भारत दुनिया के सबसे प्राचीन देशों में गिना जाने वाला बहुत ही खूबसूरत देश हैं। यहां पर विभिन्न धर्म के लोग, विभिन्न संस्कृति, विभिन्न त्योहार और विभिन्न रहन-सहन, रीति-रिवाज के साथ रहते हैं। भारत के हर एक भाग में कई ऐतिहासिक पर्यटक स्थल और प्रकृति की सुंदरता से भरपूर स्थान है, जहां पर समय बिताने के लिए पर्यटक अन्य देश से भारत आते हैं। अगर आप भी इंडिया के विभिन्न जगहों का घूमने का प्लान बना रहें हैं तो आपको अपनी यात्रा को अगस्त से दिसंबर के बीच प्लान करना चाहिए। ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि इस महीने में भारत में कई प्रसिद्ध त्योहार मनाए जाते हैं जो आपके ट्रिप में चार चांद लगा देगे। चूंकि इस समय भारतवासी नवरात्री और दुर्गा पूजा के रंग में डूबे हैं और भारतीय त्योहारों में नवरात्रि शायद सबसे अधिक पूजनीय त्योहारों में से एक हैं। इस त्योहार को देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा माता को समर्पित है। इस दौरान लोग देवी दुर्गा के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा करते हैं। स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार, उत्सव अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग होते हैं, लेकिन त्योहार का मुख्य विषय बुराई पर अच्छाई की जीत है। तो हम आज इस आर्टिकल के ज़रिए यह बताएंगे भारत के विभिन्न हिस्सों में यह त्योहार कैसे मनाते हैं।
नवरात्रि को पूर्वी भारतीय राज्य बंगाल में दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। हर साल बंगाल में विभिन्न थीम पर भव्य पंडाल स्थापित किए जाते हैं, जो कि आकषर्ण का केंद्र रहता हैं। औरतों द्वारा सिंदूर की होली, पंडालों में पारंपरिक डांस और खान-पान यह सब मिलकर कोलकाता की दुर्गा पूजा को बहुत खास बनाती है। यहां नौ दिन माता रानी का पूरे रीति रिवाज से पूजा किया जाता हैं और दशमी के दिन देवी को धूमधाम से विदा किया जाता है।
गुजरात में नवरात्रि को गरबा रास के लिए भी जाना जाता है। गुजरात में नवरात्रि के नौ दिन यहां माता की तो पूजा अर्चना होती ही हैं साथ ही गरबा डांस, मंत्रमुग्ध कर देने वाली डांडिया नाइट, टेस्टी खाना और दुर्गा के खूबसूरती से सजाए गए मंदिर पर्यटकों को बेहद आकर्षित करते हैं। गुजरात में मां दुर्गा और उनके नौ अलग-अलग अवतारों का सम्मान करने के लिए भक्त नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। हर शाम, जो महिलाएं उपवास कर रही होती हैं, वे दीयों से जगमगाते मिट्टी के बर्तन में अपनी प्रार्थना समर्पित करती हैं। इस अनूठे अंदाज से गुजरात में यह त्योहार मनाया जाता हैं।
इस त्योहार को तेलुगु भाषा में बथुकम्मा पांडुगा कहा जाता है जिसका अर्थ है देवी मां, जीवित आओ। इस राज्य में यह त्योहार देवी गौरी को समर्पित है। इस राज्य में नवरात्रि पर्व पर देवी मां की पूजा के लिए यहां की स्थाई महिलाएं स्थानीय फूलों का उपयोग करके समय-सम्मानित शैली में फूलों के ढेर बनाती हैं। बाद में इन फूलों के ढेरों को झील या नदी में विसर्जित कर दिया जाता है। एक अन्य रीति रिवाज के अनुसार अविवाहित लड़कियां अपनी पसंद के जीवनसाथी की तलाश में सांप्रदायिक पूजा में शामिल होती हैं।
नवरात्रि उत्सव के दसवें दिन को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू शहर में इस त्योहार को दशहरा के रूप में मनाया जाता है। आपको बता दूं कि यह भगवान राम की अयोध्या वापसी का प्रतीक के रुप में मनाते हैं। कुल्लु घाटी के ढालपुर मैदान में, भगवान रघुनाथ (राम) की नौ दिनों तक चलने वाले उत्सव के दौरान अन्य देवताओं के साथ पूजा की जाती है। दशहरा के दिन देवी-देवताओं को जुलूस के लिए निकाला जाता है, आपको बता दूं कि यह देश में सबसे शानदार जुलूसों में से एक है, जो हर साल बहुत सारे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
देश में अन्य राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी नवरात्रि का पर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यहां भी गुजरात की तरह गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता हैं और माता रानी का पूजा विशेष रीति रिवाज से किया जाता हैं। इसके अलावा महिलाएं एक दूसरे को घर पर आमंत्रित करती हैं और इस त्योहार के उपलप्छ में एक दूसरे को उपहार देती हैं। नवरात्रि के दिनों में महाराष्ट्र में रौनक देखने लायक होती है।
जहां बाकी राज्यों में यह त्योहार नौ दिनों तक मनाया जाता हैं वहीं केरल में ये पर्व अंतिम तीन दिनों तक ही मनाया जाता है। और इस तीन दिनों में भक्त देवी सरस्वती की पूजा करते हैं। यहां प्रसाद के रूप में किताबे और पेन देवी मां को समर्पित करते हैं और अंतिम दिन ये उन्हें उठा लेते हैं।
भारत के अलग-अलग हिस्सों में नवरात्रि का अलग ही महत्व है। नवरात्रि जल्द ही आने वाला हैं, आप इस नवरात्रि कहा मानने जा रहें हैं हमें कमेंट कर के ज़रूर बताइए।
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