भारत, एक देश है। सच में?? मुझे तो भारत देशों का देश लगता है। पंजाब से निकल के राजस्थान में एंट्री मारी तो बोली से लेकर गाली तक सब बदल जाता है। ढोल पर शुरू हुए भांगड़ा से सीधा मीठी आवाज़ में बोला गया 'पधारो म्हारे देस'। राजस्थान से निकल के कहीं हरियाणे में घुस गए तब तो भाई साहब हो गया कल्याण। नहीं पता सर पे कब लट्ठ बजैगा। हरियाणा की गलियों में 'हट जा ताऊ, पाछे नै' बजता मिलेगा तो यूपी के नुक्कड़ों में 'लॉलीपॉप लागेलू' सुनाई देगा।
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बॉर्डर शेयर करते इन प्रदेशों की न तो बोली मिलती है, न ही भाषा और न ही एटीट्यूड। बस एक चीज़ कॉमन है, वो है एक झण्डे के नीचे खड़े होकर जन गण मन का गान गाते हैं हम, वो भी पूरे दिल से। यही तो ख़ूबसूरती है इस देश की साहिब।
लेकिन मियाँ भारत के बाहर भी दुनिया है, कुल 7 मुल्क भारत के साथ अपना बॉर्डर साझा करते हैं। आइए हम आपको बताते हैं इन पड़ोसी देशों में आप किस तरह से घूमने के लिए जा सकते हैं, वो भी फ़्लाइट के झंझट में पड़े बग़ैर।
1. हमारा सबसे प्यारा पड़ोसी देश नेपाल
दुनिया में भारत के किसी के साथ सबसे मधुर संबंध है तो वो है हमारा पड़ोसी देश नेपाल। बिना वीज़ा के आप नेपाल की सभी जगहों में घुमक्कड़ी करने निकल सकते हो। और आगे जाने के लिए आपको थोड़ी सी ज़हमत उठानी पड़ेगी।
नेपाल में देखने को ख़ास
नेपाल से ही शुरू होती है एवरेस्ट की कँपाने वाली यात्रा। सुवर्णपुर के चितवन राष्ट्रीय पार्क और पोखरा का लुत्फ़ भी आपको उठाना चाहिए।
लोग नेपाल में ताज़े पानी की दूसरी सबसे बड़ी फेवा झील में घूमने ज़रूर आते हैं। और उसके बाद निकल पड़ते हैं सारंगकोट के पहाड़ों की सुबह देखने। पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन करना बिल्कुल न भूलें।
हिन्दुओं व बौद्धों के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बौद्धनाथ के दर्शन भी ज़रूर करें। लुम्बिनी, वरुण वैली, सागरमठ राष्ट्रीय पार्क भी जा सकते हैं आप अगर समय बचे।
घूमने का सही समय
अक्टूबर से दिसंबर के समय आसमान साफ़ रहता है और फ़ोटोग्राफ़ी करने वालों के लिए ये जगह जन्नत बन जाती है। दिन का लगभग ₹2500 तक का खर्चा होगा और आप पूरे नेपाल में घुमक्कड़ी का कीड़ा शान्त कर सकते हैं।
भारत और म्यांमार बहुत प्यार मोहब्बत करने वाले देश हैं। मिज़ोरम में सड़क के रास्ते से आप म्यांमार में एंट्री मार सकते हैं। ज़रूरी होगा तो आपका पासपोर्ट और सड़क मार्ग वाला म्यांमार का वीज़ा। ज़ोखाव्थर की सीमा म्यांमार से सटी हुई है जो आइज़ॉल से 200 कि.मी दूर है।
म्यांमार में देखने को ख़ास
आप चाहें तो सड़क के रास्ते बैंकॉक का प्लान बना सकते हैं या फिर 4 दिन का ट्रिप बनाकर बागान के मन्दिर और म्यांमार-मैंडले का सांस्कृतिक अनुभव का आनंद उठा सकते हैं।
माउण्ट पोपा, चौ इतत गई बुद्ध मंदिर, श्वैदागोन पगोडा, बागान की वादियाँ, इनले झील, महामुनि बुद्ध का विशाल मंदिर और इससे जुड़ी जगहें हमेशा से पर्यटकों को खींचती आ रही हैं। इनको घूमे बिना आपका ट्रिप पूरा नहीं होने वाला।
घूमने का सही समय
नवम्बर से मार्च का वक्त म्यांमार आने के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस वक़्त ख़ूब बारिश नहीं हो रही होगी। इसके साथ ही मौसम ठंडा और सुहावना मिलेगा।
म्यांमार में आपको एक जगह से दूसरी जगह घूमने का, रहने का और खाने पीने का प्रतिदिन लगभग ₹2000 का खर्च आएगा। जेब ढीली करेंगे तो और अच्छी जगह रुक सकते हैं।
3. नाथू ला पास से मारो चीन में एंट्री
समुद्र तल से 14400 फ़ीट ऊपर नाथू ला पास भारत के सिक्किम से चीन और तिब्बत की सीमा को जोड़ता है। भारत और चीन का रेशम का व्यापार आजकल कहीं से हो पा रहा है तो यही है वो ख़ूबसूरत जगह।
घूमने के लिए ख़ास जगहें
चीन ने पिछले 50 सालों में अपना कायाकल्प किया है जिसका उदाहरण आपको बीजिंग में देखने मिल जाएगा। चीन में हैं तो यहाँ ज़रूर आएँ और लाइट का असली नज़ारा देखने शंघाई निकल जाइए। इसके साथ आप चीन की महान दीवार जाकर अपनी इतिहास की जानकारी दुरुस्त कर सकते हैं। चीन में जांगझियाजी राष्ट्रीय वन उद्यान भी घूमने के लिए बढ़िया है।
समय बचे तो तवांग दरवाज़ा, झांगी डेनक्सिया लैंडफ़ार्म और ह्यूशन प्लैंक ट्रेल भी रोमांच के लिए जाना चाहिए।
घूमने का सही समय
अप्रैल से जून और अक्टूबर का समय बेस्ट है, बस आपको बर्फ़ की ठंडी फुहारों से खेलने का मौक़ा नहीं मिलेगा।
गाड़ी शेयर करेंगे तो ₹800 से ₹1000 तक का खर्च होगा। ख़ुद की गाड़ी में ₹7500 तक का खर्चा है। आपका एक दिन का खर्चा क़रीब 45$ या 300 युआन तक का आएगा।
4. बाँहें फैलाए इंतज़ार कर रहा है बांग्लादेश
पिछले दो दशकों में जिस देश ने अपने पर्यटन के ऊपर ख़ास ध्यान दिया है वो बांग्लादेश आपके लिए बाँहें फैलाए इंतज़ार कर रहा है। ज़रूरत है तो बस वीज़ा बनाके घूम आने की।
घूमने के लिए ख़ास
सुन्दरवन, श्रीमंगल, पहाड़पुर और गौर; ये चार ऐसी जगहें हैं जिनको बांग्लादेश की यात्रा में ज़रूर देखना चाहिए। सुन्दरवन भारत और बांग्लादेश दोनों में बसा है लेकिन बांग्लादेश का सुन्दरवन घूमने में ही आपको 3 से 4 दिन लग जाएँगे।
घूमने का सही समय
नवंबर से फ़रवरी का समय बेस्ट है। घूमने खाने पीने रहने का लगभग ₹1500 प्रतिदिन का बजट बनेगा।
भारत और भूटान की सीमा बस नाममात्र की है। 5 कि.मी. की सीमा तक न कोई वीज़ा चाहिए और ना ही कोई पासपोर्ट। बस में बैठो और निकल लो भूटान। पश्चिम बंगाल का जयगाँव भारत और भूटान की सीमा को जोड़ता है।
अगर बंगाल में हो तो झट से एक छोटा सा ट्रिप मार लो भूटान का भी। अकड़ के साथ बोलना कि विदेश घूम के आए हैं। भौंकाल रखना एकदम टाइट।
घूमने के लिए जगहें
तस्वीरों में पटी हुई सबसे प्रसिद्ध जगह भूटान गेट में जाकर फोटोग्राफ़ी कर सकते हैं आप। क्रोकोडाइल ब्रीडिंग सेन्टर, ज़ैंक्टो पेलरी पार्क के अलावा करबंदी मठ भी घूमने के लिए अच्छी जगहें हैं। साथ ही आप टोर्सा नदी के मुहाने में डुबकियाँ लगा सकते हैं। भूटान में स्थित भारत की सीमा से सटी फुन्छोलिंग नामक जगह पर सब कुछ आपके घूमने लायक है।
घूमने का सही समय
नवंबर से मार्च का समय पीक टाइम है। बहुत सारे सैलानी भूटान इस सीज़न में घूमने आते हैं। लगभग ₹2500 रुपए में आपका घूमने खाने पीने रहने का जुगाड़ हो जाएगा।
भारत और श्रीलंका के बीच की दूरी महज़ कुछ मीलों का पानी है। भगवान राम पहली बार पुल बना कर श्रीलंका गए थे। अब ये काम आपको बोट से पूरा करना है।
घूमने के लिए ख़ास
भारत और श्रीलंका बॉर्डर पर मन्नार का क़िला और मन्नार द्वीप घूमने के लिए अच्छी जगह है। यहाँ पर से अरिप्पु क़िला भी नज़दीक है। इसके अलावा एडम ब्रिज देखने में ख़ास है। वनकलाई बीच का लुत्फ़ उठा सकते हैं आप हम्बनटोटा भी देखने का शौक़ पूरा करना बनता है।
समय बचे तो नुवारा एलिया हिल स्टेशन, पिन्नावाला में हाथियों का अनाथालय, दांबुला गुफ़ा मंदिर, एडम्स पीक, गाले का पुराना डच क़िला देखने के लिए ख़ास है।
घूमने का सही समय
ठंड का मौसम यानी अक्टूबर से मार्च का समय ये जगहें घूमने का बेस्ट टाइम है। इस समय आपको ₹1000 प्रतिदिन के अन्दर घूमने खाने पीने रहने का इंतज़ाम भी हो जाएगा।
7. सिखों के लिए खुला है पाकिस्तान का करतारपुर कॉरिडोर
जब भारत का विभाजन हुआ और पाकिस्तान अस्तित्त्व में आया तो यह सिख भाइयों के लिए एक दुःखद घड़ी थी। ननकाना साहिब पाकिस्तान के पास चला गया और भारत के पास आया स्वर्ण मंदिर। दोनों जगह दर्शन के करने के लिए और इस समस्या को ख़त्म करने के लिए दोनों देशों ने करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते बिना वीज़ा के दर्शन करने की सुविधा दी।
इसके रास्ते पाकिस्तान के सिख स्वर्ण मंदिर और भारत के सिख ननकाना साहिब के दर्शन बिना वीज़ा के कर सकते हैं।
अतः यदि आप सिख समुदाय के है तो करतारपुर कॉरिडोर के रास्ते बिना वीज़ा के आप पाकिस्तान के ननकाना साहिब के दर्शन कर सकते हैं।
अगर आपके बस में होता तो कौन से देश की यात्रा आप बिना फ़्लाइट के करना चाहते, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
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