वैली ऑफ फ्लावर्स हमेशा से ही मेरी बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर रहा है लेकिन पता नहीं की क्यों यहाँ अकेले घूमने जाने के खयाल से मैं हमेशा डरता था। पर इस साल, जब कोई भी मेरे साथ यहाँ जाने के लिए राज़ी नहीं हुआ तो मैं अकेले ही इस खूबसूरत जगह की ओर निकल पड़ा ।
मैंने कुछ कंपनियों के ट्रेक पैकेजों को देखा पर वो सब काफी महेंगे थे जिसमें पूरे ट्रेक का खर्च ₹8000 से ₹12,000 तक बता रखा था। इसीलिए मैंने इसे खुद ही इसे करने का फैसला किया । और काफी ढूँढने के बाद, मुझे इस ट्रेक को सोलो और कम से कम खर्च करने का एक बेहतरीन प्लान मिला ।
अगर आप हमेशा से वैली ऑफ फ्लॉवर्स को घूमना चाहते हैं, लेकिन आपको इसे अकेले घूमने की हिम्मत नहीं है तो यकीन मानिए इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपमे वो हिम्मत आ जाएगी और सबसे बड़ी बात इस ट्रिप को करने में आपको सिर्फ ₹2000 ही लगेंगे। तो चलिये शुरू करते है !
यहाँ कैसे पहुँचा जाए ?
मैंने दिल्ली से अपनी यात्रा शुरू की और सबसे पहले ऋषिकेश की तरफ रुख किया। ऋषिकेश से मुझे गोविन्दघाट पहुँचना था क्योंकि यही से घांघरिया ट्रेक शुरू होता है ।
गोविन्घाट से घांघरिया की दूरी 15 कि.मी. है और फिर वहाँ से वैली ऑफ फ्लावर्स तक का ट्रेक 4 कि.मी. है। मैंने हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा तक भी ट्रेक किया है , जो घांघरिया गाँव से 6 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
यह वह रास्ता है जो मेरे हिसाब से वैली ऑफ फ्लावर्स ट्रेक पर जाने वाले लोगों के लिए पर्फेक्ट है :
दिल्ली - ऋषिकेश - गोविंदघाट - घांघरिया - फूलों की घाटी - घांघरिया - हेमकुंड साहिब - घांघरिया - गोविंदघाट - बद्रीनाथ - माना - ऋषिकेश
फूलों की घाटी की सैर का सबसे अच्छा समय
वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क जून से अक्टूबर तक खुलता है लेकिन घूमने का सबसे अच्छा समय जुलाई के मध्य से अगस्त के मध्य तक है। आपको उस समय यहाँ कई तरह के फूल और रंग दिखाई देंगे।
मेरा विश्वास करो, इस समय घाटी रंगीन फूलों से सजी रहती है जो इसे देखने में और ज्यादा सुंदर बनाती है। मैं यहाँ अगस्त के पहले हफ्ते में घूमने आया था और इसी वजह से मैं बहुत सारे सुंदर फूलों को ना सिर्फ देखा बल्कि उन्हें अपने कैमरे में भी कैद भी कर लिया ।
7 दिनों के लिए फूलों की घाटी ट्रेक यात्रा कार्यक्रम
वैली ऑफ फ्लावर्स, हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, माणा और बद्रीनाथ को कवर करने के लिए आप इस 1 सप्ताह के यात्रा कार्यक्रम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आप दक्षिण की ओर से आ रहे हैं या ऋषिकेश के लिए कोई सीधा साधन नहीं है, तो आप इस ट्रेक को शुरू करने के लिए सबसे पहले दिल्ली पहुँचें। दिल्ली भारत की राजधानी है और यहाँ घूमने के लिए कई खूबसूरत ऐतिहासिक स्थान और स्मारक हैं। इसलिए, अगर आपके पास कुछ समय है तो आप यहाँ एक दिन बिता सकते हैं या आप ऋषिकेश निकल सकते हैं।
दूसरे दिन, जल्दी सुबह बद्रीनाथ की तरफ जाने वाली बस पकड़ें और गोविंदघाट पर उतर जाएँ । आपको इस बस का किराया लगभग ₹400 पड़ेगा और आपको पहुँचने में कुछ 9 से11 घंटे लगेंगे। अगर आपको सीधी बस नहीं मिलती है तो आप चमोली से (₹300 में) जोशीमठ तक (₹100) कोई भी बस/टैक्सी शेयर कर सकते हैं। जोशीमठ से आपको गोविंदघाट के लिए बहुत सी शेयर टैक्सियाँ मिलेंगी, जिनकी लागत ₹50 पड़ेगी।
सुबह 6 बजे के आसपास घांघरिया ट्रेक के लिए निकल जाएँ। आप चाहे तो पूरे 15 कि.मी. की ट्रेकिंग भी कर सकते हैं या पहले 4 कि.मी. के लिए पुलना गाँव तक एक शेयर टैक्सी कर सकते हैं। यहाँ आपको पुलिस रजिस्टर मे एंट्री करने और हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से अपना पास लेने की ज़रूरत होगी।
पुलना गाँव तक टैक्सी शेयर करने का किराया प्रति व्यक्ति लगभग ₹50 है और आपको वहाँ तक पहुँचने मे कुछ 20 मिनिट का समय लगेगा । यहाँ से, घांघरिया गाँव 11 कि.मी. की दूरी है, इसे पूरा करने में आपकी फिटनेस और स्पीड के हिसाब से आपको 3 से 5 घंटे के बीच लग सकते है ।
अगले दिन, सुबह जल्दी ही वैली ऑफ फ्लावर्स ट्रेक के लिए निकल जाएँ। आप सुबह 6 बजे ही गेट पर पहुँच जाएँ और अपना टिकट खरीद ले ताकि आप अपना ट्रेक जल्दी शुरू कर सके । यहाँ का टिकट ₹150 का है जो 3-दिन के लिए मान्य होता है।
टिकट कटने के बाद आपको फूलों के एनक्लोसर में एंट्री करने के लिए 3.5 कि.मी. तक का ट्रेक करना होगा। और एक बार अंदर जाने के बाद, आप घाटी को एक्सप्लोर करने के लिए आगे 2 कि.मी. और घूम सकते हैं।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के लिए सुबह 6 बजे ट्रेक शुरू करें। फिर, आपके पास टॉप पर ही एक टट्टू लेने का एक विकल्प है जिसकी लागत ₹500 होगी।
आप 6 कि.मी. ट्रेक भी कर सकते हैं जिसमें 2.5 से 3 घंटे का समय लगेगा क्योंकि यह थोड़ा लंबा और बोझिल है। आपके पास अपनी भूख और प्यास बुझाने के लिए रास्ते में कई दुकानें होंगी ताकि आप टॉप पर ट्रेकिंग करते समय कम समान ले जा सकें।
अगर आप चाहे तो आप वसुधारा झरने को भी एक्सप्लोर कर सकते हैं । फिर, बद्रीनाथ वापस जाएँ और प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर और मंदिर मार्ग पर जाएँ। अपने आप को तरोताज़ा करने के लिए गर्म पानी के झरने में डुबकी ज़रूर लगाएँ।
बस स्टॉप पर अगले दिन के लिए सुबह की बस बुक करें जो ऋषिकेश के लिए लगभग 5.30 - 6 बजे चलती है। बद्रीनाथ में एक रात बिताएँ और शाम की आरती और रात में तारों को देखने में अपना समय बिताएँ ।
अगली सुबह, ऋषिकेश के लिए बस पकड़े, जिसकी किराया लगभग ₹450 होगा और पहुँचने में वही 9 से 11 घंटे लगेंगे। ऋषिकेश बस स्टैंड से, आपको ₹250 - ₹300 में दिल्ली के लिए कई बसें मिलेंगी, जो आपको 6-7 घंटे में दिल्ली पहुँचा देगी ।
आईएसबीटी कश्मीरी गेट से ऋषिकेश के लिए बस लें, जिसका किराया आपको कुछ ₹250- ₹300 पड़ेगा और पहुँचने में 6 से 7 घंटे लगेंगे । अगर आप दोपहर या शाम को पहुँचते हैं, तो आप यहाँ किसी हॉस्टल में रह सकते हैं और सुबह की बस से गोविंदघाट जा सकते हैं।
हाँ, अगर आप देर रात के आसपास पहुँचते हैं, तो मैं आपको किसी होटल या हॉस्टल में रहने का सुझाव नहीं दूँगा। आप चाहे तो बस स्टैंड के प्रतीक्षालय में सो सकते हैं और सुबह 4 बजे या 4.30 बजे बस से बद्रीनाथ की तरफ निकल सकते हैं। यह बस गोविंदघाट होकर ही गुज़रती है और आपको ट्रेक की तरफ बढ़ने के लिए यही उतरना होगा ।
कहाँ ठहरें: ऋषिकेश में कई हॉस्टल हैं, जिनकी लागत ₹150 से ₹250 है, जिन्हें आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
आप जोशीमठ में ना रुकें क्योंकि आपको अगले दिन सुबह जल्दी उठना होगा। इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आप किसी भी तरह रात तक गोविंदघाट पहुँच जाएँ ताकि आप अपनी सुविधा के अनुसार सुबह ट्रेक शुरू कर सकें ।
कहाँ ठहरें: आप गोविंदघाट गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब में रह सकते हैं। यह मुफ्त है और बहुत ही साफ सुथरा है। आपको लंगर में मुफ्त खाना भी मिलेगा, इसलिए ये पैसे बचाने और बजट में रहने का एक अच्छा तरीका है।
रास्ते में, आपको कई दुकानें मिलेंगी जहाँ से आप मैगी, परांठे आदि ले सकते हैं, वैसे आप खुद के स्नैक्स और कुछ चॉकलेट साथ में ज़रूर रखे क्योंकि यहाँ पर स्नेंक्स ज्यादा रेट में ही मिलेंगे ।
घांघरिया की सड़क सीधी है और यह वास्तव में कठिन नहीं है, सिवाय आखिरी 2-3 कि.मी. के जहाँ इसका रास्ता पूरी तरह से झुका हुआ है। कुल मिलाकर, ये ट्रेक काफी आसान है।
कहाँ ठहरें: घांघरिया में, फिर से आपके पास हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा है जहाँ आप मुफ्त में रह सकते हैं। यहाँ पीने के लिए आपको गरम पानी ओर स्वादिष्ट लंगर मिलेगा।
यहाँ, आप लेग्ग के कब्र पर जा सकते हैं या नदी के किनारे तक पैदल जा सकते हैं। आपको फूलों के बाड़े की घाटी तक पहुँचने में लगभग 1.5 - 2 घंटे लगेंगे और पार्क के अंदर 2-3 घंटे। आपको यहाँ चाय या खाने पीने के स्टॉल नहीं मिलेंगे, इसलिए अपना लंच, स्नैक्स और पानी साथ लेकर ही जाएँ।
फिर, लगभग 4-5 बजे, आप घांघरिया गाँव के लिए वापस शुरू कर सकते हैं और फिर से गुरुद्वारा में एक रात बिता सकते हैं।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा तक का ट्रेक शानदार है और रास्ते में आपको खूबसूरत पहाड़ और झरने दिखाई देंगे । आपको इस बीच में कई तरह के रंग-बिरंगे फूल देखने को मिलेंगे और आपको रास्ते में कई लोग मिल जाते है जो बहुत मिलनसार और मददगार होते है ।
टॉप पर, आप लंगर से गर्म चाय ले सकते हैं और दोपहर का भोजन भी कर सकते हैं। आप यहाँ आराम करने के लिए जगह देख कर कुछ समय बिताएँ और हेमकुंड साहिब झील के पास कुछ फ़ोटोस लें। आप इसमें डुबकी भी लगा सकते हैं लेकिन ध्यान से, पानी बेहद ठंडा है और आपको कपकपी छुड़ाने के लिए काफी है ।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से आपको मुश्किल से 1.5 - 2 घंटे लगेंगे और आप उसी दिन गोविंदघाट तक वापिस ट्रेक कर सकते हैं।
अगर आपने घांघरिया में एक और रात रुकने का फैसला किया है, तो आज वो दिन है जब आप गोविंदघाट के लिए अपना ट्रेक शुरू करेंगे। सुबह 6.30 बजे के आसपास शुरू करें ताकि आप सुबह 10 - 11 बजे तक पहुँच जाएँ।
फिर आप बद्रीनाथ के लिए एक बस/टैक्सी शेयर कर सकते हैं, जिसे पहुँचने में 30-45 मिनट लगेंगे। बस का किराया ₹30 है वही टैक्सी शेयर करने पर आपका बद्रीनाथ से ₹50 का किराया लगेगा । हालाँकि, ध्यान रहे कि सुबह बद्रीनाथ जाने के लिए कोई बसें नहीं हैं, इसलिए बेहतर होगा कि आप एक शेयर टैक्सी कर लें।
बद्रीनाथ में, आप सबसे पहले माणा गाँव जा सकते हैं, जो आपको प्रति व्यक्ति यात्रा और रुकने के समय के लिए₹ 100 प्रति व्यक्ति खर्च होंगे । यहाँ, आप अलग-अलग घूमने की जगहों को एक्सप्लोर करने मे 2-3 घंटे बिता सकते हैं।
कहाँ ठहरें: आपको प्रति व्यक्ति ₹200 - ₹400 में मंदिर के गेस्टहाउस या और भी कई छोटे होटल आसानी से मिल जाएँगे ।
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