घने जंगल और खूबसूरत झरने के बीच बसा,ये खूबसूरत मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है

Tripoto
9th Sep 2023
Photo of घने जंगल और खूबसूरत झरने के बीच बसा,ये खूबसूरत मंदिर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है by Priya Yadav


         छत्तीसगढ़ एक प्रकृति संपन्न राज्य है।प्रकृति की अनुपम छटा यहां देखने को मिलती है।वैसे तो इस खूबसूरत राज्य में कई सारे धार्मिक स्थल है।पर आज हम आपको यहां के एक ऐसे धार्मिक स्थल के विषय में बताएंगे जो आस्था के केंद्र के साथ ही साथ पर्यटन के लिए भी जाना जाता है।जो चारों तरफ से खूबसूरत घने जंगलों में घिरे और खूबसूरत झरने के पास स्थित है।अगर आप किसी ऐसी जगह की तलाश में जहां सुकून और शांति के साथ मनमोहक दृश्य भी हो तो आपको छत्तीसगढ़ के इस जगह को जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए।हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के राजधानी से लगभग 90 किमी की दूरी पर स्थित गरियाबंद जिले में स्थित जटमई और घटारानी मंदिर के विषय में।आपकी जानकारी के लिए बता दें यह एक नही बल्कि दो मंदिर है जो लगभा 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पर दोनो मंदिर आस्था के साथ ही साथ खूबसूरत पर्यटन का भी केंद्र हैं।तो आइए जानते है इन मंदिरों के विषय में।

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जटमाई माता मंदिर

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित जटमई मंदिर जटमाई माता को समर्पित है जिन्हे सब वन देवी के नाम से भी जानते है।कहा जाता है की इस मंदिर और माता की मूर्ति की स्थापना यहां पर सोलवीं शताब्दी में कमार जनजाति के लोगो द्वारा की गई थी।मंदिर में जटमाई माता के अलावा मां दुर्गा,श्री राम और भगवान नरसिम्हा की मूर्ति भी है।मुख्य मंदिर में माता जटमाई की पूजा अर्चना होती है पास से ही एक जल की धारा निकलती है जिसमे कभी भी पानी कम नहीं होता है।इस धारा के बारे में कहा जाता है कि ये धाराएं माता की सेविका है जो उनके चरणों को छू कर निकलती है और एक जलप्रपात का रूप ले लेती है।यह मंदिर प्रकृति के बीच स्थित यहां के आस पास के सुंदर दृश्य देखते बनता है।घने जंगलों के बीच एक झरने के बीचों बीच एक खूबसूरत मंदिर का नजारा किसी जन्नत की कल्पना लगता है। जहां पहुंच कर अंतरात्मा में सुकून सा भर जाता है।

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मंदिर के पास के अन्य आकर्षण 

जटमाई मंदिर के पास अन्य कई और भी मंदिर है जो पर्यटकों द्वारा दर्शनीय है।मंदिर से कुछ ही दूर पर भगवान हनुमान की एक विशाल मूर्ति स्थापित है जिसमे हनुमान जी श्री राम और लक्ष्मण को अपने कंधो पर उठाए हुए हैं।यह मूर्ति लगभग 150 मीटर ऊंची है जो जंगल के बीचों बीच काफी आकर्षक लगती है।इसके अलावा आस पास के क्षेत्र मे दो गुफाएं भी है जिसमे विभिन्न देवी देवताओं की मूर्तियां स्थापित है जिसमे जाना काफी रोमांचक लगता है।इन दोनो गुफा में एक काली माता गुफा है जो मां काली को समर्पित है और दूसरी शेर गुफा जिसमे अन्य देवता की पूजा अर्चना होती है।स्थानीय लोगों का कहना है कि शेर गुफा में पहले शेर रहा करते थे।समय के साथ शेर चले गए और यहां देवताओं की पूजा होने लगी।

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घटारानी मंदिर

कहा जाता है कि घाटरानी का मंदिर घने जंगल की खोह में स्थित थी इसलिए इसे घाटरानी नाम से जाना जाता है।पहले यह ऊंची पहाड़ियों में एक कोने में हुआ करता था जहां जंगल में राह भटके लोगो के द्वारा फूल चढ़ाने पर वो अपनी मंजिल पर माता की कृपा से पहुंच जाते थे।समय के यहां मंदिर का निर्माण करवाया गया और आज यह एक धार्मिक स्थल के रूप में विख्यात है।इस मंदिर में एक शिवलिंग है जिसे घाटेश्वरनाथ के नाम से जाना जाता है।मंदिर के पास ही एक खूबसूरत झरना भी है जहां लोग पिकनिक मनाने और घूमने जाते है।

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जटमाई घटारानी  मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो यह एक धार्मिक स्थल है जहां आप साल के किसी भी समय जा सकते है।लेकिन अगर आप धार्मिक स्थल के साथ ही साथ प्रकृति की अनुपम छटा भी देखना चाहते है तो आपको यहां जुलाई से जनवरी के बीच आना चाहिए।तब यहां झरने और और जंगल की सुंदरता देखते ही बनती है।इसके अलावा नवरात्रि पर भी यह भव्य मेले का आयोजन किया जाता है और भक्तो की भीड़ देखने को मिलती है।

कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग द्वारा

अगर आप हवाई मार्ग द्वारा यहां जाना चाहते है तो आपको बता दें की यहां का सबसे निकटम हवाई अड्डा स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा रायपुर है।जोकि यहां से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यहां से आप टैक्सी या फिर निजी साधनों द्वारा मंदिर पहुंच सकते है।

ट्रेन द्वारा

यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रायपुर रेलवे स्टेशन है जोकि यहां से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

सड़क मार्ग द्वारा

रायपुर बस सेवा भारत के कई मुख्य शहरों में भलीभांति जुड़ा हुआ है। यहां पहुंच कर आप टैक्सी के द्वारा आसानी से मंदिर पहुंच सकते है।

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