घुमक्कड़ तो वैसे घुमक्कड़ ही होता है लेकिन घुमक्कड़ दो तरह होते हैं। एक वो जिनको बस घूमना होता है चाहे वो पहाड़ हो या शहर हो, चाहे वो फेमस हो या अनछुआ हो। एक वो घुमक्कड़ होते हैं जिनको अपनी लाइफ में थ्रिल चाहिए। जो हमेशा एडवेंचर की तलाश में रहते हैं। खूबसूरत पहाड़, शांत झीलें और पुराने मंदिरों के लिए फेमस हिमाचल प्रदेश सभी लोगों के लिए है। यहाँ शांति और खूबसूरती है तो एडवेंचर भी बहुत है। शायद यही वजह है कि यहाँ साल भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
हिमाचल अक्सर लोग फेमस जगहों पर जाते हैं। अगर आप वैसे घुमक्कड़ हैं जो अनछुई जगहों की खोज में रहते हैं तो हिमाचल में ऐसा ही एक ट्रेक है। जहांँ खूबसूरती भी है और एडवेंचर भी है। हिमाचल के सबसे कम एक्सप्लोर की गई जगहों में से एक है, माउंटेन ऑफ लेक्स ट्रेक। क्या आपने इसका नाम पहले कभी नहीं सुना? ये जगह कुल्लू और पार्वती घाटी के बीच में एक छिपी हुई जगह है। जहाँ बहुत सारे ग्लेशियर हैं जिनको देखने के बाद आप इस जगह को भूल नहीं पाएँगे।
अगर आप इस जगह को गूगल पर खोजेंगे तो आपको नहीं मिलेगी। कभी-कभी जगहों का पता हमारे कदम ही लगता सकते है। अगर आप इस बात से परेशान हैं कि जब इसके बारे में गूगल कुछ नहीं बता पाएगा तो कैसे जाएं? तो ये परेशानी हम हल कर देते हैं। आपके लिए इस खूबसूरत ट्रेक का पूरा प्लान बना देते हैं जिससे आप इस जगह पर आने के लिए देर न करें।
क्यों करें?
आपको इस ट्रेक करने की वजह हम आपको बता ही चुके हैं। अगर आप हिमाचल प्रदेश की फेमस जगहों को छोड़कर ऑफबीट जगहों पर जाना चाहते हैं तो आपको ये ट्रेक जरूर करना चाहिए। अगर आपको माउंटेन लवर हैं तो ट्रेक आपके लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। भीड़ और शोर से दूर इस जगह पर आपको सुकून मिलेगा। इस ट्रेक में आपको 12 खूबसूरत झीलें मिलेंगी जो आपके होश उड़ा देंगी। चारों तरफ के पहाड़ बर्फ से ढंके होंगे और आसपास हरियली ही हरियाली होगी। अब तक बताइए कि कोई क्यों न इस खूबसूरत और अनदेखी जगह पर न आए?
ऐसे करें ट्रेक
पहला दिन
पटलीकुहल में बस लें। जहाँ पर्वतारोहियों की टीम का एक सदस्य आपको मिलेगा जो आपको और आपको बेस कैंप हरिपुर तक ले जाएगा। जहाँ ब्रेकफास्ट करने के बाद दो घंटे की चढ़ाई करें जो आपको इस घाटी के सबसे पुराने गाँव सोइल में डीए केकूट तक पहुँचा देगा। दोपहर के खाने के बाद आप आसपास की जगहों को एक्सप्लोर कर सकते हैं और यहाँ के जंगलों को देख सकते हैं। शाम होते ही आपको अपने बेस कैंप लौटना होगा। जहाँ आप अपने साथियों के रात डिनर लेंगे और अच्छी नींद के लिए सो जाएंगे। आपको यहाँ पर ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर मिलेगा। अगर आप वेजेटेरियन हैं तो वेज मिलेगा और नोन वेजेटेरियन हैं तो वो भी मिल जाएगा। आप यहाँ पक्के कमरों में सो सकते हैं या फिर लकड़ी के बने घर में भी सोने की व्यवस्था है।
दूसरा दिन
आप दूसरे दिन उस जगह पहुँचेंगे, जहाँ से ट्रेक शुरू होता है। आपको वो गाँव भी मिलेगा डीए केकट्ट जहाँ आप कल भी आए थे। इसके आगे की ट्रेक करते हुए हम माउंटेन ऑफ लेक्स की ओर बढ़ेंगे। घने देवदार के बीच से जाता हुआ ये रास्ता जितना खूबसूरत है उतना कठिन भी। आपका ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर पैक होता है। जिस आप रास्तें में ले सकते हैं। लगभग 6 घंटे की ट्रेक के बाद आप अपना कैंप लगा लीजिए। यहाँ रात को अपनी थकावट को दूर कीजिए।
तीसरा दिन
अगले दिन सुबह जल्दी उठकर ब्रेकफास्ट कीजिए और निकल पड़िए। शुरू में खुले और खूबसूरत घास के मैदान मिलेंगे। लगभग 2 घंटे की चढ़ाई के बाद ये रास्ता बेहद पतला हो जाएगा। पूरे रास्ते आपको यही सब कुछ मिलेगा। लगभग 5-6 घंटे चलने के बाद जब आपको एक बहुत विशाल बुग्याल यानी घास का मैदान दिखाई दे तो वहीं कैंप लगा लीजिए। यहाँ से बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देगा। आपको दूर तलक हनुमान टिब्बा और धौलाधार की पहाड़ियाँ दिखाई देंगी। इसके अलावा रात को आप बोनफायर कर सकते हैं और फिर टेंट में आराम करें।
दिन 4
अगले दिन नाश्ता करके घास के मैदान से जल्दी निकल जाइए। ट्रेक का रास्ता खुला और चलने में भी आसानी रहेगी। आप अपने आसपासा बर्फ से ढंकी जगहों को देख पाएंगे। अगर आप गर्मियों में जा रहे हैं तो आपको बर्फ पिघली हुई मिले या उसकी जगह आपको रास्ते में अल्पाइलन फूल मिलेंगे। लगभग 3 से 4 घंटों की चढ़ाई के बाद आप एक बेहद खूबसूरत नजारे के सामने होंगे। आपको ग्लेशियर को पिघलते हुए देख पाएंगे या उसकी धारा को देख पाएंगे। आप इसी खूबसूरत नजारे को देखते हुए कैंप लगा लीजिए।
दिन 5
अगले दिन जल्दी उठकर ब्रेकफास्ट करिए और पहली लेक के लिए। लगभग 45 मिनट चलने बाद आप बटरुनाग सौर पहुँचेगे। ये लेक आपका मन मोह लेगी। इसके कुछ ही दूर आगे चलने पर वासुकिनाग सौर लेकर मिलेगी। इसके थोड़ा आगे चलें तो आपको सबसे खूबसूरत ग्लेशियल झीलों में से एक फेटा सौरा मिलेगा। बारिश के दौरान आपको यहाँ बहुत सारी छोटी-छोटी झीलें मिलेंगी। तब आपको चारों तरफ झील ही झील दिखाई देगी। झीलों की वजह से ये जगह टेंट लगाने के लिए अच्छी नहीं है। इस जगह को अच्छे से देखने के बाद वापस लौट आइए।
दिन 6
कैंप-2 से डीएक बेस माउंटेनिसरेज या डीए कोकेट तक चलिए। इसके बाद सोइल पहुँचकर वापस डीए बेस तक गाड़ी से जाएं और वहाँ से माउंटेनियरज हरिपुर जा सकते हैं। आपको पटलीकुहल बस स्टैंड तक छोड़ा जा सकता है। जिसमें आपके साथ ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर भी पैक कर दिया जाएगा।
कुछ और जानकारी
समयः 6 दिन और 5 रातें
खर्चाः 19,200 रुपए
क्या-क्या होगा शामिल?
- ठहरना
- 15 मील बस स्टैंड, पटलीकुहल, मनाली से पिकअप और ड्रॉप।
- लीड गाइड और सहायक गाइड।
- ट्रेक पर कैंप के दौरान सभी प्रकार का खाना
- खाना बनाने का सामान
- कैंप की सभी व्यवस्था
- वाइल्डलाइफ परमिट और अन्य परमिट
क्या शामिल नहीं है?
- अपने शहर से यहां तक आने का खर्च
- इंश्योरेंस
- कपड़े धोने, ड्राइवरों को सुझाव, फोन, फैक्स कॉल और गाइड।
- यात्रा कार्यक्रम में परिवर्तन आने पर किसी भी प्रकार का खर्च। किसी भी प्रकार की बाधा लैंडस्लाइड आदि का खर्च।
- पैराग्लाइडिंग, एंगलिंग और राफ्टिंग आदि।
- ट्रेक के लिए पर्सनल बैग के लिए 3,000 रुपये का पोर्टरेज (अधिकतम 10 किलो बैग प्रति व्यक्ति)
- 5 प्रतिशत जीएसटी
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