जैन धर्म के महान तीर्थों में एक है पारसनाथ का मंदिर

Tripoto

भारत में जैन धर्म सबसे शान्त धर्मों में एक है। जैसे उनके अनुयायी पूरे भारत में हैं, ठीक उनके मंदिर भी। झारखण्ड के गिरिडीह से 40 किमी0 दूर आपको पारसनाथ मंदिर मिलता है, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए शान्तिपाठ और ध्यान करने की जगह है।

आज हम जानेंगे पारसनाथ मंदिर और उसके नज़दीक घूमने की सारी जगहों के बारे में।

पारसनाथ मंदिर के बारे में

दुनिया भर में फैले हुए जैन धर्म के अनुयायियों का यह मंदिर सभी लोगों के लिए पूजा का स्थल है। लगभग 9 किमी0 की चढ़ाई वाले इस मंदिर में दो मंदिर और कुल 24 श्राइन हैं।

इस मंदिर की महिमा का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक हुए कुल 24 तीर्थंकरों में 20 को यहीं पर मोक्ष प्राप्त हुआ था।

अनुयायियों के लिए भगवान पारसनाथ का मंदिर आराधना और ध्यान करने के लिए उपयुक्त जगह है। यहाँ पर भगवान अरिहंत की मूर्ति स्थापित है। इसके साथ ही लगभग 20 आराध्यों की मूर्तियाँ भी स्थापित की गई हैं। ऊपर वाले फ़्लोर पर भगवान पारसनाथ की विशाल मूर्ति है, जिसके साथ कुछ अन्य आराध्यों की मूर्तियाँ भी हैं। मंदिर के पूर्वी भाग में मधुचंपा मंडप स्थित है, जहाँ पर भक्त पूजा पाठ करते हैं। यहाँ पर भोमिया जी, श्री घंतकरण, महावीर महालक्ष्मी देवी और गुरु भगवंत की मूर्तियाँ स्थापित हैं।

माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 2,000 साल पुराना है।

घूमने के लिए नज़दीक में

1. सूर्य मंदिर

भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर गिरिडीह में ही मौजूद है। कमल जैसी संरचना वाले इस मंदिर में भगवान सूर्य की मूर्ति है जिसमें सात घोड़ों पर वह स्वयं सवार हैं। यहाँ पर भगवान सूर्य के अलावा लक्ष्मीनारायण भगवान, राम जी, सीता जी, हनुमान जी, शिव जी, पार्वती जी, वेदमाता गायत्री जी, भगवान कृष्ण और माँ राधा की भी मूर्तियाँ हैं, जहाँ पर दर्शन के लिए आप यहाँ आ सकते हैं। पहले इस जगह को सीता नि चौरी और रामकुण्ड भी कहा जाता था, लेकिन अब इसे सूर्य मंदिर ही कहते हैं।

2. हरिहर धाम

भगवान शिव के सबसे बड़े धाम हरिहर धाम में आने का मौक़ा आप बिल्कुल भी न छोड़ें। राँची से एनएच 100 पर आपको हरिहर धाम जाने का रास्ता मिलता है। सबसे बड़ा शिवलिंग यहाँ पर ही मौजूद है।

1987 में बना यह मंदिर पंडित अमरनाथ मुखोपाध्याय ने बनवाया था, जो कि भारत के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। इसके बाद यहाँ पर राधा कृष्ण जी का मंदिर भी बनवाया गया। यहाँ पर भगवान शिव और राधा कृष्ण के भक्तों का ख़ूब जमावड़ा लगता है।

3. उसरी नदी

गिरिडीह की देखने के लिए प्रमुख जगहों में एक नाम उसरी नदी का भी है। उसरी नदी आगे जाकर बाराकार नदी में मिल जाती है। यहाँ पर आप इसके झरने के देखने के लिए आएँ। यह गिरिडीह से लगभग 14 किमी0 दूरी पर है, लेकिन देखने के लिहाज़ से बहुत सुन्दर है।

4. खंडोली डैम

गिरिडीह से 10 किमी0 दूर खंडोली डैम यहाँ के 1 लाख से ज़्यादा लोगों तक पानी पहुँचाता है। सर्दियों के मौसम में यहाँ पर आने वालों लोगों की तादाद काफ़ी ज़्यादा होती है, साथ ही यहाँ पर लोग पंछी दर्शन के लिए भी ख़ूब आते हैं।

ठहरने के लिए

यहाँ पर मधुबन में लोगों के ठहरने की ख़ूब व्यवस्था है। चूँकि यह एक धार्मिक स्थल है, इसलिए किसी भी प्रकार का धूम्रपान, मदिरा अथवा नॉन वेज पूरी तरह से वर्जित है।

यहाँ पर लोगों के ठहरने के लिए व्यवस्था की जाती है, जहाँ पर मात्र 50 रु. देकर आपको ठहरने की मूलभूत ज़रूरत की चीज़ें मिल जाती हैं।

घूमने का सही समय

जहाँ तक बात है पारसनाथ मंदिर घूमने की, तो आप कभी भी घूमने के लिए आ सकते हैं। लेकिन पारसनाथ मंदिर के अलावा दूसरी जगहें घूमने के लिए सर्दियों का मौसम बढ़िया रहेगा। क्योंकि गर्मियों में यहाँ पर धूप बहुत हुआ करती है, और मॉनसून के मौसम में बारिश होने से घूमने का मज़ा किरकिरा हो सकता है।

कैसे पहुँचें

हवाई मार्गः सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा राँची हवाई अड्डा 103 किमी0 दूर है, जबकि गया हवाई अड्डा 117 किमी0 दूर।

रेल मार्गः आप पारसनाथ रेलवे स्टेशन (PNME) पर उतरकर यहाँ से पारसनाथ धाम के लिए निकल सकते हैं।

सड़क मार्गः बोकारो स्टील सिटी से पारसनाथ 54 किमी0 है, जहाँ से आपको बसें आसानी से मिल जाएँगी।

आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।

अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।

रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें

Further Reads