हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पालमपुर में खुला प्रदेश का पहला और देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन खुल गया है। सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान पालमपुर ने इस गार्डन को तैयार किया है। पालमपुर में यह गार्डन अब आम लोगों के लिए खुल गया है। काफी तादाद में सैलानी इस गार्डन के दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। इस गार्डन की खास बात यह है कि यहां लगाए गए ट्यूलिप के पौधे स्वदेशी हैं और हिमाचल के लाहुल-स्पीति में तैयार किए गए हैं। हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस ट्यूलिप गार्डन का दौरा किया और इसमें विशेष रुचि दिखाई ।
कैसा दिखता है ट्यूलिप -
ट्यूलिप एक प्रकार का फूल है, जो कि बेहद खूबसूरत होता है। इस फूल का इस्तेमाल ज्यादातर गुलदस्ते बनाने या सजावट के दौरान किया जाता है। बता दें कि ट्यूलिप नाम की उत्पति फारसी शब्द ‘डैलबैंड’ से हुई थी, जिसका मतलब पगड़ी होता है। गुलाब के बाद ट्यूलिप दूसरा ऐसा फूल है, जिसे लोगों के बीच बेहद पसंद किया जाता है। बता दें कि ट्यूलिप तुर्की और अफगानिस्तान का राष्ट्रीय फूल है और इसकी खेती ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में की जाती है। इस फूल का गहरा रंग और सुंदर आकार मन को मोह लेता है। इसकी कई खूबसूरत प्रजातियां हैं।
इस ट्यूलिप गार्डन की खासियत
आठ करोड़ के बजट से बने इस ट्यूलिप गार्डन में अब तक के प्रस्ताव के अनुसार 40 प्रजातियों के लाखों रंग-बिरंगे फूल लगाए जा चुके है। कुछ फूल विदेशों से भी मंगवाए जाएंगे। सभी फूल लगने के बाद यह गार्डन फूलों का गांव लगेगा। गार्डन में फाउंटेन, झील, कैफिटेरिया व पार्क की भी व्यवस्था की गई है।
20 दिन तक खिला रह सकता है ट्यूलिप का फूल
ट्यूलिप के फूल की आयु 15 से 20 दिन की ही होती है। यह मौसम और तापमान पर निर्भर करता है कि यह 15 दिन तक खिले रहेंगे या 20 दिन तक। वहीं कटने के बाद ये 5 दिन तक बिना मुरझाए रह सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश का फेमस डेस्टिनेशन है पालमपुर
पालमपुर हिमालय की आकर्षक धौलाधार पहाड़ी रेंज से घिरा खूबसूरत स्थान है। कांगड़ा जिले में पड़ने वाला पालमपुर हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है। हर साल यहां हजारों पर्यटक आते हैं।
ट्यूलिप गार्डन की एंट्री फीस - निःशुल्क
गार्डन के खुलने का समय - सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
जाने का सबसे अच्छा समय - फरवरी से मार्च
पालमपुर कैसे पहुंचें
हवाईजहाज से : धर्मशाला में गग्गल हवाई अड्डा 40 किमी की दूरी पर पास का हवाई अड्डा है।
ट्रेन से : पठानकोट 120 किमी की दूरी पर पास का रेलवे स्टेशन है।पठानकोट से पालमपुर पहुंचने के लिए टैक्सी उपलब्ध हैं।
सड़क द्वारा : पालमपुर सड़क मार्ग से हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर पड़ोसी क्षेत्रों और महत्वपूर्ण स्थानों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। राज्य की प्राइवेट बसें मंडी, पठानकोट, धर्मशाला आदि से पालमपुर के लिए नियमित रूप से चलती हैं। एचआरटीसी की बसें दिल्ली को पालमपुर से सड़क मार्ग से भी जोड़ती हैं।