जिनकी ट्रैवलिंग लिस्ट में बीर बिलिंग का नाम नहीं, वो लिस्ट अधूरी है।
पर क्यों?
क्योंकि बीर बिलिंग जाकर पता लगा कि ज़िन्दगी की उड़ान यहीं आकर पूरी होती है। ये कहानी है तो रचिता सक्सेना की, लेकिन सुनाने का मौक़ा मुझे मिला है। रचिता को वैसे तो ऊँचाइयों से डर लगता है, लेकिन यहीं बीर बिलिंग में उड़ान भरकर उन्होंने अपना डर ख़त्म किया।
पहाड़ों से घिरा हुआ बीर बिलिंग और उसमें लहलहाती हरी हरी घास। सूरज की किरणों में तो ये घास जो चमकती है, उससे आँखें वो नज़ारे नहीं भूलतीं। ₹5,000 में महीने भर बीर बिलिंग का रोमांचक सफ़र
मुझे मौक़ा मिला बीर बिलिंग ज़ॉस्टल में एक महीने रहने का। और ये मौक़ा सबके लिए खुला था, ओपन टू ऑल। इसके लिए किसी का राइटर या जुनूनी ट्रैवलर होना ज़रूरी नहीं। हर कोई इसमें अप्लाई कर सकता था। और सबसे बड़ी बात इस ज़ॉस्टल में महीने भर का किराया था मात्र ₹5,000।
कैसे पहुँचा जाए बीर बिलिंग
सड़क मार्ग- दिल्ली से बीर के लिए सीधी बस चलती है। सामान्य बस का किराया ₹600 तक होगा वहीं वोल्वो बस का ₹1,200 तक।
चूँकि बीर पहुँचाने वाली सड़कों का रास्ता बहुत घुमावदार होता है, इसलिए ऐसे निकलें कि सुबह सुबह बीर पहुँचें।
ट्रेन मार्ग- यह शायद सबसे सही तरीका है बीर पहुँचने का। पठानकोट तक आपको ट्रेन मिल जाएगी। यहाँ से आपके पास तीन रास्ते होंगे, टॉय ट्रेन, कैब या फिर बस।
1. पठानकोट से आपको टॉय ट्रेन मिलेगी जो आपको आहजू पहुँचाएगी। इसमें 6-7 घंटे लगेंगे। नैरो गेज पर चलने वाली टॉय ट्रेन का सफ़र जिन्होंने नहीं किया उनको तो पक्का से करना चाहिए।
2. परिवहन बस में बैठकर आप पठानकोट से बीर तक जा सकते हैं। इसमें 3-5 घंटे लगेंगे और किराया ₹150-200 तक बैठेगा।
3. पठानकोट से बीर के लिए सीधी टैक्सी कर सकते हो आप। किराया ₹3000 तक। समय 2.5 घंटे।
हवाई मार्ग- बीर के सबसे नज़दीक है काँगड़ा हवाई अड्डा जो क़रीब 68 किमी0 दूर है। यहाँ से लोकल बस या टैक्सी आपको 2 घंटे में बीर पहुँचा देगी।
बीर घूमने का सही समय
अगर देखें तो बीर पूरे साल सैलानियों के लिए खुला रहता है। आपको क्या करना है, इसके हिसाब से सीज़न तय हैं। सीज़न देखकर आने का प्लान बनाएँ।
गर्मी का मौसम
पैराग्लाइडिंग, हाइकिंग और ट्रेकिंग के लिए सबसे सही सीज़न है गर्मी का। यही बीर का पीक सीज़न होता है जिसमें ठंडी हवा में आप पैराग्लाइडिंग का आनंद लेते हो।
ठंड का मौसम
अगर आपको ठंड पसन्द है तो बीर घूमने के लिए परफ़ेक्ट जगह है। सर्द हवाओं में पैराग्लाइडिंग करने का जो अनुभव है, वो लोग शायद ही भूल पाते हों।
इस मौसम के साथ समस्या ये है कि कई ट्रेक बन्द किये जा चुके होते हैं। बर्फ़बारी होने से आपको थोड़ी और चढ़ाई करनी होती है।
मॉनसून का मौसम
यह पैराग्लाइडिंग के लिए तो ठीक नहीं है लेकिन और बहुत कुछ किया जा सकता है इस मौसम में। नज़दीकी गाँव घूमने के लिए सबसे सही समय होता है। कई सारे ट्रेक भी बन्द हो जाते हैं बारिश को देखते हुए।
लेकिन इसी मौसम में खुलते हैं वो झरने और नदियाँ जिनको नहीं देखा तो ट्रिप खाली खाली सा लगता है। किसी लोकल साथी के साथ यहाँ के झरने और नदी देखने ज़रूर से जाएँ।
बीर बिलिंग में ख़ास
1. बिलिंग साइट से पैराग्लाइडिंग
यहाँ आकर पैराग्लाइडिंग न करना वैसा ही है जैसे स्टार्टर के बाद सीधा डेज़र्ट आ गया हो। मेन कोर्स तो रह ही गया।
पूरे एशिया में पैराग्लाइडिंग के लिए बीर बिलिंग का नाम सबसे ऊपर आता है। इसका कुल खर्चा अधिकतम ₹3000 है। सीज़न ठीक होने पर दाम और कम हो जाता है
2. गुनेहर नदी ताल पर मस्ती
बीर बिलिंग में घुमक्कड़ी हो गई हो तो 4-5 किमी0 दूर है गुनेहर नदी ताल। 2 घंटे की ट्रेकिंग के बाद ठंडे पानी में पाँव डालकर बैठ जाना गुलज़ार भी शब्दों में नहीं समझा सकते। बेहद सुखद एहसास।
इसी ट्रेक में मिलती हैं ख़ूबसूरत पहाड़ियाँ। अपने एक महीने के सफ़र में मैंने इस नदी ताल तक मैंने ढेरों चक्कर लगा डाले।
3. सनसेट पॉइंट का वो लाल सूरज
सूर्यास्त में लाल सूरज देखने के लिए हर बिलिंग वासी जाता है। पहले पसन्द नहीं था मुझे ये सब, लेकिन अब तो सारी शामें वहीं होती हैं। हर दिन सूरज एक ही रंग में डूबता हो लेकिन उसका अंदाज़ हर बार जुदा होता है।
मॉनसून के सीज़न में जब सूरज की किरणें यहाँ की हरी हरी घास पर पड़ती हैं, तब देखिए क्या रंग होता है यहाँ की छटा का।
4. मठ घूमना न भूलें
4 प्रमुख मठ हैं यहाँ। चोकलिंग मठ, त्सेरिंग जो मठ, निंगयांग मठ और पालपंग शेराब्लिंग मठ। इसमें पालपंग को छोड़कर बचे तीन तो आसानी से घूम सकते हो आप।
शाम के वक़्त चोकलिंग मठ घूमने निकल जाइए या फिर निंगयांग मठ भी जा सकते हैं आप। किसी शाम को त्सेरिंग जो मठ भी जाइए। यहाँ के सामने बौद्धों के पूजनीय रंगीन झंडे मिलेंगे आपको।
पालपंग शेराब्लिंग मठ घूमने के लिए आपको 4 किमी0 का ट्रेक करके जाना होगा। लेकिन यहाँ पहुँचकर दुनिया का जो नज़ारा मिलता है, वो आपके सारे दर्द ख़त्म कर देता है।
5. राजगुंधा ट्रेक ज़रूर जाना
राजगुंधा ट्रेकिंग बिलिंग से 14 किमी0 दूर है और पहुँचने में 4-5 घंटे लगते हैं। एक बार आप यहाँ पहुँचते हैं तो नज़ारे देखकर थकान तो ऐसे ही ख़त्म हो जाती है। खुले हुए साफ़ आसमान दिल्ली वाले तो ऐसे ही ढूँढ़ते रहते हैं, आपको यहाँ देखने मिलेंगे। आकाशगंगा की फोटोग्राफ़ी करने आते हैं लोग यहाँ पर।
कम खर्च में कैसे रहें बीर बिलिंग में
अगर पैसा भी नहीं खर्चना और बीर बिलिंग में रहना है तो ये दो तरीके बेस्ट हैं।
1. ज़ॉस्टल में काम करिए
ज़ॉस्टल में थोड़ा सा काम करना होता है, जिसके बदले में आपका खाना, रहना और घूमना सब मुफ़्त हो जाता है। ज़ॉस्टल की वेबसाइट पर आपको वॉलंटियर बनने के मौक़े मिल जाएंगे। बस एक शर्त है, वॉलंटियर बनने के लिए कम से कम एक महीना आपको यहाँ होना होगा।
वॉलंटियरिंग में आपको हर दिन 5-6 घंटे काम करना होता है, उसके बाद आप फ़्री होते हो घूमने के लिए।
2. धर्मालय संस्थान
जो काम ज़ॉस्टल में होता है, वही आपको धर्मालय संस्थान में करना होगा। यहाँ भी आपका खाना पीना रहना मुफ़्त हो जाता है।
3. अपार्टमेंट किराए पर ले लो
4 से 5 हज़ार में आपको एक अपार्टमेंट मिल जाएगा। इससे आपका कुल खर्चा 9-10 हज़ार तक पड़ेगा।
बीर बिलिंग में क्या खाएँ और कहाँ
बीर बिलिंग में तिब्बती खाना कमाल का होता है। शा शैले, मोमोस और थुकपा के साथ अन्य खाने के लिए। लेकिन इसके अलावा आपको कॉन्टिनेंटल, नॉर्थ इंडियन और इटालियन खाना भी अच्छा मिलता है।
खाने का खर्चा ₹150-200 तक होगा। जबकि लोकल डिश आपको ₹50-100 में ही हो जाएँगी।
लोगों की यादें सबसे ज़्यादा यहाँ साथ खाना खाने से बनती हैं। ये रही उन कैफ़े की लिस्ट जो मुझे बेहद पसन्द आईं।
आपका बीर बिलिंग का अनुभव कैसा रहा, हमें कमेंट बॉक्स में लिखें।
अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।
रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।
यह एक अनुवादित आर्टिकल है। ओरिजिनल आर्टिकल पढ़ने के लिए क्लिक करें।