वाराणसी एक प्राचीन और धार्मिक नगर है जो भारतीय संस्कृति, तांत्रिक तत्त्व और धार्मिक विविधता का प्रतीक है। यहाँ के घाट, मंदिर, लेन, और खुशबू से भरी बाजारें इसे एक अद्वितीय और आकर्षक स्थल बनाती हैं। वहाँ की गंगा आरती, अन्य धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ लोक संगीत, भोजन, और सड़क कला भी इसे बेहद विशेष बनाते हैं। वाराणसी का महानगरीय स्वरूप भी उसको अनोखा बनाता है, जहाँ शहर की गतिविधियाँ और जीवन का अंग-अंग धार्मिक आधार पर निर्मित है। वहाँ की सड़कों पर चलना, भारतीय संस्कृति के प्राचीन रंग को देखने का अद्वितीय अनुभव होता है। अब वाराणसी के टूरिस्ट और यहां के लोकल पब्लिक को एक सौगात मिलने जा रहा हैं। वाराणसी देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे बनेगा। चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार को बदलते बनारस में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी रखेंगे।
24 मार्च को प्रधानमंत्री देंगे सौगात
चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन शुक्रवार यानी 24 मार्च को बदलते बनारस में देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे परियोजना की आधारशिला खुद प्रधानमंत्री मोदी रखेंगे। इससे काशी विश्वनाथ मंदिर,दशाश्वमेध घाट जाना आसान हो जाएगा।
रोपवे की लागत
रोपवे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी, जिसे 644.49 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा हैं। और ऐसा माना जा रहा हैं कि रोपवे दो साल के अंदर बन कर तैयार हो जाएगा। यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट, विश्व समुद्र और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) करेगी।
रोपवे की रूट
रोपवे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी। रोपवे लिंक रोड ट्रैफिक को कम करने और शहर में यात्रियों को अंतिम मील कनेक्टिविटी प्रदान करने का उद्देश्य वाराणसी के नोएडा रेलवे स्टेशन और गोदौलिया चौक को जोड़ना है। इसमें कुल पांच स्टेशन बनाए जाएंगे। पहला स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन होगा, जहां से रोपवे शुरू हो रहा है, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा और चौथा, अंतिम स्टेशन गोदौलिया होगा। आपको बता दू कि चढ़ने उतरने के लिए चार स्टेशन ही होंगे, पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा।
रोपवे ट्राली पर देखने को मिलेगी संस्कृति की झलक
रोप-वे के लिए बनने वाले सभी स्टेशन और ट्राली पर काशी की कला, धर्म और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। आपको बता दूं कि 50 मीटर की ऊंचाई पर रोपवे चलेंगी । इस रोपवे में 150 ट्राली कार एक ट्राली में सवार हो सकेंगे, जिसमें अधिकतम 10 पैसेंजर, एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री कर सकेंगे यात्रा हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल पर यात्रियों के लिए ट्राली उपलब्ध रहेगी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद। अपने सुंदर विचारों और रचनात्मक प्रतिक्रिया को साझा करें अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।