जयपुर की वो चीज़ें जो आपको बार-बार इस शहर में आने के लिए आकर्षित करेंगी

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Credits: Kirat Sodhi

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राजस्थान की राजधानी जयपुर, भारत की शाही विरासत के इतिहास का अद्भुत प्रतीक है। एक अनोखी हलचल और कोलाहल के बीच यह शहर प्राचीन और नवीन का एक अनूठा मिश्रण पेश करता है जो हर साल हजारों देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करता है।

हाल के वर्षों में, जयपुर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किए गए हैं जो सफल रहे हैं और इस शहर की एक यात्रा यह दिखाने के लिए पर्याप्त है।

जयपुर का हस्तशिल्प, यहाँ के आभूषण और मनमोहक डिजाइन आपको यहीं खड़े खड़े शॉपाहोलिक बना सकते है और वहीं दूसरी ओर कचौड़ी से लेकर घेवर तक, खुशबू और मीठे का दिलचस्प मिश्रण आपको फूडी बना सकता है यानि खाने का अत्यधिक शौकीन।

इस राजपुताना स्वाद के बीच, बलुआ पत्थर के बने अद्भुत स्मारक खड़े हैं, जो आपको इतिहास में वापस ले जाने का वादा करते हैं, इन सबके बीच, सबसे प्रमुख अंबर का शाही किला अपना सीना तान कर खड़ा है।

हमने आपके लिए एक उम्दा कार्यक्रम बनाया है, जो आपको स्वादिष्ट खाने और जी भर के शॉपिंग करने बाद जयपुर शहर के मुख्य स्मारकों की सैर के लिए ले जाएगा।

जयपुर और उसके आस पास कैसे पहुँचे?

हवाई और रेल मार्ग के माध्यम से जयपुर सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर से लगभग 7-10 किलोमीटर दूर स्थित है।

राजस्थान टूरिज्म की इंटर- सिटी बसों में भी जयपुर को देखा जा सकता है।इसके अलावा किराए पर टैक्सी भी आसानी से उपलब्ध हैं और शहर घूमने के लिए हर रोज़ के आधार पर उन्हें किराए पर लेना अधिक उचित होगा।

पहला दिन

अपनी यात्रा के पहले दिन की शुरुआत जयपुर की प्रसिद्ध प्याज़ कचौरी और लस्सी के नाश्ते के साथ करें।

फिर अपनी लिस्ट में शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों को चेक करें।

किलों और महलों का यह अद्भुत शहर बीते समय के शासकों के बाहुल्य और शान को दर्शाता है। हवा महल, जयपुर सिटी पैलेस, जंतर मंतर और जल महल यहाँ के कुछ मुख्य आकर्षण हैं जिन्हें एक दिन में देखा जा सकता है। उसके बाद कुछ शॉपिंग करके अपने दिन की समाप्ति करें।

हवा महल

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लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित, हवा महल, राजपुताना वास्तुकला का एक अनूठा उदाहरण है जो सिटी पैलेस के किनारे पर स्थित है। 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह द्वारा निर्मित, इस महल को एक मधुमक्खी के छत्ते के समान बनाया गया है।

दिन भर पूरे महल में हवा का यथोचित प्रसार होता रहे और भरी गर्मी में भी अंदर ठंडक बनी रहे इसके लिए इस महल में बहुत सारे खिड़की और झरोखों का उपयोग किया गया है।

जयपुर के मुख्य आकर्षणों में से एक, यह महल सिटी पैलेस के करीब स्थित है और जयपुर के दर्शनीय स्थलों में बहुत लोकप्रिय है।

प्रवेश शुल्क: 50 रु प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 9 से शाम 5 बजे तक

सुझाव : हवा महल के मुख्य प्रवेश को बंद कर दिया गया है और अब केवल पीछे की ओर एक छोटी गली से इसके अंदर पहुँचा जा सकता है। आपका मार्गदर्शन करने के लिए कोई अधिकृत साइनबोर्ड नहीं हैं, इसलिए उसके भीतर जाने के लिए आपको वहाँ के लोकल व्यक्ति की मदद लेनी होगी।

सिटी पैलेस

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जयपुर का सिटी पैलेस कभी राजघरानों की गद्दी हुआ करती थी, जो यहीं से शासन करते थे। इसके विशाल परिसर में कई इमारतें, आंगन और बगीचे शामिल हैं। महल की वास्तुकला में भारतीय, मुगल, राजपूत और यहाँ तक कि यूरोपीय शैलियों का फ्यूज़न सम्मिलित जो कि लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर में बनाया गया है। अलंकृत और सुसज्जित प्रवेश द्वार इस महल की शूरता और भव्यता को दर्शाते हैं। आपकी जयपुर यात्रा की सूची का यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रवेश शुल्क: आंगन, संग्रहालय और रानी के कक्षों में जाने के लिए अलग-अलग प्रवेश शुल्क हैं, जो क्रमशः 100 रु ; 130 रु ; और लगभग 1,000 रु तक हैं।

सुबह: 9.30 से शाम 5 बजे तक

सुझाव: मुबारक महल को देखना न भूलें। सिटी पैलेस परिसर के भीतर ही यह एक संग्रहालय है, जो शाही वस्त्रों को समर्पित है।

जयपुर का जन्तर - मन्तर

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जयपुर का जंतर मंतर 1734 में राजपूताना के राजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित किया गया था।यह 19 वास्तु खगोलीय उपकरणों का एक संग्रह है।

इसमें दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की बनी हुई सूर्य घड़ी है और इसे यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह स्मारक कला और विज्ञान का एक उत्कृष्ट नमूना है। इस के उपकरणों के माध्यम से खुली आंखों से खगोलीय स्थिति का अवलोकन किया जा सकता हैं। यह वास्तव में आश्चर्यचकित करने वाला अनुभव है।

प्रवेश शुल्क: 50 रु प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 9 बजे से शाम 4.30 बजे तक

सलाह: दोपहर में हीटस्ट्रोक से बचने के लिए, दिन के बजाय शाम को उस जगह पर जाएँ। पूरी जगह देखने में लगभग 35-40 मिनट लगते हैं।

बापू बाज़ार

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शाम के समय बापू बाजार में खरीदारी के लिए जाएँ। यहाँ बहुत ही उचित मूल्य पर हस्तशिल्प, कपड़े, आभूषण तथा अन्य चीज़ें मिल जाती हैं। मोलभाव करना न भूलें क्योंकि जयपुर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है, इसलिए दुकानदार अपने सामान की अधिक कीमत लगाकर ही रेट बताते हैं।

प्रवेश शुल्क: यहाँ प्रवेश नि: शुल्क है

समय: सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक

सलाह: ऊँट के चमड़े से बने हैंडबैग और जूतियाँ देखना न भूलें। इतने सस्ते दामों पर यह सामान और कहीं नहीं मिलेगा।

जल महल

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यह जयपुर का एकमात्र ऐसा महल है जो सूर्यास्त के बाद खुला रहता है, अन्य सभी स्थल सूर्यास्त के बाद बंद हो जाते हैं। जल महल का दृश्य आँखों में बसाने लायक है। यहाँ पर डिनर के बाद आएँ और कुछ समय रात की रोशनी में इसको निहारने में व्यतीत करें।

सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा मान सागर झील के बीच में में निर्मित, यह महल, राजपुताना वास्तुकला का एक शानदार प्रतीक है।

यह एक पाँच मंजिला इमारत है जिसमें चार मंज़िल पानी के नीचे हैं ! इसे रात में रोशन किया जाता है और उस रौशनी की जगमगाहट से रात की खूबसूरती में झील भी जीवंत हो उठती है।

प्रवेश: नि:शुल्क

समय: दोपहर 12 से 10.30 बजे

सुझाव: मुँह में पानी लाने वाला, महल के बाहर उपलब्ध स्ट्रीट फूड अवश्य चखें ।

दूसरा दिन

जयपुर के दूसरे दिन की शुरुआत एम आई रोड पर सबसे पुराने लस्सी-वाले के पास आलू पूरी और लस्सी के नाश्ते के साथ करें। फिर प्रसिद्ध आमेर और नाहरगढ़ किलों का दौरा करने के लिए आगे बढ़ें।

आमेर का किला

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यदि आप जयपुर पर्यटन की ऑफिशिअल वेबसाइट पर देखें तो आमेर किला शहर की सीमा से लगभग 11 किमी दूर होने के बावजूद जयपुर के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक के रूप में सूचीबद्ध पाएंगे। 16 वीं शताब्दी का यह किला अकबर के एक विश्वसनीय जनरल द्वारा बनाया गया था, जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है। इसकी वास्तुकला राजपूत, हिंदू और मुगल शैलियों का मिश्रण है, जो इस किले को एक अनूठा रूप देती है।

अपनी सुबह की शुरुआत इस किले को देखने से करें ताकि आप दोपहर की भीड़ और बढ़ती गर्मी से बच सकें।

प्रवेश शुल्क : 50 रु प्रति व्यक्ति; यदि आप लाइट एंड साउंड शो में भाग लेना चाहते हैं, तो शुल्क 200 रु प्रति व्यक्ति हैं।

समय: सुबह 8 से शाम 5.30 तक और शाम 6.30 बजे से रात 9.15 बजे तक

सुझाव: सबसे अच्छे दृश्य देखने के लिए और चिलचिलाती गर्मी से बचने के लिए सुबह जल्दी या देर रात को जाएँ।

नाहरगढ़ का किला

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आमेर से शहर के दूसरे छोर पर स्थित नाहरगढ़ किला भी एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। आमेर और जयगढ़ किले के साथ,नाहरगढ़ का किला शहर के चारों ओर किलेबंदी का गठन करते हुए जयपुर शहर के लिए एक मज़बूत रक्षा कवच का कार्य करता था जिससे बाहरी हमलावरों से शहर की रक्षा होती थी।

यह किला अरावली पहाड़ियों के किनारे पर खड़ा है, जहाँ से जयपुर शहर के कुछ सबसे सुंदर दृश्य दिखाई पड़ते हैं।

किले के प्रवेश द्वार पर एक मोम संग्रहालय और शीश महल भी स्थित है और वह दोनों ही देखने के लायक हैं।

प्रवेश शुल्क: 50 रु प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक

सलाह: सर्दियों के महीनों में जयपुर जाएँ और नाहरगढ़ में पूरा दिन पिकनिक कर के बिताएँ।

अल्बर्ट हॉल म्यूजियम

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राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय, अल्बर्ट हॉल म्यूजियम, राज्य संग्रहालय के रूप में कार्य करता है।

भारत और अरबी वास्तुकला का एक उत्कृष्ट प्रतीक, इस संग्रहालय में चित्रों, कालीनों, हाथी दांत, पत्थर और धातु की मूर्तियाँ और क्रिस्टल आदि से बनी कलाकृतियों का एक समृद्ध संग्रह है। यह राजस्थान के इतिहास की एक वास्तविक झलक प्रदान करता है।

प्रवेश शुल्क: 40 रु प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 9 से शाम 5 बजे; सायं 7-10 बजे

सुझाव: संग्रहालय देखने के लिए रात में जाएँ क्योंकि उस समय लोगों की भीड़ अपेक्षाकृत कम होती है और बढ़िया फोटोग्राफी के लिए भी रात का प्रकाश आस पास के परिवेश में चार चाँद लगा देता है।

तीसरा दिन

अपनी जयपुर यात्रा का तीसरा दिन शहर के बाहर घूमने के लिए रखें। इस दिन आप सुबह भानगढ़ फोर्ट देखने जा सकते हैं जो देश के सबसे भूतिया स्थानों में से एक है।

वहाँ से वापस आकर आप जयपुर के एक अन्य प्रसिद्ध बाजार - जोहरी बाज़ार में अपनी शाम की शॉपिंग भी कर सकते हैं।

भानगढ़ का किला

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जयपुर से लगभग 85 किमी की दूरी पर स्थित, भानगढ़ एक निर्जन गाँव है जिस के भीतर भानगढ़ का प्रसिद्ध किला स्थित है।यह माना जाता है कि 17 वीं शताब्दी का यह किला भूतिया है और उससे सम्बन्धित कई किंवदंतियां प्रचलित हैं कि यहाँ पर किसकी प्रेत आत्मा हो सकती हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा लगाए गए एक नोटिस के अनुसार, रात में किले के परिसर के अंदर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है।

प्रवेश शुल्क: 25 रु प्रति व्यक्ति

समय: सुबह 6 से शाम 6 बजे

सलाह: नाश्ते के बाद सुबह जल्दी ही भानगढ़ के लिए प्रस्थान करें ताकि आप समय पर वापस आकर घर के लिए अपनी ट्रेन या फ्लाइट पकड़ने से पहले एक और मस्ती भरी शाम जयपुर में बिता सकें।

जोहरी बाज़ार

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जैसा कि बाज़ार के नाम से पता चलता है, जोहरी बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ विभिन्न कारीगरों और शिल्पियों ख़ासकर आभूषण बनाने वालों और बेचने वालों की चीज़ें उपलब्ध हैं ।

मुख्य सड़क पर ही आपको कई सुनार मिल जाएंगे। यदि आप पारंपरिक कुंदन और पोल्की आभूषण खरीदना चाहते हैं, तो यह सही जगह है। पारंपरिक टाई और डाई के कपड़े और वस्त्र भी यहाँ पर उपलब्ध हैं।

प्रवेश: नि:शुल्क

समय: सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक

सुझाव: यहाँ मोलभाव करना आवश्यक है। क्योंकि अधिकतर विक्रेता मूल्य बढा कर ही आभूषण और अन्य वस्तुओं की कीमत बताते हैं।

जयपुर में रहने के लिए सबसे अच्छी जगहें

लक्जरी: द ओबेरॉय राजविलास, ताज रामबाग पैलेस, आई टी सी राजपूताना

मिड-रेंज: ट्राइडेंट जयपुर, रॉयल हेरिटेज हवेली, उम्मेद भवन

बजट: पर्ल पैलेस हेरिटेज, नाहरगढ़ हवेली होटल, कृष्णा पैलेस

हॉस्टल: जोस्टेल जयपुर, मुस्टैच जयपुर, जोय्स हॉस्टल

जयपुर में खाने के लिए कुछ बेहतरीन जगहें

1. कोटा कचौरी: प्याज कचौड़ी के लिए

2. लक्ष्मी मिष्ठान भंडार: शुद्ध राजस्थानी भोजन के लिए

3. हांडी रेस्टोरेंट : लाल मास और राजस्थानी थाली (शाकाहारी और माँसाहारी )

4. पीकॉक रूफटॉप रेस्तरां: रोमांटिक डिनर और डेट्स के लिए

5. ओरिजिनल लस्सीवाला ( किशन लाल गोविंद नारायण अग्रवाल, 1944 से ): लाज़वाब मीठी लस्सी के लिए सुप्रसिद्ध

6. कान्हा स्वीट्स: पूरे जयपुर में सबसे अच्छी मिठाईयों के लिए प्रसिद्ध

यदि आप शानदार मॉन्यूमेंट्स और महलों तथा उनके इतिहास और वास्तुकला को देखने और जानने में रूचि रखते हैं, तो जयपुर आप पर जादू बिखेर सकता है।

एक मस्ती भरी हलचल और कोलाहल से भरा हुआ यह गुलाबी शहर, पर्यटकों को मन्त्र मुग्ध तो कर ही देता है किन्तु उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है यहाँ का भोजन, जिसका कोई जवाब नहीं, ठीक यहाँ के लोगों की तरह।

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