बजट में कैसे करें देश के सबसे खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक हिमाचल के चंबा का सफर

Tripoto
Photo of बजट में कैसे करें देश के सबसे खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक हिमाचल के चंबा का सफर by Hitendra Gupta
Day 1

चंपावती...चंपा...और अब चंबा. हिमाचल प्रदेश में रावी नदी के किनारे 996 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय की घाटी में बसा यह इलाका एक स्वर्ग ही है। जम्मू-कश्मीर से सटे हिमाचल के इस इलाके में प्रकृति ने जमकर खूबसूरती बिखेरी है। मंदिरों से भरा यह क्षेत्र झीलों, सुंदर झरनों, बर्फ से ढके पर्वत और हरे-भरे जंगलों के कारण किसी जन्नत से कम नहीं है।

Photo of चंबा, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta

चंबा जब पृथ्वी पर एक स्वर्ग की तरह है और लोग इसकी तुलना स्विट्जरलैंड से करते हैं तो आपका मन यहां जाने के लिए मचल उठता है, लेकिन कई बार आप अपने बजट को देखकर मन मसोसकर रह जाते हैं। सोचते हैं कि जब इतना बढ़िया पर्यटक स्थल है तो काफी महंगा होगा और आप यहां जाने का प्लान बनाते ही नहीं है। पर अब आपको दुखी होने की जरूरत नहीं है। हम आपको बताएंगे कि आप चंबा और इसके आसपास के खूबसूरत पर्यटक स्थलों का अपने बजट में किस तरह से घूम-फिर या सैर कर सकते हैं। वैसे बजट से पहले ये तो जान लीजिए कि चंबा में आखिर घूमने लायक क्या-क्या है...

Photo of बजट में कैसे करें देश के सबसे खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक हिमाचल के चंबा का सफर by Hitendra Gupta

चंबा शहर का नाम यहां के राजा साहिल वर्मन की बेटी राजकुमारी चंपावती के नाम पर पड़ा है। यहां चंपावती एक देवी के रूप में पूजी जाती हैं। राजा ने उनके लिए एक सुंदर मंदिर बनवाया था। इस चंपावती मंदिर को लोग चमेसनी देवी के नाम से पुकारते हैं। मंदिर में शक्ति की देवी महिषासुरमर्दिनी की सुंदर प्रतिमा है। चंपावती मंदिर की वास्तुकला काफी शानदार है। नवरात्रि के दौरान यहां भारी भीड़ होती है। इस मंदिर के सामने एक विशाल मैदान है, जिसे चौगान कहते हैं। चौगान करीब एक किलोमीटर लंबा और 75 मीटर चौड़ा मैदान है। यहां हर साल मिंजर मेले का आयोजन होता है।

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वैसे तो चंबा के आसपास करीब 75 प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन इन मंदिरों में प्रमुख लक्ष्मीनारायण मंदिर, चामुंडा मंदिर, सुई माता मंदिर और कटासन मंदिर हैं।

Day 2

लक्ष्मी नारायण मंदिर

राजा साहिल वर्मन ने इस शहर के मुख्य मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर को बनवाया था जो छह मंदिरों का एक समूह है। ये 6 मंदिर भगवान शिव और विष्णु जी को समर्पित हैं। इस परिसर में अन्य मंदिरों में राधा कृष्ण मंदिर, गौरी शंकर मंदिर और शिव मंदिर शामिल है। मंदिर को शिखरा शैली में बनाया गया है। इस मंदिर में एक मंडप जैसी संरचना बनी हुई है। बताया जाता है कि इसे बर्फबारी से बचाने के लिए इस तरह से बनाया गया है।

Photo of लक्ष्मी नारायण मंदिर, Hatnala Gali, Chowgan Mohalla, Chamba, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta
Photo of लक्ष्मी नारायण मंदिर, Hatnala Gali, Chowgan Mohalla, Chamba, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta

चामुंडा देवी मंदिर

चामुंडा देवी मंदिर मां काली को समर्पित है। लकड़ी से निर्मित इस मंदिर को 1762 में जोधपुर के राजा उम्मेद सिंह ने बनवाया था। यह मंदिर काफी सुंदर है और यहां के आसपास का इलाका भी काफी खूबसूरत है।

सुई माता मंदिर

यह राजा साहिल वर्मन की रानी को समर्पित मंदिर है। यहां हर साल 15 मार्च से 1 अप्रैल तक एक मेला आयोजित किया जाता है

कटासन देवी मंदिर

चंबा के बाहरी इलाके में स्थित कटासन देवी मंदिर इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख आध्यात्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर पांवटा साहिब क्षेत्र में स्थित है। बताया जाता है कि पांवटा साहिब की स्थापना सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह देव जी ने की थी।

भगवान शिव और कैलाश पर्वत की इस भूमि चंबा में सिर्फ श्रद्धालु ही नहीं बल्कि प्रकृति प्रेमी के साथ एडवेंचर प्रेमी भी अपने जीवन में एक बार जरूर आना चाहते हैं। पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी, ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग के साथ सैकड़ों मंदिरों के लिए मशहूर चंबा को मिनी स्विटरजरलैंड भी कहा जाता है। चंबा के खज्जियार में लोग स्विटजरलैंड का ही मजा लेने आते हैं।

Day 3

खज्जियार

खाज्जियार भारत के सबसे पसंदीदा हिल्स स्टेशनों में से एक है। 6,500 फीट की ऊंचाई पर हरी घास, नदियों, झीलों और घने जंगलों के बीच स्थित यह इलाका अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और लुभावने नजारों के कारण पर्यटकों के दिल पर अपनी एक अलग ही छाप छोड़ता है। यहां की खूबसूरती से ही मुग्ध होकर खुद स्विस राजदूत ने 7 जुलाई, 1992 में इसे मिनी स्विटजरलैंड की उपाधि दी थी। घने चीड़, देवदार और हरे घास के मैदानों के बीच धौलाधार पर्वत की तलहटी में बसा खज्जियार डलहौजी से करीब 24 किलोमीटर दूर है

Photo of खाज्जिअर, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta
Photo of खाज्जिअर, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta

खाज्जियार से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर भगवान शिव की एक 85 फीट की विशाल प्रतिमा स्थापित है जो हिमाचल प्रदेश में सबसे ऊंची मूर्ति है।

Day 4

पर्यटकों और प्रेमिकाओं का फेवरिट टूरिस्ट डेस्टिनेशन डलहौज़ी

चंबा जिले में ही है पर्यटकों और प्रेमिकाओं का फेवरिट टूरिस्ट डेस्टिनेशन डलहौज़ी। यहां ज्यादातर प्रेमी जोड़े दिख जाते हैं। इस स्थान का नाम ब्रिटिश जनरल लॉर्ड डलहौज़ी के नाम पर पड़ा है। प्रकृति ने यहां दिल खोलकर अपनी खूबसूरती बिखेरी है। पांच पहाड़ियों- कैथलॉग पोट्रेस, तेहरा , बकरोटा और बोलुन के बीच फैले डलहौजी में चीड़, देवदार, ओक्स और फूलदार रोडोडेंड्रॉन के सुंदर ग्रूव को देखकर आप खुद को किसी मुंबइया फिल्मों के लोकेशन पर पाएंगे। प्राकृतिक सुंदरता के साथ आप यहां मंदिरों के साथ, स्कॉटिश और विक्टोरियन वास्तुकला के बंगले और चर्च को भी देख सकते हैं। यहां की सुरम्य और सफेद घाटियों के बीच आकर पर्यटक सब कुछ भूल यहां खो जाते हैं।

Photo of डलहौजी, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta
Photo of डलहौजी, Himachal Pradesh, India by Hitendra Gupta

चंबा में कई लेक हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय और खूबसूरत चमेरा लेक और मणिमहेश लेक है। मणिमहेश झील से कैलाश की खूबसूरत चोटी दिखाई देती है।

Day 5

मणिमहेश झील

मणिमहेश झील हिमालय की पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में करीब 4,080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस झील के नाम का भगवान शिव के मुकुट में जुड़े मणि पर पड़ा है। झील के दो भाग है, जिसमें से बड़े हिस्से को शिव कारोत्री को भगवान शिव का स्नान स्थल माना जाता है और छोटे हिस्से को गौरी कुंड कहा जाता है। यह झील भगवान शिव के निवास स्थल कैलाश पर्वत के करीब है। इसलिए श्रद्धालुओं के बीच यह काफी लोकप्रिय है।

Photo of मणिमहेश लेक, Mahoun, Himachal Pradesh by Hitendra Gupta

मणिमहेश मंदिर: यह काफी प्राचीन और सुंदर मंदिर है। पवित्र मणिमहेश झील में स्नान कर श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करते हैं।

चंबा के पास में ही है कालाटॉप वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी। सरकार ने इसे वन्य जीवन अभयारण्य घोषित कर रखा है। यह डलहौजी और खज्जियार के रास्ते में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। हरियाली के बीच स्थित कालाटॉप सेंचुरी करीब 31 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां से आप खूबसूरत पहाड़ी, बर्फ से ढके पहाड़, घाटियों, गांवों, हरियाली को निहार सकते हैं। आप यहां के दिलचस्प नजारों में खो से जाएंगे। यहां आपके मन की एक अलग ही शांति मिलेगी। कालाटॉप एक खूबसूरत वन्य क्षेत्र है।

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चंबा में दो लोकप्रिय मेले लगते हैं मिंजर मेला और सुई माता मेला। मिंजर मेला अगस्त के दूसरे रविवार को आयोजित किया जाता है, जबकि सुई मेला मार्च या अप्रैल के महीनों में मनाया जाता है।

कब पहुंचे चंबा-

आप चंबा सालों भर घूमने आ सकते हैं। मार्च से जून के बीच लोग यहां गर्मी से बचने के लिए परिवार संग आते हैं। बारिश में भी यहां का नजारा दिलचस्प रहता है और सर्दी में बर्फबारी के बीच चारों और फैली सफेदी के बीच आप खुद को एक अलग ही दुनिया में पाएंगे। आप जब भी यहां आएं कम से कम 4-5 दिन या हफ्ता भर के लिए जरूर आएं। यहां बिताया एक-एक पल आपके जीवन का सबसे बेशकीमती क्षण होगा।

कैसे पहुँचे चंबा

चंबा का नजदीकी हवाई अड्डा पठानकोट है, जो यहां से करीब 120 किलोमीटर दूर है। कांगड़ा हवाई अड्डा 172 किलोमीटर, अमृतसर 220 किलोमीटर और चंडीगढ़ 400 किलोमीटर की दूरी पर हैं।

चंबा का करीबी रेलवे स्टेशन भी पठानकोट ही है। यहां आप नई दिल्ली से आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप दिल्ली से पठानकोट ट्रेन से जाना चाहते हैं तो ट्रेन में साधारण टिकट 200 रुपये, स्लीपर 340 रुपये, थर्ड एसी 930 रुपये और सेकेंड एसी 1320 रुपये के आसपास का है।

बजट में चंबा की सैर

अगर आप बजट में चंबा की सैर करना चाहते हैं तो इसका सबसे बढ़िया तरीका है होमस्टे या गेस्ट हाउस में ठहरना और लोकल बस या सरकारी बस से यात्रा करना। वैसे तो यहां आप टैक्सी से या अपनी गाड़ी से भी आ सकते हैं लेकिन स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस सबसे सुरक्षित और सस्ता भी पड़ता है।

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यहां पहुंचने का सबसे आसान उपाय बस या टैक्सी है। हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस से आप यहां शिमला, सोलन, कांगड़ा, धर्मशाला और पठानकोट के साथ दिल्ली और चंडीगढ़ से आराम से पहुंच सकते हैं। दिल्ली कश्मीरी गेट बस अड्डा से आप चंबा बस से जा सकते हैं। साधारण बस से जाने का किराया 911 रुपये और वोल्वो या स्कैनिया बस से जाने का किराया 1714 रुपये है। आमतौर पर हिमाचल जाने वाली बसें दिल्ली से शाम में खुलती हैं। आप ट्रेन से पठानकोट पहुंच यहां से भी बस ले सकते हैं। पठानकोट से चंबा बस से जाने के लिए आपको 235 रुपये खर्च करने होंगे।

सरकारी बस सेवाओं के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें- हिमाचल प्रदेश बस सेवा

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चंबा में बजट में कहां ठहरे-

चंबा और इसके आसपास खज्जियार, डलहौजी में बजट में रहने के लिए ढेर सारे ऑप्शन हैं। आप यहां होमस्टे, गेस्ट हाउस या सस्ते होटल में ठहर सकते हैं। बजट में ठहरने के लिए यहां के होमस्टे सबसे अच्छा विकल्प होता है। कई जगह आपको होमस्टे में ब्रेकफास्ट शामिल होता है। आपको 700 रुपये से लेकर 2000 रुपये प्रतिदिन तक में एक से एक जगह मिल जाएंगे। अगर आप एडवांस में बुकिंग कराते हैं तो आपको डिस्काउंट भी मिल जाएंगे। कई गेस्ट हाउस और होमस्टे से तो आप कैलास पर्वत की चोटी का भी दर्शन कर सकते हैं।

Kainthali Cottage

रूम किराया 750 रुपये प्रतिदिन

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Himalayan Canvas

Khajjiar, Himachal Pradesh

रूम किराया 1200 प्रतिदिन

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The Glade Manor Homestay

Khajjiar Himachal

रूम किराया 1800 रुपये प्रतिदिन

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Cedar point

रूम किराया 2150 रुपये प्रतिदिन

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Riverside Homestay In Chamba

रूम किराया 1300 रुपये प्रतिदिन

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Thakur Home stay

रूम किराया 1000 रुपये प्रतिदिन प्रति व्यक्ति

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रफी हाउस

रूम किराया 500 से 800 रुपये प्रतिदिन

इसके साथ ही चंबा जिला पर्यटन विभाग की ओर से भी पर्यटकों के रहने के लिए कई होमस्टे, गेस्ट हाउस और होटल रजिस्टर्ड किए गए हैं। आप यहां भी तसल्ली के साथ अपने बजट में ठहर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें-

चंबा होमस्टे एंड गेस्ट हाउस

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जिला प्रशासन के साथ ही हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग से सत्यापित होमस्टे में भी आप बिना किसी परेशानी के ठहर सकते हैं। यहां एक से बढ़कर एक होमस्टे और गेस्ट हाइस आपके बजट में मिल जाएंगे। बुकिंग के लिए क्लिक करें-

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग होमस्टे

-हितेन्द्र गुप्ता

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