रोड ट्रिप एक ऐसी चीज है जो हर घुमक्कड़ की बकेट लिस्ट में जरूर होनी चाहिए। फिर चाहे आप पहाड़ों की ऊँचाइयों पर जाना चाहते हों या किसी समुंदर के तट पर रिलैक्स करना चाहते हों। रोड ट्रिप घूमने का सबसे आसान तरीका है। जहाँ प्लानिंग भी आपकी होती है और कब कहाँ कैसे जाना है वो भी आप तय करते हैं। आपको रास्ते में कितनी बार रुकना है ये भी आप डिसाइड करते हैं। रोड ट्रिप करना हमेशा मजेदार होता है। आज हम आपको एक ऐसी रोड ट्रिप के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें एक महीने में आप लगभग पूरे देश की सैर कर लेंगे। यकीन नहीं हो रहा? आप खुद देख लीजिए।
रूट 1: दिल्ली-अमृतसर-श्रीनगर-लेह
रोड ट्रिप के पहले हिस्से में आपको भारत के नॉर्थ में घूमने का प्लान बनाना चाहिए। यकीन मानिए भारत का ये हिस्सा आपको हैरान करने का एक मौका नहीं छोड़ेगा। बर्फीले पहाड़ों से सजे रास्ते और ठंडी हवाओं के बीच से होते हुए आप कब लेह की वादियों में पहुँच जाएंगे आपको पता भी नहीं चलेगा। शानदार नजारों को चीरती हुई सड़कों पर चलना किसी पेंटिंग में होने जैसा एहसास दिलाता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि आपकी ट्रिप का पहला हिस्सा ढेर सारे रोमांचक मोड़ और लाजवाब अनुभवों से भरा होगा। आपको अपनी ट्रिप की शुरुआत दिल्ली से करनी है। दिल्ली से निकलकर आपको फिर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में दर्शन करने हैं। अमृतसर घूमने के बाद आपको शहरीय शोर का साथ छोड़कर कुछ शानदार लैंडस्केप नजारों की छाँव में आ जाना है। नेशनल हाईवे-1ड पर ड्राइव करने में भी आपको परेशानी नहीं होगी। सभी सड़कें अच्छी हैं और आपको गाड़ी चलाने में मजा आएगा। ट्रिप की शुरुआत के रास्ते में आपको छोटे घर और खेत दिखाई देंगे जो धीरे-धीरे खुले मैदान और बर्फीली वादियों में बदल जाएंगे। दिल्ली से लेह आते समय अमृतसर के ढाबे और कश्मीर की दिल खुश कर देने वाली बेकरी में पेट पूजा करना एकदम मत भूलिएगा।
दूरी: दिल्ली से अमृतसर: 452 किमी. (8 घंटे), अमृतसर से श्रीनगर: 434.6 किमी. (11 घंटे 17 मिनट), श्रीनगर से लेह: 418.5 किमी. (9 घंटे 27 मिनट)
समय: 6 दिन
फेमस जगहें: लाल किला, कुतुब मीनार, इंडिया गेट, स्वर्ण मंदिर, वाघा बॉर्डर, जालियांवाला बाग, डल झील, चार चिनार, मुगल गार्डन, ट्यूलिप गार्डन, थिक्से मोनास्ट्री, मैगनेटिक हिल, पेंगोंग झील
रूट 2: लेह-मनाली-आगरा
लेह घूमने और आराम करने के बाद आपको अपनी ट्रिप के दूसरे चरण के लिए चल पड़ना चाहिए। इस भाग में आपको लेह से आगरा तक का सफर तय करना होगा। अगर आप बाइक से ये ट्रिप कर रहे हैं फिर आपको इस सफर में दोगुना मजा आने वाला है। ऊँचाई पर बनी सड़कों से होकर गुजरना, आड़े-तिरछे मोड़ पर ड्राइव करना ये सभी चीजें आपकी इस रोड ट्रिप को रोमांच से भर देंगी। ऐसे मौकों पर आपको बस अपनी गाड़ी का शीशा नीचे करके हसीन वादियों का मजा लेना चाहिए। आखिर घुमक्कड़ों को सबसे ज्यादा प्यार पहाड़ों से होता है और यदि आपको भी पहाड़ पसंद हैं तो लेह-मनाली से बेहतर और क्या हो सकता है। मनाली से आगे बढ़कर आपको आगरा के राजसी माहौल की सैर करनी चाहिए। इस शहर का आर्किटेक्चर और मुगल स्मारक देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। नेशनल हाईवे-44 से होते हुए आगरा आइए। इस हाईवे की खासियत है कि ये देश के सबसे लंबे राजमार्गों में से एक है। इस हाईवे पर आपको खाने पीने के लिए भी तमाम ऑप्शन्स मिल जाएंगे। अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें बिना रुके लंबी दूरी तक ड्राइव करना पसंद आता है तो ये रोड ट्रिप आपके लिए बेहद हसीन एक्सपीरियंस से भरी होने वाली है।
दूरी: लेह से मनाली: 427 किमी. (11 घंटे 24 मिनट), मनाली से आगरा: 781.3 किमी (14 घंटे 49 मिनट)
समय: 3 दिन
फेमस जगहें: सोलंग घाटी, रोहतांग दर्रा, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा फोर्ट
रूट 3: आगरा-जयपुर-अहमदाबाद-मुंबई-गोवा
आपकी रोड ट्रिप का ये हिस्सा बेहद खास होने वाला है। क्योंकि इस भाग में आप भारत के उत्तरी हिस्से से निकलकर वेस्ट और धीरे-धीरे साउथ की तरफ बढ़ेंगे। राजस्थान की रेतीली और बंजर सड़कों से लेकर धान के हरे-भरे खेतों तक का सफर बहुत रोमांचक लेकिन खूबसूरत होगा। राजस्थान में आपको सड़कों के किनारे रेत के टीले दिखाई देंगे। लेकिन जब आप धीरे-धीरे मुंबई और फिर गोवा की ओर चलेंगे उन्हीं सड़कों पर आपको ढेर सारी हरियाली और फसल से लहलहाते खेत दिखाई देने लगेंगे। रोड ट्रिप के इस हिस्से में आपको सड़कें तो बहुत अच्छी मिलेंगी। लेकिन क्योंकि इसमें आप मुंबई जैसे महानगरों को पार करना है इसलिए यहाँ आपको भीड़ मिलना तय है। आगरा से जयपुर और फिर अहमदाबाद के रास्ते में आपको तमाम छोटी-छोटी दुकानें मिलेंगी जहाँ आप लाजवाब गुज्जू नमकीन खाने का स्वाद ले सकते हैं। इसके बाद मुंबई से गोवा की रोड ट्रिप तो हर घुमक्कड़ की लिस्ट में होती ही है। केवल घुमक्कड़ ही नहीं बल्कि इस रोड ट्रिप को करने का सपना हर मुंबईकर के अंदर होता है। नेशनल हाईवे-44 गोवा जाने का सबसे सीधा और सटीक रास्ता है। रास्ते में आप बेलगाम फोर्ट देखने के लिए भी रुक सकते हैं। मुंबई से गोवा का ये सफर बिना नारियल पानी पिए अधूरा है। अब आप जानते हैं इस ट्रिप में एक्स्ट्रा मजा कैसे जोड़ना है।
दूरी: आगरा से जयपुर: 239.7 किमी. (4 घंटे 9 मिनट), जयपुर से अहमदाबाद: 482.6 किमी. (11 घंटे 32 मिनट), अहमदाबाद से मुंबई: 524.1 किमी. (8 घंटे 59 मिनट), मुंबई से गोवा: 587 किमी. (11 घंटे 7 मिनट)
समय: 8 दिन
फेमस जगहें: हवा महल, आमेर किला, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, साबरमती आश्रम, मरीन ड्राइव, गेटवे ऑफ इंडिया, जुहू बीच, बागा बीच
रूट 4: गोवा-एलेप्पी-कन्याकुमारी-मदुरई-हम्पी
गोवा से आपको आधिकारिक तौर पर भारत के दक्षिणी हिस्से में दाखिल होना होगा। गोवा से आपको नेशनल हाईवे-66 के रास्ते एलेप्पी और फिर कन्याकुमारी आना होगा। यकीन मानिए ये रोड ट्रिप किसी सपने देखने जैसी होने वाली है। लेकिन अच्छी बात ये है कि इस बार ये सपना नहीं है। आप हकीकत में इस सपने को जी रहे होंगे। पहाड़ों से घिरे वेस्टर्न घाट और दूर तक बिखरी हरियाली के बीच गाड़ी चलाना किस रोड ट्रिप प्रेमी को नहीं पसंद आएगा। एलेप्पी से गुजरते हुए आपको लेकेडिव का बेहतरीन नजारा दिखाई देगा। एलेप्पी और कन्याकुमारी देखने के बाद आपको मदुरई आना होगा। मदुरई का कल्चर और रंग-बिरंगे मंदिर देखते हुए आपको जादुई दुनिया में होने का एहसास होगा। मदुरई से हम्पी का सफर आपको नेशनल हाईवे-48 पकड़कर करना होगा। रास्ते में आपको खाने-पीने के लिए तमाम बढ़िया रेस्त्रां मिलेंगे जो आपकी भूख का बढ़िया इलाज करेंगे। ध्यान देने वाली बात ये है कि हम्पी पहुँचने से पहले ही आपको बाहर से ही इस ऐतिहासिक शहर की झलकियाँ दिखने शुरू हो जाएंगी। हम्पी के कुछ स्मारक शहर से बाहर छोर पर भी हैं जिन्हें आप मदुरई से आते समय देख सकते हैं। साउथ इंडिया की खूबसूरती के चर्चे दूर दूर तक हैं। यकीन मानिए इस रोड ट्रिप के जरिए आपको भारत की असली खूबसूरती से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
दूरी: गोवा से एलेप्पी: 800.8 किमी. (18 घंटे 29 मिनट), एलेप्पी से कन्याकुमारी: 234.8 किमी. (4 घंटे 46 मिनट), कन्याकुमारी से मदुरई: 244.5 किमी. (4 घंटे 8 मिनट), मदुरई से हम्पी: 783.5 किमी. (12 घंटे 48 मिनट)
समय: 5 दिन
फेमस जगहें: कुमारकोम बोर्ड सैंक्चुरी, बैकवॉटर्स, विवेकानंद रॉक मेमोरियल, सनसेट प्वाइंट, थिरापारप्पु वॉटरफॉल, मीनाक्षी टेंपल, तिरुमलाई नायकर महल, विरुपाक्षी मंदिर, विठाला मंदिर
रूट 5: हम्पी-पुरी-कोलकाता-गंगतोक
रोड ट्रिप के इस हिस्से में आपको अब साउथ से बढ़कर ईस्ट और पूर्वोत्तर राज्यों की तरफ चलना होगा। यहाँ से आपकी यात्रा में आपका स्वागत धान और गन्ने के खेतों से होगा। हम्पी से पुरी तक का सफर बहुत मजेदार होता है। पुरी के नजदीक पहुँचते-पहुँचते आपको समुद्र तट और तमाम मंदिरों के शानदार नजारे दिखाई देने लगता हैं। असल में ये मंदिर शहर के बाहरी इलाके में भी हैं। पुरी से कोलकाता आने में भी आपको बहुत मजा आएगा। बदलते नजारों के साथ ड्राइव करने का अपना एक अलग एहसास है। कोलकाता के सफर में आपको खेत तो दिखेंगे लेकिन ये आम गेंहू के खेत नहीं हैं। ये वो फसलें हैं जिन्हें उद्योग के लिए उगाया जाता है। पूरी से कोलकाता हाईवे पर भी आपको सीफूड की बहुत सारी छोटी और बड़ी दुकानें मिलेंगी। जहाँ आप फिश और प्रॉन की बढ़िया डिश खा सकते हैं। नेशनल हाईवे-6 पर आपको बैलगाड़ी और कुछ अन्य जानवर मिल सकते हैं इसलिए अच्छा होगा की इस रास्ते पर आप गाड़ी की स्पीड पर थोड़ा नियंत्रण रखें। आप विश्वास नहीं करेंगे ये रास्ता देश के सबसे खूबसूरत राजमार्गों में से है। गंगतोक के नजदीक आते ही आपको लैंडस्केप में तुरंत बदलाव दिखाई देगा। हरे खेत से निकलकर अब आप पूर्वोत्तर के पहाड़ियों में हैं। इस रूट की खासियत है कि इसमें आपको समुंदर से लेकर खेत और पहाड़ों तक तीनों चीजों का बेहतरीन मिश्रण मिलता है।
दूरी: हम्पी से पुरी: 1,331.1 किमी. (29 घंटे), पुरी से कोलकाता: 495.5 किमी. (10 घंटे 42 मिनट), कोलकाता से गंगतोक: 677.4 किमी. (17 घंटे 26 मिनट)
समय: 5 दिन
फेमस जगहें: जगन्नाथ मंदिर, चिल्का झील, विक्टोरिया मेमोरियल, हावड़ा ब्रिज, ईडन गार्डन, नाथूला पास, त्सोंगमो झील
रूट 6: गंगतोक-गया-वाराणसी-दिल्ली
आपका अबतक का सफर यकीन रोमांचक रहा होगा। ये आपकी ट्रिप का आखिरी हिस्सा है। लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि इस हिस्से में आपको कहीं कुछ कम मजा आने वाला है। ये पार्ट भी बाकी की तरह बेहद शानदार होने वाला है। इस भाग में आपको गंगतोक की पहाड़ी खूबसूरती को पीछे छोड़ते हुए गौतम बुद्ध की नगरी बोध गया आना होगा। इसके लिए आपको शुरुआत में नेशनल हाईवे-10 से होते हुए आखिर में नेशनल हाईवे-27 लेना होगा। इस हिस्से की सड़कों पर गाड़ी चलाना आपके लिए आसान होगा। यहाँ सड़कों की स्थिति अच्छी है और भीड़ भी उतनी नहीं होती है। बोध गया के बाद आपको औरंगाबाद के रास्ते आस्था की नगरी काशी में प्रवेश करना होगा। काशी जिसको बनारस भी कहा जाता है बेहद खूबसूरत शहर है। बनारस के घाटों से लेकर मंदिरों तक हर एक चीज की अपनी एक अलग पहचान है। कहते हैं बनारस को अच्छी तरह देखने के लिए आपको यहाँ की गलियों में भटकना जरूरी होता है। क्योंकि दिल्ली पहुँचने से पहले ये आपकी ट्रिप का आखिरी लेकिन सबसे सुंदर शहरों में से एक होगा। इसलिए यहाँ आप अपनी मर्जी से जितना मन चाहे उतना घूम सकते हैं। घुमक्कड़ों का कहना है कि इस शहर को ना केवल घूमना बल्कि जिया जाना चाहिए। अब ये तो आपको बनारस जाकर ही मालूम चलेगा। बनारस से चलकर आपको अपने अंतिम शहर दिल्ली आना है। जहाँ आपकी 30 दिनों की ये रोड ट्रिप खत्म होती है।
दूरी: गंगतोक से गया: 621.1 किमी. (15 घंटे 2 मिनट), गया से वाराणसी: 251.7 किमी. (5 घंटे 43 मिनट), वाराणसी से दिल्ली: 840.4 किमी. (12 घंटे 52 मिनट)
समय: 3 दिन
फेमस जगहें: बोध गया, महाबोधी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, दशाश्वमेध घाट, बी.एच.यू.
रोड ट्रिप पर निकलने से पहले इन बातों का रखें ध्यान:
- अपनी गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर और जरूरी सामान साथ रखें।
- रास्ते के लिए पानी और कुछ स्नैक्स साथ लें।
- निकलने से पहले अपनी ट्रिप का मैप जरूर देखें। जरूरत पड़ने पर गूगल मैप की सहायता भी लें।
- ये रोड ट्रिप लंबी और थका देने वाली है। इसलिए हर जगह सारी चीजों को देखने की कोशिश ना करें।
- अपने साथ ड्राइविंग लाइसेंस, आईडी कार्ड और अन्य जरूरी कागज जरूर रखें।
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