मशहूर घुमक्कड़ राहुल सांकृत्यायन ने कहा है कि घुमक्कड़ ही इस दुनिया को आगे बढ़ाते हैं और नई-नई जगहों की खोज करते हैं। लद्दाख भारत की सबसे सुंदर जगह में से एक है। लद्दाख में देखने के लिए इतना कुछ है कि आपको लद्दाख की एक लंबी यात्रा पर निकलना पड़ेगा। बड़ी संख्या में सैलानी लद्दाख की रोड ट्रिप करते हैं। अगर आप लद्दाख को 7 दिन में एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो इसकी पूरी जानकारी हम आपको दे देते हैं।
दिन 1: लेह
लेह लद्दाख की राजधानी है और लद्दाख के सबसे बड़े शहर में से एक है। आप सबसे पहले फ़्लाइट से लेह के कुशोक बाकुला रिमपोचे एयरपोर्ट पहुँचिए। लेह शहर पहुँचने के बाद होटल या हॉस्टल में अपना ठिकाना पक्का कर लीजिए। लेह समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ के मौसम में एडजस्ट करने के लिए आपको यहाँ एक दिन ज़रूर रूकना चाहिए। पूरे दिन जमकर आराम कीजिए और रिलेक्स कीजिए। शाम के समय थोड़ा टहलने भी जाएँ। लेह की यात्रा के दौरान शराब और सिगरेट का सेवन बिल्कुल भी ना करें।
लेह में ठहरें: होटल पानोरामा।
दिन 2: लेह घूमें
अगले दिन आप अपनी लद्दाख की यात्रा को शुरू कर दीजिए। इस दिन आप पूरे लेह शहर और आसपास की जगह को देख डालिए। इन जगहों को देखने के लिए आप एक दिन के लिए स्कूटी किराए पर ले सकते हैं। लेह में 700-800 रुपए में किराए पर स्कूटी किराए पर मिल जाती है। आप कुछ इस तरह से इन जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
1. सिंधु-जांस्कर संगम: यहाँ आप दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित जगह पर रिवर राफ़्टिंग भी कर सकते हैं।
2. मैग्नेटिक हिल
3. गुरुद्वारा पत्थर साहिब
4. वॉर मेमोरियल हॉल ऑफ फ़ेम: हॉल ऑफ फ़ेम को शाम 5 बजे से पहले देख लीजिए और टिकट काउंटर पर मिल जाएगा। इसके अलावा रात 8 बजे लाइट शो देख सकते हैं।
5. लेह पैलेस: पैलेस शाम 6 बजे बंद होता है।
6. स्पितुक मोनेस्ट्री
7. शांति स्तूप
दिन 3: पैंगोंग लेक
अगले दिन बुलेट मोटरसाइकिल को किराए पर ले लीजिए। लेह से सुबह-सुबह पैंगोंग झील के लिए निकल पड़िए। पैंगोंग झील लद्दाख की सबसे प्रसिद्ध जगहों में से एक है। हर कोई इस खूबसूरत झील को एक बार ज़रूर देखना चाहता है। लेह से पैंगोग झील 220 किमी. की दूरी पर है। लेह से कारू होते हुए आप चांगला पास पहुँचिए। चांगला पास दुनिया के तीसरे सबसे ऊँचाई पर स्थित मोटरेबल पास है। समुद्र तल से पैंगोंग लेक 4,350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। पैंगोंग लेक दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित सॉल्ट वाटर लेक है। शाम होने से पहले पैंगोंग झील पहुँचने की कोशिश करें।
पैंगोंग झील लगभग 160 किमी. लंबी है। लेक का एक तिहाई हिस्सा भारत में आता है और लेक का दो तिहाई हिस्सा चीन के हिस्से में आता है। सर्दियों में पैंगोंग लेक पूरी तरह से जम जाती है। पैंगोंग झील में BSNL के अलावा कोई नेटवर्क नहीं आता है। इसके अलावा पैंगोंग लेक के आसपास के गाँवों में शाम को कुछ घंटे के लिए ही लाइट आती है। पैंगोंग लेक के पास में कई सारे होटल, होमस्टे और कैंप हैं जिनमें आप रात गुज़ार सकते हैं।
दिन 4: नुब्रा वैली
अगले दिन की सुबह आप कभी नहीं भूल पाएँगे। पैंगोंग लेक के किनारे से सुबह को देखना एक खूबसूरत पल होगा। सूर्योदय होने के बाद तैयार होकर नुब्रा घाटी के लिए निकल पड़िए। पैंगोंग लेक से नुब्रा वैली की दूरी लगभग 200 किमी. है। पैगोंग से नुब्रा घाटी का रास्ता श्योक वैली और श्योक नदी से होकर गुजरता है।
पैंगोंग से नुब्रा घाटी के रास्ते में डुरबुक, खारदोंग, डिस्किट और हुंडर जैसी जगहें मिलेंगी। यदि आप सुबह 9 बजे पैंगोंग झील से निकलेंगे तो शाम होने से पहले नुब्रा ज़रूर पहुँच जाएँगे। नुब्रा वैली में हुंडर में आप सैंड ड्यूंस को देख सकते हैं। इसके अलावा ऊँट की सवारी कर सकते हैं। नुब्रा वैली में ठहरने के लिए कई सारी जगहें हैं। आप नुब्रा वैली में एप्पल कॉटेज में ठहर सकते हैं।
दिन 5: तुरतुक
नुब्रा वैली में अगले दिन हुंडर से तुरतुक के लिए निकल पड़िए। हुंडर से तुरतुक लगभग 80 किमी. की दूरी पर है। तुरतुक गाँव से लगभग 6 किमी. दूर इंडिया-पाकिस्तान का बार्डर है। थांग भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित आख़िरी भारतीय गाँव है। थाँग गाँव से आप दूरबीन से पाकिस्तान के इलाक़े को देख सकते हैं। इसके अलावा आपको ये पता होना चाहिए कि तुरतुक, थाँग, त्याकशी समेत 4 गाँव आज़ादी के बाद 1971 से पहले तक पाकिस्तान में थे। 1971 की जंग के बाद ये गाँव भारत में आ गए। तुरतुक को ज़रूर देखें।
दिन 6: खारदुंग ला
लद्दाख की यात्रा हर दिन कुछ ना कुछ रंग ज़रूर दिखाती है। अगले दिन नुब्रा घाटी में सबसे पहले डिस्किट रूकें। डिस्किट मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी मोनेस्ट्री है। डिस्किट में मैत्रीय बुद्ध की 104 फ़ीट की विशाल मूर्ति भी है। इसे देखने के बाद लेह की तरफ़ निकल पड़िए। रास्ते में खारदोंग और नार्थ पुल्लू नाम की जगह पड़ेगी। खारदोंग में लंच करने के बाद खारदुंग ला पहुँचिए। खारदुंग ला समुद्र तल से 5,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। खारदुंग ला दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित मोटरेबल पास में से एक है। कुछ देर यहाँ ठहरने के बाद शाम तक लेह शहर पहुँच जाइए।
दिन 7: लेह शहर
लद्दाख की यात्रा के आख़िरी दिन जमकर आराम कीजिए। उसके बाद अगर पास समय बचता है तो शे पैलेस, थिकसे मोनेस्ट्री, स्टकना मोनेस्ट्री और हेमिस मोनेस्ट्री को देख लीजिए। इस सारी मोनेस्ट्री लेह शहर के आसपास हैं। शाम के समय लेह मार्केट में घूमिए और शॉपिंग भी कीजिए। लेह मार्केट में कई सारे कैफ़े और रेस्टोरेंट हैं जिनमें आप लज़ीज़ खाना खा सकते हैं। अगले दिन लेह से आप फ़्लाइट से वापसी कर सकते हैं। इस तरह से आपकी 7 दिन की लद्दाख की यात्रा पूरी हो जाएगी।
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