जब भी पहाड़ों की ओर घूमने की बात होती है तो सबसे पहला नाम हिमाचल प्रदेश का आता है और आए भी क्यों न? इतना खूबसूरत जो है, जो एक बार गया बार-बार जाने के बारे में सोचता रहता है। हिमाचल प्रदेश की वादियों में आकर हर कोई खो जाना चाहता है। कहते हैं कि बिना हिमाचल प्रदेश के आपकी घुमक्कड़ी अधूरी ही रहेगी। हिमाचल प्रदेश में वैसे तो अनगिनत जगहें हैं। उन्हीं अनगिनत जगहों में है, खूबसूरत डलहौजी।
हिमाचल प्रदेश दो प्रकार की जगहों से भरा हुआ है एक, बहुत फेमस जगहें और दूसरी जहाँ बहुत कम लोग जाते हैं। डलहौजी भी ऐसी फेमस जगहों की लिस्ट में आता है। अक्सर घूमने के चक्कर में लोग फेमस जगहों पर भी आधी-अधूरी जानकारी के साथ पहुँच जाते हैं। इससे उनको परेशानी भी होती है और बहुत कुछ मिस भी कर देते हैं। इस परेशानी को हम दूर कर देते हैं। वीकेंड पर हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में कैसे और कहाँ घूमा जाए? इसकी पूरी जानकारी हम आपको दे देते हैं।
डलहौजी
डलहौजी हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले का एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। समुद्र तल से 2,700 मीटर की ऊँचाई पर बसा डलहौजी के चारों तरफ धौलाधार पहाड़ियों की रेंज है। इस जगह का नाम ब्रिटिश गर्वनर लॉर्ड डलहौजी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने 1854 में इसे स्थापित किया था ताकि वो गर्मियों में ठंडी जगह पर कुछ अच्छे पल बिता सकें। डलहौजी हिमाचल की पांच पहाड़ियों पर बना एक हिल स्टेशन है। ये पांचों पहाड़ियां काथलाॅग, पोर्टएन, तेहरा, बाकरोता और बालून है। 13 वर्ग किमी. में फैलीं ये पहाड़ियों इस जगह को और भी खास बना देती हैं।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट सेः अगर आप हवाई मार्ग से डलहौजी जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी पठानकोट एयरपोर्ट है। पठानकोट से डलहौजी 75 किमी. की दूरी पर है। आप यहाँ से बस या कैब बुक करके डलहौजी पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः रेल मार्ग से डलहौजी जाना है पठानकोट सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। पठानकोट से बस या टैक्सी से लेकर डलहौजी पहुँचा जा सकता है।
वाया रोडः सड़क मार्ग से डलहौजी पहुँचने में आपको कोई बड़ी परेशानी नहीं आएगी। कांगड़ा, धर्मशाला, खज्जिर और चंबा से आपको डलहौजी के लिए बसें मिल जाएंगी। अगर आप खुद की गाड़ी से आना चाहते हैं तो नेशनल हाईवे 1 से आ सकते हैं।
कैसे घूमें?
1. सुबह-सुबह खज्जिर
डलहौजी से सिर्फ 1 किमी. की दूरी पर बेहद खूबसूरत जगह है, खज्जिर। इसकी सुंदरता की वजह से इसे भारत का मिनी स्विट्जरलैंड आॅफ इंडिया कहते हैं। आप इस जगह को देखने से वीकेंड पर घुमक्कड़ी की शुरूआत कर सकते हैं। खज्जियर का घास का मैदान हर किसी को आकर्षित करता है। ये हरियाली देखकर आपका मन बाग-बाग हो उठेगा। आप इस जगह पर घंटो बिता सकते हैं। इस जगह की खूबसूरती ही इसे पॉपुलर बना रही है।
2. सतधारा फॉल्स
पहाड़ के बीच झरने का होना किसी स्वर्ग से कम नहीं है। डलहौजी में एक सतधारा वाटरफॉल है। इसे स्थानीय लोग गंडक भी कहते हैं। सात अलग-अलग धाराओं से पानी आने की की वजह से इसे सतधारा फॉल्स कहते हैं। खज्जिर को घूमने के बाद दोपहर में इसे घूमा जा सकता है। अगर आप भीड़ भाड़ से दूर किसी सुकून भरी जगह पर जाना चाहते हैं तो इसके लिए डलहौजी में सतधारा वाटरफॉल परफेक्ट जगह है। डलहौजी से ये वाटरफॉल सिर्फ 1 किमी. की दूरी पर है। आप इस जगह तक पैदल भी पहुँच सकते हैं।
3. पंचपुला
शाम के समय डलहौजी मे आपको पंचपुला के आसपास वक्त बिताना चाहिए। पंचपुला वही जगह है जहाँ से सात धाराओं से पानी बहता है। ये जगह चारों तरफ से देवदार और चीड़ के जंगलों से घिरी हुई है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है। पंचपुला डलहौजी में पानी का महत्वपूर्ण स्रोत है। ये जगह खूबसूरत वाटरफॉल और पिकनिक स्पॉट का मिलाजुला रूप है। कुछ देर यहाँ पर वक्त बिताने के बाद पैदल-पैदल ही डलहौजी तक जाएं। अंधेरा होने पर पहाड़ों पर तारों भरी रात देखें और अगले दिन घूमने के लिए तैयार हो जाएं।
दिन 2:
1. कालाटॉप खज्जिर सैंक्चुरी
किसी भी जगह पर कुछ घंटे घूमने के बाद वो जगह अपनी-सी लगने लगती है। वीकेंड के दूसरे दिन आपको कुछ ऐसा ही अनुभव होगा। आप इस दिन की शुरूआत सैंक्चुरी को एक्सप्लोर करने से कर सकते हैं। कालाटॉप खज्जिर सैंक्चुरी खूबसूरत जंगलों और बर्फ की चादर से ढंकी हुई पहाड़ियां हैं। ये सैंक्चुरी चंबा डैम से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। 30.62 वर्ग किमी. में फैली ये सैंक्चुरी कई जानवरों और पक्षियों का घर है। अगर आप नेचर लवर हैं तो आपको कालाटॉप खज्जिर सैंक्चुरी जरूर पसंद आएगी।
2. दैनकुंड
कालाटॉप खज्जिर सैंक्चुरी में कुछ घंटे गुजारने के बाद आपको दैनकुंड पहाड़ी की ओर जाना चाहिए। दैनकुंड पीक डलहौजी की सबसे ऊँची चोटी है। समुद्र तल से 2,755 मीटर की ऊँचाई पर स्थित दैनकुंड डलहौजी से 10 किमी. की दूरी पर है। इस चोटी तक पहुँचने के लिए आपको ट्रेकिंग करनी होगी। अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो ये जगह जरूर पसंद आएगी। दैनकुंड पीक से डलहौजी के सबसे खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। हरियाली से भरी वादियां आपको मन मोह लेगी। आपका इस जगह से वापस लौटने का मन ही नहीं करेगा।
3. बकरोटा हिल्स
दैनकुंड की तरह बकरोटा हिल्स डलहौजी की दूसरी फेमस जगह है। यहाँ से दूर-दूर तक सिर्फ पहाड़ ही पहाड़ दिखाई देते हैं। दैनकुंड पीक को देखने के बाद अगर समय बचता है तो फिर बकरोटा हिल्स को भी देख सकते हैं। देवदार के पेड़ बकरोटा की पूरी पहाड़ी के चारों ओर घिरे हुए हैं। डलहौजी के सफर में आपको बकरोटा हिल्स तो जरूर जाना चाहिए।
कब जाएं?
हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में सर्दियों में खूब बर्फबारी होती है और गर्मियों में ठंडक बनी रहती है। सर्दियों में आप डलहौजी को अच्छे से घूम नहीं पाएंगे। डलहौजी की खूबसूरती को देखने के लिए आपको गर्मियों में जाने का प्लान बनाना चाहिए। डलहौजी के लिए अप्रैल से जून तक का समय सबसे बेस्ट रहेगा। आप इस दौरान डलहौजी को अच्छे तरह से घूम पाएंगे।
कहाँ ठहरें?
डलहौजी हिमाचल प्रदेश की मशहूर जगहों में से एक है। डलहौजी में आपको हमेशा घूमने वाले दिखाई देंगे। यही वजह है कि यहाँ होटलों और रिजॉर्ट की कोई कमी नहीं है। यहाँ छोटे-बड़े, सस्ते-महंगे हर प्रकार के होटल आपको मिल जाएंगे। आप अपने बजट के हिसाब से किसी होटल को चुन सकते हैं।
क्या आपने हिमाचल प्रदेश के डलहौजी की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना Telegram पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।