दुनिया में कितना कुछ है जो हमने नहीं देखा, कितना कुछ है जिसके बारे में हमको पता नहीं है। इन सारे सवालों का जवाब है, घुमक्कड़ी। घूमने वाला इंसान किसी चीज से नहीं डरता है, वो डरता है तो सिर्फ किसी जगह पर ठहरने से। कहते हैं कि जिंदगी बहुत छोटी है तो उसे घूमते हुए क्यों न जिया जाए? अपनी जिंदगी को मायने देना है तो घूमना शुरू कर दीजिए। ऐसे ही घूमते हुए मिलती हैं बेपनाह खूबसूरती वाली जगह। जहाँ पहुँचने के बाद लगता है कि यहाँ हम पहले क्यों नहीं आए? हिमाचल प्रदेश में कुदरती सुंदरता वाली कई जगहें हैं। हिमाचल प्रदेश की धरा पर ऐसी ही एक जगह है, मणिमहेश।
मणिमहेश कैलाश पर्वत ऐसा पहाड़ है जिसे आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है। माऊँट एवरेस्ट को फतेह करने वाले लोग इस पर्वत को पूरा नहीं कर पाते हैं। इस मणिमहेश कैलाश पर्वत कई खूबसूरत जगहें हैं जो देखने लायक हैं। उन्हीं में से एक मणिमहेश लेक है जो इस जगह की खूबसूरती को जन्नत जैसा बनाता है। सुंदरता कितनी असीमित होती है? ये आपको हिमाचल के मणिमहेश आकर समझ आएगा। हर घुमक्कड़ और एडवेंचर पसंद व्यक्ति को इस जगह पर जरूर आना चाहिए।
मणिमहेश
मणि महेश हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में आता है और भरमौर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से 4,080 मीटर की ऊँचाई पर स्थित मणिमहेश पीर पंजाल की पहाड़ियों से घिरी हुई है। यहाँ एक झील है जिसे डल झील के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती से शादी के बाद इस झील को बनाया था। झील के बारे में ऐसी ही कई किवंदती हैं। इस जगह को भगवान शिव का घर कहा जाता है। साल में एक बार झील के पास एक मेला लगता है। आसपास के लोग इस मेले मे शामिल होते हैं।
क्या देंखें?
1. मणि महेश यात्रा
मणिमहेश की यात्रा को दूसरी कैलाश मानसरोवर की यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ तक पहुँचने के लिए चंबा से भरमौर पहुँचना होगा। चंबा से भरमौर तक के लिए आराम से बस मिल जाएगी। भरमौर से ही मणिमहेश यात्रा शुरू होती है। इसके लिए आपको 13 किमी. लंबा ट्रेक करना होगा। मणि महेश ट्रेक हिमाचल के सबसे खूबसूरत ट्रेक में से एक है।
भरमौर से हडसर की दूरी 20 किमी. है। यहाँ तक टैक्सी से पहुँच सकते हैं। हडसर से ही ये ट्रेक शुरू होगा। शुरूआती एक किमी. तक तो ये ट्रेक आसान होगा। उसके बाद आपके दिमाग पर चढ़ाई हवाई होने लगेगी। इसके बाद आपका धन्चो पहुँचेगे। समुद्र तल से 2,280 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस जगह से घाटी के नजारे देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा।
इसके बाद आपको रास्ते में कमल कुंड मिलेगा और फिर गौरी कुंड आएगा। गौरी कुंड से लगभग 1 किमी. की दूरी पर मणिमहेश झील है। यहाँ तक पहुँचने में आप थकान से भर जाएंगे लेकिन यहाँ के नजारे आगे बढ़ने का जज्बा देंगे। झील पर पहुँचने के बाद कुछ घंटे आप यहाँ ठहर सकते हैं। जिसके बाद आप वापस लौट सकते हैं। ऐसे नजारे आपको और कहीं नहीं मिलेंगे।
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2. मणिमहेश लेक
मणिमहेश यात्रा का सबसे मुख्य आकर्षण यहाँ की झील है। मणिमहेश पर्वत पर स्थित इस लेक के बारे में कई कहानियां हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव ने पार्वती से शादी के बाद इस झील को बनाया था। ये झील दो भागों में बंटी हुई है। एक हिस्से को शिव कटोरी और दूसरे को गौरी कुंड कहते हैं। शिव कटोरी भगवान शिव के नहाने की जगह है और गौरी कुंड देवी पार्वती के नहाने की जगह है। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी ये बेहद खूबसूरत है। रात में जब चांद झील में उतर आता है तो ये जगह और भी सुंदर हो जाती है।
3. हडसर वाटरफॉल
मणिमहेश की यात्रा जहाँ से शुरू होती है वहाँ पर एक वाटरफॉल है, हडसर फॉल्स। पहाडों के बीच वाटरफॉल को देखना अपने आप में एक अलग एहसास होता है। आपका मन करेगा कि कुछ देर ठहरकर इस जगह को नजर भर के देख लिया जाए। मणि महेश की यात्रा में आपको धन्चो वाटरफॉल भी देखने को मिलेगा। ऐसे नजरे कुदरती की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट सेः अगर आप फ्लाइट से मणिमहेश जाने का सोच रहे हैं तो सबसे निकटतम गग्गल कांगड़ा एयरपोर्ट है। गग्गल से भरमौर लगभग 175 किमी. की दूरी पर है। भरमौर तक आप बस या टैक्सी से आराम से पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः मणिमहेश से सबसे नजदीकी पठानकोट रेलवे स्टेशन है। पठानकोट से भरमौर की दूरी लगभग 160 किमी. है। आप बस या टैकसी से भरमौर पहुँच सकते हैं। उसके बाद आप मणिमहेश आराम से पहुँच जाएंगे।
वाया रोडः सड़क मार्ग से मणिमहेश आराम से पहुँच जाएंगे। पठानकोट, धर्मशाला, डलहौजी से भरमौर के लिए बसें चलती रहती हैं। इसके अलावा आप खुद की गाड़ी से भी भरमौर तक पहुँच सकते हैं। उसके बाद आपको मणिमहेश तक पहुँचने के लिए 13 किमी. का ट्रेक करना होगा।
वाया हेलीकॉप्टरः यदि आप मणिमहेश का लंबा ट्रेक नहीं करना चाहते हैं तो फिर आप हेलीकॉप्टर से जा सकते हैं। हेलीकॉप्टर से आप भरमौर से गौरी कुंड तक पहुँच जाएंगे। उसके बाद आपको सिर्फ 1 किमी. का ट्रेक करना होगा। इसका रिजर्वेशन भरमौर और चंबा में होता है। हेलीकॉप्टर का किराया 8 हजार रुपए से शुरू होता है।
कब जाएं?
मणिमहेश हिमाचल प्रदेश की सबसे ठंडी जगहों में से एक है। कुछ महीनों को छोड़कर यहाँ पूरे साल बर्फबारी होती है। इस वजह से रास्ता बंद रहता है इसलिए आप उन्हीं महीनों में इस जगह को एक्सप्लोर करने आ सकते हैं। मणि महेश आने के लिए जून से अक्टूबर तक का समय सही रहेगा। इसके बाद तो यहाँ पर आपको बर्फ के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा। ट्रेक के दौरान आन कैंप में रहेंगे। इसके अलावा भरमौर में रहने के लिए कई जगहें हैं। हर घुमक्कड़ को मणिमहेश की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
सुझावः
1. अपने साथ गर्म कपड़े, खाना और पानी ले जाएं। झील के पास आपको कुछ नही मिलेगा।
2. ट्रेक के दौरान ले जाने वाली सभी जरूर चीजें साथ रखें क्योंकि कभी भी कुछ भी हो सकता है।
3. ट्रेक के दौरान अपने साथियों से दूर न जाएं।
4. कैमरे का फुल चार्ज कर के जरूर रखें क्योंकि ऐसी जगहों पर फोटो कमाल की आती हैं।
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