चारधाम की पवित्र यात्रा करने वालों के लिए भारतीय रेलवे खुशखबरी लेकर आया है। जिस चारधाम के लिए श्रद्धालु कठिन सफर किया करते थे, अब उस यात्रा को रेलवे आसान करने जा रहा है। भारतीय रेलवे चारधाम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसके तहत चारधाम को रेलवे मार्ग से जोड़ा जाएगा। इसका मतलब है कि जल्द ही यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ तक रेलवे की पहुँच हो जाएगी।
चारधाम को जोड़ने के लिए लगभग 327 किमी. लंबी पटरियाँ बिछाई जाएँगी। ये जानकारी रेल मंत्रालय और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से दी। ये रेल लाइन देहरादून, पौड़ी, टिहरी गढ़वाल, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी से होते हुए गुजरेगी। पहाड़ों के बीच से गुजरने वाले इस सफर में कई सुरंगें भी बनाईं जाएँगी। इस चारधाम प्रोजेक्ट के तहत 21 नए स्टेशन, 61 सुरंग, 59 पुल बनाए जाएँगे। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में लगभग 43,292 करोड़ रुपए की लोगत आएगी। इस प्रोजेक्ट की नींव 2017 में पूर्व रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु ने रखी थी।
ये रेलवे लाइन जिन चार पवित्र स्थानों तक बिछाई जानी है। उनके बारे में बात करें तो यमुनोत्री, जो यमुना का उद्गम स्थान है। समुद्र तल से उसकी ऊँचाई लगभग 3,293 मीटर है। गंगोत्री जहाँ से गंगा निकलती है समुद्र तल से उसकी ऊँचाई 3,408 मीटर है। भारत में 12 ज्योर्तिलिंग हैं, उनमें से एक केदारनाथ है। केदारनाथ, समुद्रतल से 3,583 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। इसके अलावा बद्रीनाथ समुद्र तल से 3,133 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है यहां हर तरफ धार्मिक स्थल है। इस समय उत्तराखंड आने के लिए पर्यटकों को कुछ नियमों के दायरे में रहना पड़ रहा है, जो इस समय जरूरी है। एक दिन में उत्तराखंड में सिर्फ 2,000 टूरिस्ट ही एंट्री पा सकते हैं। चारधाम यात्रा उत्तराखंड के रिवन्यू का एक बहुत बड़ा जरिया है जिसे इन हालात में मार पड़ी है। कहा ये भी जा रहा है कि जब पहाड़ी इलाकों में ट्रेन की पहुँच हो जाएगी तो आसपास के इलाकों का विकास भी होगा। इसके अलावा टूरिस्ट भी यहाँ ज्यादा से ज्यादा संख्या में आएँगे। अब तो हर किसी को इस प्रोजेक्ट को पूरा होने का इंतजार है।
अपनी यात्रा के अनुभव यहाँ लिखें और अपने सफरनामें Tripoto पर मुसाफिरों के साथ बाँटें।
रोज़ाना वॉट्सऐप पर यात्रा की प्रेरणा के लिए 9319591229 पर HI लिखकर भेजें या यहाँ क्लिक करें।