राजस्थान के भानगढ़ के किले से लेकर मुंबई की मुकेश मिल तक, भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो भूतिया होने की वजह से मशहूर हैं | लेकिन अगर बात ख़ौफ़ की करें तो पश्चिम बंगाल के एक पर्वतीय गाँव की ख़ौफ़नाक गाथाएँ काफ़ी प्रचलित हैं | दार्जिलिंग जिले में कुर्स्योंग नामक गाँव के क़िस्से सुनेंगे तो रूह काँप जाएगी | यहाँ क्या दिख जाए कुछ पता नहीं |
कुर्स्योंग गाँव का एक ख़ास हिस्सा है दाओ हिल, जिसे इन सभी गतिविधियों का केंद्र बिंदु माना जाता है | यहाँ भूतिया इमारतों, रहस्यमयी जंगलों और सिर कटे भूतों के क़िस्से बड़े प्रसिद्ध हैं | यहाँ की फ़िज़ा में ही कुछ ऐसा है कि इस जगह को भारत के सबसे डरावने हिल स्टेशन के नाम भी जाना जाने लगा है |
दाओहिल रोड
दाओहिल के बारे में और...
दार्जिलिंग से मात्र 30 किलोमीटर दूर कुर्स्योंग का दाओहिल एक बार देखने पर बड़ा शांत सा लगता है | मगर सुरम्य नज़ारों से ज़रा आगे बढ़ें तो दाओहिल किसी बुरे सपने से कम नहीं है | इस छोटी सी पहाड़ी पर ऐसी खौफनाक घटनाएँ होती आई हैं कि आज इसे भारत के सबसे डरावने हिल स्टेशन के नाम से जाना जाने लगा है | अगर इतना सुनकर भी आपके होश नहीं उड़े तो आइए आपके रोंगटे खड़े कर देते हैं | दाओहिल के पास एक सड़क है जिसे डेथ रोड भी कहते हैं |
डेथ रोड के सिर कटे बच्चे की कहानी
यहाँ के स्थानीय लोगों के साथ ही सैलानी भी सिर कटे बच्चे की कहानी से ख़ौफ़ खाते हैं | दाओहिल से फोरेस्ट कार्यालय की ओर जाने वाली सड़क( जिसे डेथ रोड भी कहते हैं) पर बहुत से लोगों ने एक सिर कटा हुआ बच्चा देखने की बात कही है | लोग बताते हैं कि देखते ही देखते ये सिर कटा बच्चा जंगल में गायब हो जाता है |
रहस्यमय जंगलों की कथाएँ
रोमांच की चाह रखने वाले और स्थानीय लोगों ने कई बार दाओ हिल्स के रहस्यमयी जंगलों में घुसकर यहाँ की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की मगर हर बार नतीजे भयानक थे | स्थानीय लोग बताते हैं कि जैसे ही आप जंगल के घने हिस्से की ओर जाते हैं तो ऐसा लगता है मानो कोई आपको लगातार देख रहा है | कुछ लोगों ने तो ये भी कहा है कि किसी की लाल-लाल डरावनी आँखें आपको घूरती हैं और अचानक घने जंगलों में कहीं गायब सी हो जाती हैं | यहीं नही, जंगल में मटमैले रंग के कपड़े पहने किसी औरत का भूत भी भटकता हुआ बताया जाता है | दाओ हिल की फ़िज़ा में ही कुछ ऐसा है कि यहाँ जाने वालों का मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है और बाद में वो आत्महत्या कर लेते हैं |
दाओ हिल का भूतहा स्कूल
हालाँकि दाओ हिल की आबादी बहुत कम है, फिर भी यहाँ सौ साल पुराना विक्टोरिया बॉइज़ हाई स्कूल स्थित है | हिल के अन्य हिस्सों की तरह ही ये स्कूल भी भूतों का डेरा होने की वजह से बदनाम है | कहानियों के मुताबिक इस स्कूल में कई मौतें हुई हैं जिनका राज़ कोई नहीं सुलझा पाया है | सर्दियों के दिनों में स्थानीय लोगों ने स्कूल के परिसर में बच्चों के दौड़ने की आवाज़ें भी सुनी हैं | मज़े की बात है कि सर्दियों के दिनों में स्कूल 4 महीनों के लिए बंद हो जाता है |
दाओ हिल कैसे पहुँचे
अगर ये सब कहानियाँ पढ़ कर भी आपके रोंगटे नहीं खड़े हुए हैं तो खुद दाओ हिल जाइए और ख़ौफ़ का सामना कर सकते हैं| नई दिल्ली से कुर्स्योंग आप इस तरह पहुँच सकते हैं :
हवाई मार्ग द्वारा: नई दिल्ली से बागड़ोगरा तक लगभग रोज़ ही सीधे विमान उड़ते हैं जिनमें एक तरफ की टिकट का खर्च 3500 रुपये है | हवाई अड्डे से दाओ हिल 50 किलोमीटर दूर है जहाँ टैक्सी से डेढ़ घंटे में पहुँचा जा सकता है |
रेल मार्ग द्वारा: नई दिल्ली से नई जलपाईगुड़ी तक ट्रेन भी ले सकते हैं जो पहुँचने में 24 घंटे लेती है | रेलवे स्टेशन से दाओ हिल 42 किमी दूर है जहाँ टॅक्सी द्वारा 1.15 घंटे में पहुँचा जा सकता है |
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