लाल क़िले के अलावा दिल्ली में हैं कई सारे ऐतिहासिक क़िले, जिनको ज़रूर देखना चाहिए

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Photo of लाल क़िले के अलावा दिल्ली में हैं कई सारे ऐतिहासिक क़िले, जिनको ज़रूर देखना चाहिए by Rishabh Dev

दिल्ली सिर्फ़ आज ही नहीं, आज़ादी के पहले भी उतना भी महत्वपूर्ण हुआ करता था। हर राजा हिन्दुस्तान के तख़्त दिल्ली को पाना जाता था। दिल्ली पर अलग-अलग समय में शासकों ने शासन किया। जिनमें तोमर, चौहान, तुग़लक़ और मुग़ल भी शामिल हैं। जिन शासकों ने भी दिल्ली पर राज किया, उन्होंने अपने स्मारक और क़िले बनवाए। आज वही क़िले और इमारतें ऐतिहासिक स्मारक हैं। आपने लाल क़िले के नाम तो सुना ही होगा। दिल्ली में लाल क़िले के अलावा बहुत सारे क़िले हैं, जिनके बारे में कम लोगों को पता है।

दिल्ली के ऐतहासिक क़िले:

1. पुराना क़िला

दिल्ली में लाल क़िला के अलावा एक पुराना क़िला भी जो मथुरो रोड पर स्थित है। इस क़िले को शेरगढ़ के नाम से जाना जाता है। पुराना क़िला के शेरशाह और हुमायूँ ने बनवाया था। कहा जाता है कि जहां पर क़िला बना है, महाभारत काल में वहाँ इन्द्रप्रस्थ हुआ करता था। इन्द्रप्रस्थ पांडवों की राजधानी थी। क़िले के तीन मुख्य द्वार हैं, जिन्हें हुमायूँ दरवाज़ा, तालकी दरवाज़ा और बड़ा दरवाज़ा के नाम से जाना जाता है। पुराना क़िला लगभग 1.5 किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। पुराना क़िला को इंडो-इस्लामिक शैली में बनाया गया है। क़िले का आर्किटेक्चर वाक़ई में देखने लायक़ है।

पता: मथुरा रोड, दिल्ली जू के पास, नई दिल्ली।

समय: 09:00 AM - 07:00 PM।

2. सलीमगढ़ क़िला

सलीमगढ़ क़िला लाल किल्ले का एक हिस्सा है। ये क़िला यमुना नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। इस क़िले को 1546 में सलीम शाह सूरी ने बनवाया था। शाहजहाँ ने इस क़िले को लाल क़िले से जोड़ा और बाद में औरंगजेब के शासनकाल में ये एक जेल बन गया। अंग्रेजों ने इसे अपनी सैनिक छावनी बना दिया था। आज़ादी के कई क्रांतिकारियों को इन जेलों में रखा गया था। इस वजह से सलीमगढ़ क़िले में उन नेताओं ने स्मारकों को भी बनाया गया है। सलीमगढ़ क़िले में जाने के लिए आपको लाल क़िला जाना पड़ेगा।

पता: चाँदनी चौक, नई दिल्ली।

समय: 10:00 AM - 05:00 PM।

3. तुग़लक़ाबाद क़िला

तुग़लक़ाबाद क़िला दिल्ली के सबसे प्रमुख आकर्षणों में से एक है। तुग़लक़ाबाद क़िले को 1321 ईस्वी में ग्यासुद्दीन तुग़लक़ ने बनवाया था। तुग़लक़ाबाद क़िले का निर्माण मंगोलों से तुग़लक़ साम्राज्य की रक्षा के लिए बनाया गया था। इसे क़िले को इंडो-इस्लामिक शैली में बनाया गया है और इसकी नक़्क़ाशी देखने लायक़ है। क़िले की दीवार 10-15 मीटर ऊँची है। क़िले के दक्षिणी हिस्से में ग्यासुद्दीन तुग़लक़ का मक़बरा है जिसे आप देख सकते हैं।

पता: तुग़लक़ाबाद क़िला, तुगलकाबाद, नई दिल्ली।

समय: 07:00 AM - 05:00 PM।

4. सिरी क़िला

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सिरी दिल्ली का एक शहर हुआ करता था लेकिन आज ये क़िला खंडहर में तब्दील हो गया है। अफ़ग़ान शासक अलाउद्दीन ख़िलजी ने सिरी क़िले का निर्माण करवाया था। सिरी क़िला अफ़ग़ान शैली में बना एक शानदार क़िला है। अलाउद्दीन ख़िलजी ने अपनी राजधानी का नाम सिरी रखा, जिससे इस क़िले का नाम भी सिरी पड़ गया। सिरी शब्द सर से बना हुआ है। कहा जाता है कि 8000 मंगोल सैनिकों को इस क़िले में दफ़नाया गया था। ख़िलजी ने क़िले के पास में एक जलाशय भी बनवाया था, जो आज भी मौजूद है। ये जलाशय हौज़ ख़ास क़िले के अंदर स्थित है। ये क़िला अब खंडहर बन चुका है लेकिन इसके अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं।

पता: हौज़ ख़ास, नई दिल्ली।

समय: 09:00 AM - 05:00 PM।

5. क़िला राय पिथौरा

दिल्ली में एक और ऐतिहासिक क़िला है, जिसके बारे में कम लोगों को पता है। दिल्ली के क़िला राय पिथौरा का निर्माण प्रसिद्ध चौहान शासक पृथ्वीराज सिंह चौहान ने 12वीं शताब्दी में करवाया था। ये क़िला लाल कोट क़िले का विस्तार है, जिसका निर्माण तोमर शासक अनंगपाल प्रथम ने करवाया था। लाल कोट क़िले को दिल्ली का पहला क़िला माना जाता है। क़िले का प्रमुख हिस्सा साकेत और महरौली क्षेत्र के खंडहरों में तब्दील हो गया है। एक समय में मंदिर के अंदर कई सारे मंदिर थे लेकिन अब सब कुछ बर्बाद हो गया है।

6. अदिलाबाद क़िला

अदिलाबाद क़िला तुग़लक़ाबाद क़िले के बिल्कुल पास में एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। अदिलाबाद क़िले का निर्माण ग्यासुद्दीन तुग़लक़ के बेटे मोहम्मद बिन तुग़लक़ ने 1326 ईस्वी में करवाया था। इस क़िले को शहर की सुरक्षा की दृष्टि से बनाया गया था। तुग़लक़ाबाद क़िले की तुलना में अदिलाबाद क़िला काफ़ी छोटा है लेकिन दोनों किलों कि डिज़ाइन और शैली एक ही है। अगर आपकी इतिहास में दिलचस्पी है तो आपको इस क़िले को देखने ज़रूर जाना चाहिए।

7. फिरोजशाह कोटला किला

फिरोजशाह कोटला क़िले को भुतहा क़िले के नाम से भी जाना जाता है। इस क़िले को 1354 ईस्वी में फिरोजशाह तुग़लक़ ने बनवाया था। ये क़िला दिल्ली की सबसे प्राचीन धरोहरों में से एक है। खंडहरनुमा इस क़िले के कुछ भाग को आप अभी भी देख सकते हैं। इस क़िले को देखकर आप उस समय की वास्तुकला के बारे में थोड़ी समझ बना सकते हैं। इस क़िले के अंदर एक जामी मस्जिद हुआ करती थी लेकिन अब इसकी सिर्फ़ दीवार बची है। इसके अलावा क़िले के अंदर एक बावली है, जिसके अंदर आज भी पानी मौजूद है।

पता: वाल्मिकी बस्ती, विक्रम नगर, नई दिल्ली।

समय: 08:30 AM - 07:00 PM।

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