साफ नीला आसमान, धूप से भरपूर दिन, चांदी की सी रेत और बंगाल की खाड़ी की लहरों से उठती हुई तेज़ आवाज, इन सब चीजों से कौन मंत्रमुग्ध नहीं होगा! यहाँ की तो हवा में समुद्र की खुशबू के साथ-साथ लयबद्ध नारियल के पेड़ों की खुशबू भी आती है ।
इन सब चीजों को देखते हुए समुद्र तटों के लिए मेरा प्यार का ओडिशा से शुरू होना काफी स्वाभाविक है।
ओड़ीशा लगभग 500 कि.मी. लंबे समुद्र तट से समृद्ध है जिसमें दुनिया के कुछ बेहतरीन समुद्र तट स्थित है । इस राज्य की विस्तृत विविधता एक झटके में ही आपका दिल जीत लेगी । मंदिर और स्मारक, वन्यजीव और वनस्पतियाँ, समुद्र तट, पहाड़ और झरने, यह सभी आपकी अगली यात्रा के लिए एक पर्फेक्ट कॉम्बिनेशन है है ।
सभी समुद्र तट के दीवानों के लिए ये हैं ओडिशा के बेस्ट 5 बीच की एक पर्फेक्ट लिस्ट:
1. बालेश्वर बीच
भगवान शिव के तीर्थ के रूप में यह प्रसिद्ध स्थल, समुद्र तटों की लिस्ट में मुझे सबसे ज्यादा पसंद है । पुरी से लगभग 15 कि.मी. दूर स्थित यह तट, राज्य में सबसे सुरम्य और एकांत समुद्र तटों में से एक है। जैसे ही आप शिव मंदिर से समुद्र तट की ओर चलना शुरू करते हैं आपको ऐसा लगने लगेगा मानो प्रकृति बाहें खोले आपका इंतज़ार कर रही है । यह पूरा मार्ग समुद्र तट की शानदार रेत व दोनों तरफ घने कासुरिना पेड़ों से घिरा हुआ है।
हालांकि यह तट समुद्र तट प्रेमियों के बीच काफी प्रसिद्ध है, लेकिन यहाँ पर अभी तक भीड़भाड़ वाले पर्यटकों और फेरीवालों का कब्जा नहीं है । आधुनिकीकरण से मुक्त, यह समुद्र तट आपको शांति से सूर्योदय और सूर्यास्त के नज़ारो का आनंद लेने का मौका देता है।
2. पुरी बीच
महाप्रभु भगवान जगन्नाथ की भूमि, इस स्थान को और किसी भी परिचय की ज़रूरत नहीं है। पुरी में देवी देवताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरी दुनिया भर से तीर्थयात्री आते हैं। यह भारतीय हिंदुओं के लिए चार-धाम तीर्थ स्थलों में से एक है।
पुरी समुद्र तट, ओडिशा के सबसे लोकप्रिय समुद्र तटों मे से एक है जहाँ एक ही दिन में हज़ारों लोग आते है । आप यहाँ समुद्र की लहरों का आनंद ले रहे लोगों की भीड़ को देखते हुए समय बिता सकते है, पर्यटक यहाँ अपनी पहली घोड़ा व ऊँट की सवारी के लिए भी काफी उत्साहित रहते है व आप जब यहाँ हों तो फेरी वालों द्वारा सजाये हुए शानदार हाथ की कारीगरी के नमूनों को व सीपियों को देखना व खरीदना ना भूलें ।
3. चंद्रभागा समुद्र तट (कोणार्क)
कोणार्क मंदिर से 3 कि.मी. दूर, इस समुद्र तट का नाम प्रसिद्ध चंद्रभागा नदी के नाम पर रखा गया है, जो प्राचीन समय में यहाँ के समुद्र में समा गई थी। वास्तव में, कोणार्क मंदिर को उस वन क्षेत्र के पास बनाया गया है जहाँ नदी समुद्र से मिलती थी पर आज वह नदी तो सूख गई है और उसका नाम ही बाकी रह गया है।
पुरी समुद्र तट के विपरीत, यह समुद्र तट ज्यादा साफ व कम भीड़-भाड़ वाला है। नीला पानी जब लहरों के रूप में ऊपर उठता है तो वह भी पूरा नीला रंग सा लगता है। यहाँ पर मछुआरों का एक एक छोटा सा गाँव है और आप चाहे तो आप इन मछुआरों की नाव मे घूमने व समुद्र मे बोटिंग करने का मज़ा ले सकते है ।
4. चांदीपुर बीच
चांदीपुर बीच वास्तव में एक जादुई समुद्र तट है जिसे एक असामान्य घटना के लिए जाना जाता है । आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की यहाँ पर समुद्र हर दिन तटरेखा से लगभग पांच कि.मी. पीछे या कह लें कि दूर निकल जाता है - यह ऐसा रोमांचकारी दृश्य है जिसे आप देखने से चूकना नहीं चाहेंगे ! जब यह हो रहा होता है तो समुद्र की पीछे जाती हुई लहरों का पीछा करना एक यादगार अनुभव है।
इस रेतीले समुद्र तट पर अलग-अलग प्रकार के केकड़ों का रेंगते हुए मिलना काफी आम है। चाँदीपुर की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय सर्दियों में अक्टूबर और मार्च के बीच है ।
5. तालसारी बीच
ओड़ीशा के प्रसिद्ध दीघा समुद्र तट से केवल 10 कि.मी. दूर, हरे धान के खेतों, कई नदियों और नीली पहाड़ियों के विशाल खंडों के साथ एक एकांत तटरेखा है। छोटी और चंचल लहरों वाला एक सपाट समुद्र तट, यह ही तालसारी समुद्र तट है।
तलासरी नाम दो उड़िया शब्दों से लिया गया है - ताल (यानी ताड़) और साड़ी (यानी पंक्ति)। समुद्र तट के आसपास ताड़ के पेड़ों के कारण यह नाम अपना महत्व रखता है। ताल का अर्थ उड़िया में लय भी है, जो समुद्र की लयबद्ध लहरों की तरफ इशारा रखता है ।
तालसारी समुद्र तट एक कम जाना जाने वाला एक अनछुआ समुद्र तट है, यहाँ तक कि उड़ीसा के लोग भी इस जगह को कम ही जानते है । और जो लोग इस जगह के बारे में जानते है वह यह भी जानते हैं कि यह समुद्र तट अपने बैकवाटर्स का एक खास आकर्षण रखता है। समुद्र के किनारे तक पहुँचने के लिए आपको इसका बैकवाटर को पार करना पड़ता है। यहाँ लाल केकड़े समुद्र की लहरों व ताड़ के पत्तों मे लुका-छिपी खेलते रहते हैं । यह समुद्र तट सच में खुद को प्रकृति की गोद में आराम करवाने के लिए एक आदर्श जगह है।
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