों से भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। जीभी से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 51 किलोमीटर दूर कुल्लू का भुंतर हवाई अड्डा है। जीभी से नजदीकी रेलवे स्टेशन बैजनाथ रेलवे स्टेशन है। यह छोटी लाइन का रेलवे स्टेशन है। यहां आने के लिए पठानकोट से ट्रेन मिलती हैं। जीभी पहुंचने के लिए कुल्लू से सीधी बस सेवा उपलब्ध है। कुल्लू हिमाचल प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बस सेवाओं के माध्यम से प्रदेश समेत अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। शिमला, पठानकोट, चंडीगढ़ और नई दिल्ली से कुल्लू के लिए बस सेवा उपलब्ध है।