गुलाबी नगरी की सबसे ऊँची ऐतिहासिक पीली ईमारत, विजय स्मारक से दिखता है पूरे जयपुर का शानदार नज़ारा

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Photo of गुलाबी नगरी की सबसे ऊँची ऐतिहासिक पीली ईमारत, विजय स्मारक से दिखता है पूरे जयपुर का शानदार नज़ारा by We The Wanderfuls

भारत के पर्यटन में राजस्थान राज्य की एक अलग ही भूमिका है। इस अद्भुत राज्य के लिए कहा जाता है कि राजस्थान की यात्रा के बिना आपकी भारत यात्रा कभी पूरी हो ही नहीं सकती। ऐसी ही भूमिका राजस्थान की राजधानी जयपुर, राजस्थान के पर्यटन के लिए निभाती है जिसका मतलब ये है कि गुलाबी नगरी जयपुर की यात्रा के बिना आपकी राजस्थान यात्रा सफल नहीं हो सकती। जयपुर को गुलाबी नगरी ऐसे ही नहीं कहा जाता, आखिर जयपुर शहर में हर तरफ गुलाबी रंग में रंगी खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतें जो दिखाई देती हैं। लेकिन आज का हमारा ये लेख इस सुन्दर गुलाबी नगरी में किसी गुलाबी रंग की ईमारत के बारे में नहीं बल्कि जयपुर की सबसे ऊँची ऐतिहासिक ईमारत जो कि पीले रंग की है उसके बारे में है।

आपने दिल्ली में स्थित क़ुतुब मीनार और चित्तौड़गढ़ में स्थित विजय स्तम्भ व कीर्ति स्तम्भ के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि जयपुर में भी ऐसी ही एक 7 मंजिला ईमारत है जिसके ऊपर से पूरे जयपुर शहर का बेहद खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है। तो चलिए देर किस बात की, बताते हैं आपको इसकी पूरी जानकारी...

ईसरलाट, जयपुर

जयपुर में यूँ तो कई ऐतिहासिक इमारतें आपका भव्य स्वागत करने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं और इनकी खूबसूरती को निहारकर जयपुर आया हर पर्यटक गुलाबी नगरी की एक सुन्दर याद अपने साथ ले जाता है। लेकिन इन सभी इमारतों में जयपुर में विजय स्मारक के तौर पर बनाई गयी ईसरलाट जो कि सरगासूली टॉवर के नाम से भी जानी जाती है, सबसे ऊँची ऐतिहासिक ईमारत है। जयपुर में सिटी पैलेस के बेहद करीब त्रिपोलिया गेट के पास यह सुन्दर और ऐतिहासिक अद्भुत वास्तुकला का नमूना बना हुआ है। यह कुल 7 मंजिला ईमारत है जिसके ऊपर जाकर आप 140 फ़ीट की ऊंचाई से जयपुर का शानदार नज़ारा देख सकते हैं। आपको बता दें कि यह विजय स्मारक जयपुर में लोकप्रिय पर्यटन स्थल हवामहल से भी 3 गुना ऊँचा है। इसके ऊपर जाने के लिए ईमारत के अंदर ही घुमावदार रैंप है और इस पर चलते हुए आप इस स्मारक के टॉप पर पहुँच सकते हैं।

ईसरलाट का इतिहास

जैसा कि हमने बताया कि ईसरलाट एक विजय स्मारक के तौर पर बनाया गया था। इसका निर्माण 1749 में जयपुर के महाराजा सवाई ईश्वरी सिंह ने करवाया था। इसी वजह से इसका नाम ईसरलाट रखा गया। तो यह ऐतिहासिक ईमारत आज से करीब 274 साल पहले बनाई गयी थी और इतनी पुराणी होने के बाद भी आज भी आप इसे अपने उसी सुन्दर रूप में देख सकते हैं। इसे सरगासूली के नाम से भी जाना जाता है और जब 1748 में राजा माधो सिंह व उनके साथ अन्य सात सम्मिलित सेनाओं के साथ भीषण युद्ध में सवाई ईश्वरी सिंह की जीत हुई उसी के उपलक्ष्य में विजय प्रतीक के तौर पर ईसरलाट का निर्माण 1749 में ईश्वरी सिंह द्वारा करवाया गया था। बता दें कि उस समय भी इसे वास्तुशास्त्र के सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था और विजय स्मारक होने के साथ ही यह एक वॉच टॉवर के तौर पर भी काम आता था। अगर सरगासूली नाम के पीछे के राज़ की बात करें तो यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसे नीचे से देखने पर यह स्वर्ग को छूती हुई ईमारत सी प्रतीत होती है।

टिकट और प्रवेश समय

आपको बता दें कि इसे देखने की टिकट आपको इस ईमारत की पहली मंजिल पर बने ई-मित्र पर मिल जाएगी। टिकट रेट की बात करें तो यह भारतीय पर्यटकों के लिए सिर्फ 55 रुपये का है लेकिन विदेशी सैलानियों के लिए इसकी कीमत 205 रुपये रखी गयी है। इसके अलावा स्टूडेंट्स के लिए टिकट में विशेष छूट रखी गयी है जिसमें भारतीय स्टूडेंट के लिए टिकट 25 रुपये और विदेशी स्टूडेंट के लिए यह 30 रुपये का है।

वहीं अगर इसके प्रवेश समय की बात करें तो यह सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है। बताया जाता है कि यह सिर्फ होली के अगले दिन धुलंडी के दिन ही बंद रहता है।

ईसरलाट के आस-पास और क्या कर सकते हैं?

ईसरलाट यूँ तो जयपुर शहर के बीच ही स्थित है तो यहाँ कुछ दुरी पर ही काफी सारी अन्य घूमने की जगहें और अन्य खाने-पीने और शॉपिंग की जगहें आपको मिल जाएँगी। लेकिन अगर एकदम करीब की जगहों की बात करें तो यहाँ सालों पुरानी कुछ छोटी-छोटी दुकाने मिल जाएँगी जहाँ आप स्ट्रीट फ़ूड वगैरह का आनंद ले सकते हैं तो अगर आप फूडी हैं तो यह जगह आपको बिलकुल निराश नहीं करेगी। इसके अलावा यहाँ आपको शॉपिंग के लिए भी काफी सारी दुकाने मिल जाएँगी जहाँ आप मुख्य तौर पर राजस्थानी वस्त्र, और जूतियां खरीद सकते हैं और इसके अलावा कुछ दुकानें आपको सजावटी सामान की भी दिखेंगी।

इसके अलावा त्रिपोलिया गेट के पास जयपुर शहर के मुख्य बाजार आपको मिल जायेंगे जहाँ आप हर तरह की शॉपिंग कर सकते हैं।

कैसे पहुंचे?

अगर आप जयपुर के बाहर से आ रहे हैं तो जयपुर आने के लिए आप हवाई, सड़क या रेल मार्ग में से कोई भी चुन सकते हैं। जयपुर शहर इन तीनो मार्गों से देश के सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। फिर जयपुर पहुँचने के बाद आप आसानी से टैक्सी या ऑटो करके त्रिपोलिया गेट तक पहुँच सकते हैं। त्रिपोलिया गेट से कुछ दुरी पर पुराने आतिश मार्किट के बीचों-बीच स्थित ईसरलाट आप आसानी से पहुँच सकते हैं। एयरपोर्ट से अगर आप आ रहे हैं तो आपको टैक्सी या ऑटो करके यहाँ तक पहुंचना पड़ेगा और जयपुर जंक्शन और जयपुर के सिंधी कैंप बस स्टैंड से आप बस या फिर मेट्रो के जरिये भी छोटी चौपड़ या बड़ी चौपड़ मेट्रो स्टेशन पर पहुँच सकते हैं। फिर वहां से ईसरलाट आप चाहें तो पैदल भी आसानी से जा सकते हैं। दोनों ही मेट्रो स्टेशन से इसकी दूरी करीब 500 ही है।

तो अगर आप जयपुर या आस पास हैं या फिर जयपुर जाने का प्लान कर रहे हैं तो पर्यटकों से आम तौर पर मिस होने वाली इस खूबसूरत जगह को और यहाँ से दिखने वाले जयपुर शहर के अद्भुत नज़ारे को बिलकुल भी मिस न करें। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो प्लीज आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।

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