भारत के मंदिरों में कितना सोना चढ़ता है इसके बारे में तो आपने ज़रूर सुना होगा और ज़मीन के नीचे से खज़ाने मिलने के फिल्मी किस्से भी सुने होंगे। लेकिन ये जानकर आप हैरान हो जाएँगे कि तमिल नाडू के जंबुकेश्वरर मंदिर से ज़मीन में छिपा सोने के सिक्कों से भरा खज़ाना ढूँढ निकाला गया है।
कुछ दिनों पहले जब थिरुवानैकोइल में बने इस मंदिर में खुदाई का काम शुरू हुआ था। खुदाई करते वक़्त ज़मीन के 7 फ़ीट नीचे एक बक्सा मिला, जिसके अन्दर ये सिक्के रखे गए थे। जैसे ही यह सूचना आग की तरह फैली, तो इस पूरे मंदिर को हिन्दू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती नामक संस्था ने सील कर दिया।
कितनी होगी इन सिक्कों की क़ीमत
जाँच में पता चला है कि ये सिक्के 1000 से 1200 साल पुराने हैं जिस पर अरबी नक्काशी की गई है। इसके साथ ही इन सिक्कों पर ऐतिहासिक शिलालेख और प्रतीक भी मिलते हैं। इन सिक्कों की कुल संख्या 505 है, जिसमें 504 सिक्के छोटे आकार के, जबकि 1 सिक्का बड़े आकार का है। सिक्कों का कुल वज़न 1.7 किलो है और इनकी कुल कीमत 68 लाख रुपए आँकी गई है। 1800 साल पुराने इस मंदिर में ये सिक्के सालों से दबे हुए थे।
क्या है जंबुकेश्वरर मंदिर और उसकी कहानी
जंबुकेश्वरर अकिलम्देश्वरी मंदिर को 1800 साल पहले चोल वंश के राजा कोचेंगनन ने बनवाया था। श्रीरंगम द्वीप में स्थित, अपने पड़ोसी के रूप में प्रसिद्ध रंगनाथस्वामी मंदिर के साथ, देवी पार्वती को समर्पित यह मंदिर सैवित संतों द्वारा भी प्रसिद्ध है।
कहा जाता है कि भगवान शिव कभी इस धरती की शान्ति के लिए तपस्या कर रहे थे। उनके इस विचार पर माता पार्वती ने उनकी थोड़ी खिंचाई कर दी। इससे भगवान शिव कुछ अप्रसन्न हुए और माता पार्वती को धरती पर जाकर प्रार्थना करने का आशीर्वाद दिया।
इस पर माता पार्वती ने इसी अकिलम्देश्वरी के रूप में मंदिर जम्बू नामक जंगल को प्रार्थना के लिए उपयुक्त माना। उन्होंने कावेरी नदी के पानी का शिवलिंग बनाया और उसकी पूजा करने लगीं। भगवान शिव माता पार्वती की इस प्रार्थना से बहुत प्रसन्न हुए और प्रकट होकर शिव ज्ञान दिया।
नज़दीक में घूमने के लिए
जंबुकेश्वरर अकिलम्देश्वरी मंदिर घूमने आ रहे हैं तो पास में घूमने के लिए कई पवित्र मंदिर हैं, जिनको भी देखना चाहिए।
1. पंचवर्णस्वामी मंदिर
भगवान शिव का यह मंदिर चोल वंश के ज़माने में बना था। यह मंदिर तिरुचिरापल्ली के वोरियूर नामक जगह पर स्थित है। यह पूजा करने के लिए सुबह 5:30 से 12:30 तक तथा शाम को 4:00 से 8:00 बजे तक खुला रहता है।
2. समयापुरम मरियमन मंदिर
तमिलनाडु राज्य के दूसरे सर्वाधिक धनी मंदिर का ख़िताब हासिल है समयापुरम मरियमन मंदिर को। यह मंदिर नारी शक्ति माँ काली, माँ पार्वती और माँ दुर्गा को समर्पित है।
यहाँ पर आप सुबह 4:30 से रात को 9:00 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
3. वेक्कली अम्मन मंदिर
जैसा कि नाम से जानते हैं, यह मंदिर माँ वेक्कली को समर्पित है। तिरुचिरापल्ली के उन मंदिरों में एक यह भी है, जिसको घूमना ही घूमना चाहिए।
खुली छत वाले इस मंदिर में आप सुबह 7 बजे से रात के 8 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
4. उची पिल्लयर मंदिर
त्रिची के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में एक है उची पिल्लयर मंदिर। इस मंदिर की ख़ासियत इसका एक चट्टान पर बना होना है। भगवान गणेश के यह मंदिर समय समय पर बदलता रहता है। सामान्यतः यह सुबह 6 बजे खुलकर शाम को 8 बजे बन्द होता है।
कैसे घूमने जाएँ
रेल मार्गः इस मंदिर के सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन श्रीरंगम का है जो कुल 1 किमी0 दूर है। चेन्नई से आपको यहाँ के लिए ट्रेन मिल जाएगी, जिसका स्लीपर किराया ₹250 तक होगा।
सड़क मार्गः मंदिर मेन बस स्टेशन से 8 किमी0 तथा चितरम बस स्टेशन से 3 किमी0 दूर है। चेन्नई से आपको यहाँ पहुँचने के लिए आसानी से बस मिल जाएँगी।
हवाई मार्गः सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा तिरुचिरापल्ली का है। यहाँ के लिए आपको नई दिल्ली से फ़्लाइट मिल जाएगी, जिसका कुल किराया ₹5,000 तक है।
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