जब करोड़पति लोगों की शादी होती है, तो चकाचौंध करने वाली ठाठ-बाट की उम्मीद तो होती ही है। हाल ही में औली में हुई करोड़पति अतुल गुप्ता के बेटों, सूर्यकांत और शशांक की शादी भी कुछ ऐसी हुई। वहाँ सब कुछ था जो एक हाई प्रोफाइल इवेंट में होता है- बॉलीवुड सितारे, राजनेताओं का जमघट और यहाँ तक की सजावट के लिए स्विट्ज़रलैंड से फूल मंगवाए गए! इस शादी के बड़े ताम-झाम को अखबारों में भी अच्छी खासी कवरेज मिली। अब ये परिवार तो जश्न मनाकर यहाँ से रवाना हो गया, लेकिन बड़ी ही आसानी से पीछे छोड़ गया 4000 किलो कचरा! जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा।
शादी ने खड़ी कर दी औली में कचरे की समस्या
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दूँ, औली उत्तराखंड में 11,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित स्की करने की एक मशहूर जगह है। औली एक प्राचीन पर्यटन स्थल जो काफी संरक्षित रहता है। ये अपने शुद्ध और साफ वातावरण के लिए जाना जाता है जो इसे राज्य के अन्य हिल-स्टेशनों से अलग करता है।
4 दिन तक चले इस जलसे को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक से हरी झँडी दे दी गई थी, क्योंकि उनका कहना था इससे औली में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। बढ़ावे का तो पता नहीं, लेकिन इस शादी ने औली में कूड़े की नई समस्या ज़रूर पैदा कर दी है।
खबरों के मुताबिक, जोशीमठ के नगर पालिका परिषद के सूपरवाइज़र, 20 पुरुषों, 10 श्रमिकों और एक इंजीनियर की टीम को 4000 किलो की इस बर्बादी और कचरे की समस्या को हल करने का ज़िम्मा दिया गया है। कचरे में बचा हुआ खाना, प्लास्टिक पैकेजिंग, निर्माण सामग्री और दूसरी चीज़ें शामिल हैं।
वैसे तो पूरे औली में प्रति दिन सिर्फ 2,00o किलो ही कचरा पैदा होता है, लेकिन भला हो इस शादी का कि एक जलसे में ही ये कचरा दुगना हो गया है।
कूड़े की समस्या से ना सिर्फ नगर निगम को असुविधा हुई है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी इससे परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिस जगह पर शादी आयोजित की गई थी वो दरअसल मवेशियों के लिए चरने वाला मैदान है, हालांकि, अब इस मैदान पर सैकड़ों प्लास्टिक की बोतलेंं और पैकेट बिखेरे पड़े हैं जो अगर मवेशी निगल लेते हैं तो उनके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है।
इस बीच, जोरदार सफाई अभियान जारी है और 30 जुलाई, 2019 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
यह बेहद दुखद है कि बड़े परिवार, शादियों पर तो लाखों खर्च कर रहे हैं, लेकिन शादी के वेन्यू, वहाँ के वातावरण और सफाई के बारे में एकक पल के लिए भी नहीं सोच रहे हैं। उम्मीद है कि भविष्य में हमारे देश की इन सुंदर नगीनों जैसी जगहों का सम्मान रखा जाएगा।
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