इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक

Tripoto
14th Nov 2023
Photo of इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक by Ajay Singh Chouhan

जयपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले क्या दृश्य मन में आते हैं ? शायद आमेर का किला, नाहरगढ़ किला, सिटी पैलेस, हवामहल, जलमहल इत्यादि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल । यह लेख एक अन्य स्मारक के बारे में हैं जिसे काफ़ी संख्या में पर्यटक और जयपुरवासी बाहर से कई बार देखते होंगे लेकिन कम ही लोगों को पता होता है कि उस स्मारक के अंदर भी जाया जा सकता है । मैं बात कर रहा हूँ "ईसरलाट सरगासूली" के बारे में जो कि जयपुर के परकोटे में छोटी चोपड़ और त्रिपोलिया द्वार के मध्य में स्थित है ।

सुंदर स्मारक और उसकी पृष्ठभूमि पर बादल

Photo of Isarlat Sargasooli, Jaipur by Ajay Singh Chouhan

थोड़ा इसके इतिहास में देखा जाय तो इस स्मारक के निर्माता महाराजा ईश्वरी सिंह का जन्म 1721 ई. में सवाई जयसिंह द्वितीय जिन्होंने जयपुर शहर की स्थापना की थी, के सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ था । ईश्वरी सिंह के पिता चाहते थे कि उनके बाद वे जयपुर पर शासन करें। सवाई जय सिंह द्वितीय के बाद ईश्वरी सिंह का राज्याभिषेक हुआ । लेकिन मेवाड़ के महाराणा को यह स्वीकार्य नहीं था क्योंकि सिसौदिया राजकुमारी का विवाह जयसिंह के साथ इस शर्त पर हुआ था कि उसका पुत्र आगामी कच्छवाहा शासक होगा ।

ऊपर से शहर का दृश्य

Photo of इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक by Ajay Singh Chouhan

महाराजा ईश्वरी सिंह और उनके सौतेले भाई माधोसिंह प्रथम के बीच आंतरिक विवाद बढ़ गए । यह विवाद बाद में युद्ध में बदल गया । 1 मार्च 1747 ई. को राजमहल (टोंक) में ईश्वरी सिंह और माधोसिंह के बीच युद्ध हुआ । ईश्वरी सिंह ने यह लड़ाई जीती और जयपुर के त्रिपोलिया बाजार में "इसरलाट" या "सरगासुली" (स्वर्ग की मीनार) का निर्माण कराया ।

छोटी चौपड़ की ओर दृश्य

Photo of इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक by Ajay Singh Chouhan

सरगासूली एक सात मंजिला अष्टकोणीय संरचना है जिसे मुगल और राजपूत वास्तुकला शैलियों के मिश्रण से बनाया गया है और इसे गुलाबी रंग के विपरीत पीले रंग में रंगा गया है जो शहर की इमारतों और बाजार क्षेत्रों के गुलाबी रंग के बीच एक अलग झलक प्रस्तुत करता है ।

इस मीनार के सबसे नीचे एक छोटा दरवाज़ा 264 सीढ़ियों के प्रवेश द्वार की ओर ले जाता है, जहां से मीनार के शीर्ष तक ऊपर की ओर गुमावधार सीढ़ियां हैं । गोलाकार सीढ़ी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि मीनार के अंदर ताजी हवा और रोशनी आती रहे । मीनार को बाद में वॉच टावर के रूप में इस्तेमाल किया गया । मीनार में नीचे शहर का नजारा देखने के लिए खिड़कियां भी हैं ।

अद्भुत कलाकृतियाँ

Photo of इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक by Ajay Singh Chouhan

इसकी ऊंचाई और स्थान के कारण, गुलाबी शहर के बहुत से प्रमुख स्थलों और स्मारकों को सरगासुली से देखा जा सकता है । यहां से कोई भी नाहरगढ़ किला, हवा महल, गढ़ गणेश, सिटी पैलेस और जंतर मंतर को बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता है ।

मीनार के शीर्ष से 360 डिग्री नज़ारा आता है लेकिन ऊपर ज्यादा जगह नही है इसलिए एक बार में 3-4 लोग ही आराम से खड़े रहकर शहर को निहार सकते हैं । सरगासुली सप्ताह के सभी दिन सुबह 9:30 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुला रहता है।

बड़ी चौपड़ की ओर का दृश्य, यह तस्वीर सुपरज़ूम कैमरे से ली गई है

Photo of इसरलाट सरगासूली की भव्यता का अनावरण : जयपुर के इतिहास के केंद्र में खड़ा एक राजसी स्मारक by Ajay Singh Chouhan

यह स्मारक छोटी चोपड़ मेट्रो स्टेशन से बहुत ही पास है इसलिए सिन्धी कैम्प राजस्थान रोडवेज बस स्टैंड और जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से यहां काफी आसान, किफायती तरीके से मेट्रो द्वारा पहुँचा जा सकता है । आस पास के आकर्षण की बात करें तो सूची बहुत लंबी है, जयपुर के सबसे खास बाज़ार, गोविंद देवजी मंदिर, हवामहल, सिटी पैलेस, जंतर मंतर सभी यहां से बहुत पास हैं ।

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