भारत के 10 बेहद सुंदर वॉटरफॉल जिन्हें देखकर आपके होश उड़ जाएँगे!

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Photo of भारत के 10 बेहद सुंदर वॉटरफॉल जिन्हें देखकर आपके होश उड़ जाएँगे! by Rishabh Dev

हर घूमने वाला इस बात से सहमत होगा कि प्रकृति की सुंदरता के आगे कुछ भी नहीं। जिसमें पहाड़ भी आते हैं और जंगल भी। इन दोनों के बीच एक तीसरी चीज़ भी होती है जो उस जगह को और भी खूबसूरत बना देती है, वॉटरफाॅल। जहाँ-जहाँ वॉटरफाॅल होते हैं, वो जगह खूबसूरत होती ही है। जिसने भी झरने को करीब से देखा है वो इस बात को अच्छी तरह से जानता होगा कि इसमें बहुत सारी विशेषताएँ हैं जो हमें इसकी ओर आकर्षित करती है। वॉटरफाॅल के आगे नाचना, नहाना और एंजाॅय जैसी चीजें पहले हम सिर्फ फिल्मों में देखते थे। लेकिन अब ये रियल लाइफ में भी होने लगा है। भारत में ऐसे ही बहुत सारे झरने हैं जो आपको रोमांच से भर देंगे। इन बेहतरीन वाटरफाॅल को आपको अपनी ट्रैवल लिस्ट में ज़रूर जोड़ना चाहिए।

1. गगनचुक्की वाॅटरफाल्स, मांड्या, कर्नाटक

कर्नाटक के मांडया में स्थित ये झरना बहुत बड़ा है। इस झरने की पूर्वी शाखा को बराचुक्की के नाम से जाता है और पश्चिमी तरफ के झरने को गगनचुक्की कहा जाता है। दोनों को एक साथ मिलाकर शिवनासमुद्र फाॅल्स के नाम से जाना जाता है। गगनचुक्की वाटरफाॅल की ऊँचाई 98 मीटर है। ये भव्य और विशाल झरना उस जगह पर है जहाँ 1905 में एशिया का पहला पनबिजली केंद्र स्थापित किया गया था। गगनचुक्की वाटरफाॅल बैंगलोर से लगभग 139 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और मैसूर से लगभग 60 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

श्रेयः जोसेफ डी मेलो

Photo of कर्नाटक, India by Rishabh Dev

2. मल्लाली वाटरफाॅल, कोडागु, कर्नाटक

श्रेयः प्रेमनाथ

Photo of कर्नाटक, India by Rishabh Dev

पुष्पकगिरी की तलहटी में, सोमवरपेट से लगभग 25 कि.मी. दूर कुमारधारा नदी का पानी 200 फीट से भी ज्यादा नीचे गिरकर मल्लाली वाटरफाॅल्स बनाती है। ये वाटरफाॅल कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है। इस जगह से आसपास का नज़ारा भी बेहद शानदार दिखता है। दूर-दूर तक हरे-भरे पहाड़ों और खड़ी घाटियों का दृश्य शानदार है। मलल्ली वाटरफाॅल बैंगलोर से लगभग 256 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।

3. चूची वाटरफाॅल, कनकपुरा, कर्नाटक

श्रेयः जोसेफ डी मेल्लो

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बैंगलोर से लगभग 90 कि.मी. दूर चूची फॉल्स कर्नाटक के कनकपुरा में है। ये इसलिए भी बहुत फेमस है क्योंकि चूची वाटरफाॅल अरकानदी के संगम से पहले बना हुआ है। झरने के पानी के नीचे उतरने का दृश्य देखकर आप मंत्रमुग्ध हो जाएँगे। आप यहाँ राॅक क्लाइंबिंग भी कर सकते हैं। फेमस वाटरफाॅल के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वहाँ हद से ज्यादा भीड़ होती है। लेकिन चूची वाटरफाॅल की सबसे अच्छी बात यही है कि यहाँ भीड़ नहीं है। यहाँ आप आराम से बैठकर घंटों प्रकृति के नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। प्रकृति की सुंदरता और रोमांच के लिए इस इस शानदार जगह को देखने ज़रूर आएँ।

4. द एलीफेंट फॉल्स, अपर शिलांग, मेघालय

श्रेयः सौमव- इंडिया इन पिक्चर्स

Photo of मेघालय, India by Rishabh Dev

इस वाटरफाॅल का मूल खासी नाम है, ‘का क्षैद लाई पटेंग खोहसेव’(वाटरफाॅल्स के तीन स्टेप)। इस वाटरफाॅल का ये नाम इसलिए रखा गया था कि ये वाटरफाॅल वास्तव में तीन वर्गों से मिलकर बने थे। मेघालय में एलीफेंट फॉल्स केवल ऊपरी शिलांग का आकर्षण रखता है, खासकर बारिश के मौसम में। एलीफेंट वाटरफाॅल शिलांग शहर से लगभग 12 कि.मी. दूर स्थित है।

5. थोम्मनकुथु वाटरफाॅल, थोडुपुझा, केरल

श्रेयः बिमल के सी

Photo of केरल, India by Rishabh Dev

अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और आपको एडवेंचर करना पसंद है तो थोमनकुथु वाटरफाॅल आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। ऐसा माना जाता है कि इस झरने का नाम महान शिकारी थोमैचेन कुरुविनाकुनेल के नाम पर रखा गया था जिन्होंने 1920 के दशक के अंत में जंगल में इस खूबसूरत झरने की खोज की थी। केरल के इडुक्की जिले में थोडुपुझा से 17 कि.मी. दूर ये झरना स्थित है। इस वाटरफाॅल के अलावा यहाँ का मुख्य आकर्षण कन्नडियारु नदी है जिस पर ये झरना बना हुआ है और यहां रहस्यमयी गुफाएं भी हैं। ये सब काफी है आपके भीतर रोमांच पैदा करने के लिए।

6. कैंप्टी वाटरफाॅल, मसूरी, उत्तराखंड

Photo of उत्तराखंड, India by Rishabh Dev

ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों से घिरा और समुद्र तल से लगभग 4,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित केंपटी वाटरफाॅल उत्तराखंड का सबसे फेमस वाटरफाॅल है। ऐसा माना जाता है कि ‘केंप्टी’ नाम ‘कैंप-टी’ से लिया गया है जो टी पार्टी अंग्रेज इस जगह पर आयोजित करते थे। मसूरी से लगभग 15 कि.मी. दूर स्थित इस जगह पर आप कैब या टूरिस्ट बस लेकर यहाँ पहुँच सकते हैं। वीकेंड पर ये जगह पर्यटकों से खचाखच भरी रहती है। इसलिए अगर आप भीड़ नहीं चाहते तो वीकेंड पर भूलकर भी यहाँ मत जाइए।

7. अथिराप्पिल्ली वाटरफाॅल, त्रिशूर, केरल

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केरल के फेमस वर्षा वनों के किनारे शोलेयार वन श्रेणियों में सबसे ऊँचा अथिराप्पिल्ली वाटरफाॅल केरल के आकर्षण का ताज है। अथिराप्पिली वाटाफॉल्स में पानी बड़ी चट्टानों के आसपास बढ़ता है और तीन अलग-अलग जगह से झरना बनकर नीचे गिरता है। अथिराप्पल्ली वाटरफाॅल कोच्चि से 78 कि.मी. की दूरी पर शोलेयार पर्वतमाला के प्रवेश द्वार पर ही स्थित है।

8. नोहकलिकाई वाटरफाॅल, चेरापूंजी, मेघालय

Photo of मेघालय, India by Rishabh Dev

खासी भाषा में नोहकलिकाई फॉल्स का नाम ‘ का लिकाई की कूद’ है। इस वाटरफाॅल के नाम के पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि इसी जगह से एक स्थानीय महिला बगल में चट्टान से कूदकर अपनी जान दे दी थी। नोहकलिकाई वाटरफॉल्स को एक डूबता झरना कहा जाता है जिसका अर्थ है कि पानी चट्टान के साथ अपना संपर्क खो देता है। भारत में अपनी तरह का सबसे ऊँचा वाटरफाॅल है नोहकलिकाई। ऊपर के वनों में स्थित पठार बारिश की वजह से पानी से भर जाते हैं। इसलिए साल भर इस वाटरफाॅल के पानी और आकार में बदलाव होता रहता है।

9. होगेनक्कल वाटरफाॅज, धर्मपुरी, तमिलनाडु

Photo of तमिलनाडु, India by Rishabh Dev

‘भारत के नियाग्रा’ के नाम से जाना जाता है, होजेनक्कल वाटरफाॅल। ये वाटरफाॅल तमिलनाडु के सबसे फेमस पर्यटक आकर्षणों में से एक है। होगेनक्कल शब्द कन्नड़ शब्द हॉग और कल से बना है। जब पानी चट्टानों पर गिरता है तो ऐसा प्रतीत होता है जैसे पानी के बल के कारण कल (चट्टान) के ऊपर से हॉग (धुआँ) निकल रहा है, इसलिए इसका नाम होगेनक्कल रखा गया है। यह दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में स्थित है। जो बैंगलोर से लगभग 180 कि.मी. और धर्मपुरी शहर से 46 किमी. दूर स्थित है।

10. जोग वाॅटरफाॅल, सागरा तलुक, कर्नाटक

Photo of कर्नाटक, India by Rishabh Dev

253 मीटर (829 फीट) की ऊँचाई से गिरने वाली शरवती नदी से बनने वाला जोग फॉल्स भारत का सबसे ऊँचा झरना है। इसे गेरसोपा फॉल्स या जोगादा गुंडी भी कहा जाता है। जोग वाटरफॉल उत्तरी कन्नड़ और सागर सीमा पर स्थित है।

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