शहर की चकाचौंध से दूर रहकर कुछ दिन अगर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ यादगार पल बिताना चाहते हैं तो हिमाचल से बेहतर और क्या हो सकता है। बर्फीले पहाड़ों के प्रांत हिमाचल प्रदेश को"देव भूमि" भी कहा जाता है। भारत का यह अठारवां राज्य है जो कि उत्तर पश्चिम में स्थित है। आज हम आपको हिमाचल प्रदेश की उन जगहों के बारे में बता रहे हैं जिनसे शायद तमाम लोग अंजान हैं। इन जगहों की सैर कर आप न सिर्फ अपने देश की खूबसूरती को देखेंगे बल्कि यहां की संस्कृति- सभ्यता से भी रूबरू होंगे। ये वो जगह हैं जहां पर आप फेमिली, फ्रेंड्स और सोलो ट्रिप में भी सुकून के पलों को जी सकते हैं। ऐसी जगहों पर अक्सर वे लोग जाना पसंद करते हैं जो ज्यादा घुमक्कड़ी और साहसी होते हैं। इन खूबसूरत जगहों पर आप प्राकृतिक नजारों के साथ-साथ तमाम तरह के एडवेंचर्स भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि राज्य की खूबसूरत जगहों के बारे में।
अंद्रेटा-
हिमाचल प्रदेश के मशहूर चाय के बागानों से कुछ दूरी पर स्थित अंद्रेटा गांव बेहद शांत क्षेत्र है। यहां पर मिट्टी के वर्तन बनाने का काम होता है। हिमाचल के इस गांव में कलाकृति और नेचुरल ब्यूटी का अनोखा संगम देखने को मिलता है। यही यहां आए टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र है। साल 1930 के बीच में आइरिश नाट्य कलाकार नोरा रिचर्ड्स अपने पति की मृत्यु के बाद लाहौर से यहां आकर बस गई थीं। उन्होंने इंडियन मॉडर्न आर्ट के जानकार BC Sanyal और प्रोफेसर Jaidayal के साथ मिलकर यहां पॉटरी का काम शुरू किया। यहां की पॉटरी विदेशों में भी फेमस है। देश विदेश से तमाम लोग यहां वेकेशन पर 3 महीने का रेसीडेंशियल कोर्स करने आते हैं। इस जगह की खूबसूरती और शांति दुनियाभर से कलाकारों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पब्बर घाटी-
नदी किनारे स्थित पब्बर घाटी में आप प्राकृतिक नजारों के साथ-साथ पैराग्लाडिंग, कैंपिंग, साइक्लिंग, स्कीइंग, हैंड ग्लाइडिंग और ट्रैंकिंग जैसे तमाम एडवेंचर कर सकते हैं। यह घाटी महाशीर और ट्राउट मछलियों को पकड़ने के लिए भी मशहूर है। जहां पर अक्सर लोग अक्टूबर और अप्रैल के बीच मछली पकड़ने आते हैं। घाटी झीलों, नदियों और पहाड़ों के बीच स्थित है, जो इस जगह की सुंदरता बढ़ाते हैं।
बैरल-
शिमला से चार घंटे की दूरी पर स्थित बैरल एक बेहद ही खूबसूरत सा गांव है, जोकि चारो ओर से देवदार के जंगल और सेब के बगानों से भरपूर हैं। आप इस गांव में सिर्फ प्राकृतिक सुन्दरता का ही मजा ही नहीं ले सकते हैं, यहां के खूबसूरत घरों को भी देख सकते हैं जो एकदम अनूठी वस्तुक्लास इ परिपूर्ण है। यहां के घरों की नक्शों के मुताबिक, भूमिगत जानवरों के होती है, और उपरी मंजिले पर घर का निर्माण किया जाता है।
चितकुल-
हिमाचल प्रदेश की सांगला घाटी में भारत तिब्बत सीमा के पास बस्पा नदी के किनारा बसा यह अंतिम और सबसे ऊंचा गांव है। जो कि समुद्र तल से 3,450 मीटर की ऊंचाई पर किन्नौर जिले में स्थित है। यहां सैर करने का अपना ही अलग मजा है। यहां का साफ वातावरण और पहाड़ों से आती ठंडी हवा हर किसी को सुकून से जीने देती हैं। इस गांव में लकड़ी से निर्मित घर टूरिस्टों को आकर्षित करते हैं। यह गांव अपने आलू के लिए काफी प्रसिद्ध है।
बैरोट-
यह हिमाचल के लिए किसी खजाने से कम नहीं है। झील और झरने इस गांव की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। सूरज की किरणों से इसकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है।
लांगजा-
लांग्जा स्पिति घाटी के जीवाश्म गांव के रूप में जाना जाता है। यह खूबसूरत सी जगह एक कटोरे की आकार में बसी हुई है जोकि भारत और तिब्बत के बॉर्डर के पास स्थित है। प्रागैतिहासिक समुद्री जीवाश्मों की प्रचुरता के अलावा, लांग्जा विशाल 1000 वर्षीय स्वर्ण बुद्ध की मूर्ति का घर है जिसे पर्यटक कई मील दूर से देख सकते है। इन सबके अलावा लांग्जा के आसपास स्थित बर्फ से ढके पहाड़ पर्यटकों को अपनी ओर बुलाते हुए प्रतीत होते हैं।
शोजा-
शोजा एक बहुत ही सुंदर पर्यटन स्थल है जो हिमाचल प्रदेश के सेराज की घाटी में स्थित है। जलोरी पास से करीब पांच किमी की दूरी, शोजा समुद्र तल से लगभग 2368 मीटर की ऊचाई पर है। इस खूबसूरत जगह की चोटी पर जाकर हिमालय की बेहिसाब खूबसूरती को देखा जा सकता है। जिन्हें पहाड़ी इलाकों से प्रेम है उनके लिए यहां जाना काफी सफल हो सता है। देश भर के पर्यटकों से व्यस्त शोजा में इसके अलावा भी बहुत सी जगहें हैं देखने के लिए।
खज्जियार-
डलहौजी से एक घंटे की दूरी पर स्थित बसे इस गांव को भारत का मिनी स्वीजरलैंड कहा जाता है। ऐसे में अगर अभी स्विट्जरलैंड नहीं जा सकते तो यहां घूम सकते हैं। अपने ही देश में विदेश की फीलिंग चाहिए तो हिमाचल प्रदेश के खजियार जाना तो बनता है। यह देश की बेस्ट रोमांटिक जगहों में से एक है।
गुसैनी-
हिमाचल के जंगलों से घिरा यह गांव कुल्लू जिले में स्थित है। यहां पर नदी किनारे पर बना एक गेस्ट हाउस पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
परागपुर-
हिमाचल की कांगड़ा घांटी में स्थित भारत का पहला गांव है, जिसे भारत की धरोहर घोषित किया गया है। यहां की संस्कृति में आपको मुगल, पुर्तगाल, राजपूत और ब्रिटिश काल की झलक एक साथ देखने को मिलती है।
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