दुनिया के सात अजूबे अब आप देख सकते हैं दिल्ली में

Tripoto

हम सब जानते हैं कि दिल्ली और मुंबई की तुलना करने वाली बहसें तो हमेशा चलती ही रहेंगी | हर शहर अपने अंदाज़ में अपनी सभ्यता का गुणगान करता है | मगर कभी कबार किसी शहर को अपनी शान का बखान करने का मौका मिल जाता है और दिल्ली और मुंबई की तुलनात्मक बहस हास्यास्पद मोड़ ले लेती हैं |

"हमारा खाना बेहद स्वादिष्ट है"

"हमारे पास चौपाटी है"

"हमारी मेट्रो रेल का जाल बड़ा मज़बूत है"

"तो? हमारी लोकल रेल का जल बहुत बड़ा है"

"हम पहाड़ों के नज़दीक है"

"और हम गोवा के!"

मगर इस बार दिल्ली के पास अपना गुणगान करने का बेहतरीन मौका है, और इसका कारण है ये बेहद सुंदर पार्क जिसमें दुनिया के 7 अजूबों की नकल मौजूद है |

आइए इसके बारे में और जानकारी लें |

वर्ल्ड पार्क

इस पूरी तरह से ईको फ्रेंड्ली पार्क में दुनिया के सातों अजूबों की नकलें मौजूद हैं और इस वजह से जल्द ही ये साउथ दिल्ली का एक प्रतिष्ठित पर्यटन स्थल बन जाएगा|

ताजमहल से लेकर ईसा मसीह और रियो डी जिनेरिओ का रिडीमार स्टेचू, इस पार्क में सब कुछ होगा | इन नकलों की सबसे बड़ी ख़ासियत ये होगी कि इन्हें पूरी तरह से गाड़ियों के कबाड़ से बनाया जाएगा |

इस परियोजना में साउथ दिल्ली नगर निगम को करीब 7.5 करोड़ रुपये का खर्च आने का नोमान लगाया गया है और ये पार्क कोटा में ऐसे ही एक पार्क से प्रेरित है |

पार्क में बिजली की ज़रूरतें पूरी करने के लिए साउथ दिल्ली नगर निगम ने पूरी तरह से सौर और पवन ऊर्जा पर निर्भर रहने की योजना बनाई है | पार्क में लगे तीन सौर सैयन्त्र धूप की किरणों को ट्रैक करने में सक्षम है जो पारंपरिक सैयन्त्रो से 40 प्रतिशत अधिक ऊर्जा का उत्पादन करेंगे | पार्क में बिजली की खपत सामान्य के काफ़ी कम होई इसलिए अतिरिक्त 12-14 किलो वॉट बिजली को ग्रिड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा |

सौर पेड़ों में मिस्ट कूलिंग टेक्नॉलॉजी लगी होगी जो पानी की महीन बूँदों को हवा में छोड़ेंगी | हवा में तैरती ये बूँदें गर्मी की वजह से उड़ जाएँगी और अपने आस पास के वातावरण को ठंडा कर देंगी |

Photo of दुनिया के सात अजूबे अब आप देख सकते हैं दिल्ली में 4/4 by सिद्धार्थ सोनी Siddharth Soni
श्रेय : अनिंद्या चट्टोपाध्याय टीओआई से

अजूबों की नकलें कबाड़ से बनी हैं जैसे पुराने लोहे की बैंचें, साइकिल के पुर्ज़े इत्यादि | सूचना बोर्ड के अलावा इन अजूबों की नकलों के पास सेल्फी खींचने के स्थान भी बने होंगे ताकि पार्क देखने आने वाले अजूबों के साथ तस्वीर खींच सकें | हर एक नकल की खूबसूरती में चार चाँद तब लगेंगे जब नकलों के साथ ही उन तक जाते रास्तों पर भी बिजली से सजावट की जाएगी |

पार्क को देखने वालों के लिए 9 फ़रवरी 2019 में खोला जाएगा | मगर पार्क में लगने वाले प्रवेश शुल्क के बारे में अधिकारियों से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है |

पार्क का निर्माण करने के इस नये दृष्टिकोण के मद्देनज़र दिल्ली ने भारत के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम की है | तो अभी के लिए तो दिल्ली ने 1-0 से बढ़त बना ली है | चलो मुंबई, अब तुम्हारी बारी |

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