मान लेते हैं आप घुमक्कड़ किस्म की प्रजाति हैं जो खूबसूरत तस्वीरें लेने का शौक रखते हैं, आप अपने हर एक्सपीरियंस को तस्वीरों में कैद कर लेते हैं और दुनिया के साथ उन्हें साझा करने में पीछे नहीं हटना चाहते तो जनाब मैं और आप एक ही कश्ती पर सवार हैं।
अपने इसी शौक को परवाज़ देते हुए हम उत्तराखंड के एक ऑफबीट ट्रेक की तरफ निकल गए । इस ट्रैक का नाम है *नागटिब्बा*
अगर आप एक ट्रैक पर जाने की सोच रहे हैं तो बिना ट्रेल की चढ़ाई करने के लिए तैयार रहें। सम्मिट पर पहुंचने के लिए आपको लगभग 9 घंटों का ट्रेक करना होगा, पर यकीन कीजिए मेहनत बेकार नहीं जाएगी।सम्मिट पर पहुंचते ही जो नज़ारा देखने को मिलता है उसे शब्द नही दिया जा सकता।
जो हमने देखा वो अवाक कर देने वाला था, बर्फ की सफेद चादर क्षितिज तक फैली हुई थी जिस पर हल्की सूरज की रोशनी पड़ती तो लगता कांच के करोड़ों टुकड़े बिखर गए हों, हर तरफ शून्यता थी और मन में गहरा सुकून। हर 5 मिनट पर आजाने वाला बर्फीला तूफान हमे एक जगह रुकने नही दे रहा था फिर भी हमने उस खूबसूरत नज़ारे को आंखों, दिलों और कैमरों में कैद कर लिया।
ट्रैक करते हुए कुछ बातों का खास ध्यान रखना जरूरी है-
1. काली बर्फ/ब्लैक आइस के बारे में पता होना चाहिए। यह फिसलन भरी और खतरनाक हो सकती है।
2. जो लोग इसे आसान ट्रेक कहते हैं, वे ये नही बताते की यह trek मौसम के हिसाब से आसान या कठिन हो जाता है। यह गर्मियों में चढ़ने में जितना आसान है, सर्दियों में (Jan-Feb) उतना ही जटिल।
मैं तुंगनाथ चंद्रशिला, त्रियुंड गई हूं। और मुझे यह ट्रेक थोड़ा कठिन लगा।
3. चोटी तक पहुंचने के लिए आपको शारीरिक रूप से फिट होना होगा, जो कि झंडी टॉप है। नाग टिब्बा टॉप नहीं। नाग टिब्बा टॉप वह जगह है जहां मंदिर स्थित है, वहां से झंडी टॉप 1.5 किमी आगे है। इन 1.5km को कवर करना मुश्किल है। लेकिन अगर आप बर्फ और खूबसूरत पहाड़ों से प्यार करते हैं, तो जरूर जाएं।
कहां रूके-
जहां तक ठहरने की बात है। बेस कैंप में रहें। हमने शुभम कैंप के जरिए कैंप बुक किया। हमारे गाइड एक 58 साल के दिलचस्प और खूसमिजाज इंसान थे, उनका बेसकैंप पंतवारी गांव से करीब 6km ऊपर था। आम दिनों में कैंप्स में रुकने का प्रबंध होता है पर बारिश और बर्फ की वजह से हम मडहाउस में रुके, जहा उन्होंने अपने बेटे रचित को पहले ही भेज रखा था जिन्होंने हमारी शाम की चाय और पकोड़ो का इंतजाम कर रखा था। यहां घर को गर्म रखने के लिए आग का अच्छा प्रबंध था, गर्म पानी, स्लीपिंग बैग, स्वादिष्ट खाना सभी जरूरत की चीज मुहैया कराई गई थी।
कहां रूके-
जहां तक ठहरने की बात है। बेस कैंप में रहें। हमने शुभम कैंप के जरिए कैंप बुक किया। हमारे गाइड एक 58 साल के दिलचस्प और खूसमिजाज इंसान थे, उनका बेसकैंप पंतवारी गांव से करीब 6km ऊपर था। आम दिनों में कैंप्स में रुकने का प्रबंध होता है पर बारिश और बर्फ की वजह से हम मडहाउस में रुके, जहा उन्होंने अपने बेटे रचित को पहले ही भेज रखा था जिन्होंने हमारी शाम की चाय और पकोड़ो का इंतजाम कर रखा था। यहां घर को गर्म रखने के लिए आग का अच्छा प्रबंध था, गर्म पानी, स्लीपिंग बैग, स्वादिष्ट खाना सभी जरूरत की चीज मुहैया कराई गई थी।
कहां रूके-
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कहां रूके-
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कैसे पहुंचे-
कैसे पहुंचे-
आप 5000 फीट पर स्थित पंतवारी गांव से शुरू करते हैं और नागटिब्बा टॉप तक पहुंचने के लिए वहां से लगभग 9 किमी तक ट्रैक करना पड़ता है की आवश्यकता होती है।
9900 फीट के करीब एक हल्का ऊंचा ट्रेक समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता के साथ, प्रकृति के साथ अकेले समय के लिए एक तम्बू पिच करने के लिए भी एक महान जगह है।
कैसे पहुंचे-
नाग टिब्बा ट्रेक के लिए शुरुआती बिंदु जो मुख्य नैन बाग शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर है।
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है - पंतवारी गाँव से शुरू होकर बकरी गाँव के आधार शिविर और आधार शिविर से नाग टिब्बा शिखर तक। उच्च ऊंचाई पर ट्रेक की कुल दूरी लगभग 7-8 किलोमीटर है लेकिन यह रोमांच के लायक है।आप 5000 फीट पर स्थित पंतवारी गांव से शुरू करते हैं और नागटिब्बा टॉप तक पहुंचने के लिए वहां से लगभग 9 किमी तक ट्रैक करना पड़ता है की आवश्यकता होती है।
9900 फीट के करीब एक हल्का ऊंचा ट्रेक समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता के साथ, प्रकृति के साथ अकेले समय के लिए एक तम्बू पिच करने के लिए भी एक महान जगह है।
कैसे पहुंचे-
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट नैन बाग शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर है।
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है - पंतवारी गाँव से शुरू होकर बकरी गाँव के आधार शिविर और आधार शिविर से नाग टिब्बा शिखर तक। उच्च ऊंचाई पर ट्रेक की कुल दूरी लगभग 7-8 किलोमीटर है लेकिन यह रोमांच के लायक है।आप 5000 फीट पर स्थित पंतवारी गांव से शुरू करते हैं और नागटिब्बा टॉप तक पहुंचने के लिए वहां से लगभग 9 किमी तक ट्रैक करना पड़ता है की आवश्यकता होती है।
9900 फीट के करीब एक हल्का ऊंचा ट्रेक समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता के साथ, प्रकृति के साथ अकेले समय के लिए एक तम्बू पिच करने के लिए भी एक महान जगह है।
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड
कैसे पहुंचे-
दिल्ली से वोल्वो या आर्डिनरी बस द्वारा देहरादून आईएसबीटी जाना होता है और आईएसबीटी से कैब के जरिए पंतवारी गांव जाना पड़ता है।
नाग टिब्बा ट्रेक का स्टार्टिंग प्वाइंट पंतवारी गांव ही है
ट्रेक को दो भागों में विभाजित किया गया है -
1. पंतवारी गाँव से शुरू होकर goat village में बेसकैंप तक
2.बेसकैंप से नाग टिब्बा सम्मिट तक।
ट्रैक की कुल दूरी लगभग 8-9 किलोमीटर है।
कुल खर्चा-
2500₹ पर हेड