पहाड़ों पर हवा हल्की ठण्डक के साथ आती है। उसी घाटी में सामने बहती हुई नदी और सामने खुला आसमान, यह नज़ारा तो किसी भी ट्रैवलर के लिए जन्नत के जैसा है। जैसे जैसे आप पहाड़ की तरफ़ बढ़ते हैं, नदी की आवाज़ भी धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। आज हम बात कर रहे हैं इसी के नज़दीक एक शानदार ब्लूहाउस की, जिसके मालिकों पर आरोप है कि वो अपने आतिथ्य से लोगों का दिल चुरा लेते हैं।
ब्लूहाउस, पहाड़ों की छाँव में पलता हुआ कॉटेज, जिसका आर्किटेक्टर एकदम पहाड़ी स्टाइल वाला है और यह बंजर घाटी की तीर्थन नदी के रास्ते में ही पड़ता है। यहाँ तक पहुँचने का सफ़र ही इतना प्यारा है कि रास्तों से आपको प्यार हो जाएगा। उनकी धुँधली धुँधली सी यादें वापसी में भी साथ रहती हैं। रास्ते में पड़ते हैं लहलहाते हुए फलों के कुछ बाग-बगीचे, कुछ छोटी दुकानें और लाल-लाल गाल वाले बच्चे, जो आपको स्कूल से आते वक्त यूनिफॉर्म में या फिर क्रिकेट खेलते मिल जाएँगे।
हर सुबह बंजर घाटी पर चहकते हुए बाग और चिलचिलाती धूप सर पर होती है। यही कारण है कि लोग प्रायः तीर्थन नदी पर रुकने का प्लान लम्बा कर लेते हैं। नदी के किनारे बैठकर घंटों तक उसे निहारना, आसमान को देखना कितना शान्त और कोमल एहसास है, जिसका आनन्द शब्दों में नहीं है। कई बार तो लोग देर रात तक चाँद की रौशनी में इस दृश्य का आनन्द लेते हैं।
एक परिवार के लिए कुछ समय सुकून के पल बिताना हो या फिर कुछ नए अपने जैसे ही मुसाफ़िरों से मिलना हो, हर क़िस्म के यात्री आपको यहाँ पर मिलेंगे। कुछ लोग पंछी दर्शन के बहुत शौक़ीन होते हैं, उनके शौक़ यहाँ पूरे होते हैं। कुछ मेरे जैसे एक गहरी शान्ति की तलाश में यहाँ आ भटकते हैं। दोनों ही प्रकार के मुसाफ़िरों का यहाँ का स्टाफ़ ख़ास ख़्याल रखता है और साथ में घर के बनाए स्वादिष्ट खाने से उनकी भरपूर सेवा करता है।
कितने लोगों के लिएः
यहाँ पर कुल चार कमरे हैं, जहाँ हर कमरे में दो लोगों के ठहरने की सुविधा है।
क़ीमतः
क़ीमत यहाँ ₹7200 से शुरू होती है।
कहाँ स्थित हैः
बाड़ी रोपा गाँव, बंजर, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश
कैसे पहुँचे
सड़क मार्गः मनाली के लिए दिल्ली के आईएसबीटी कश्मीरी गेट से बस मिल जाती है जो औट तक जाती है। औट से टैक्सी लेकर बंजर जा सकते हैं। दिल्ली से बंजार कुल 520 किमी0 दूर है जहाँ पहुँचने में क़रीब 12 घंटे लगेंगे।
ट्रेन मार्गः सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन शिमला है, जहाँ से आपको बंजर आने के लिए टैक्सी मिल जाएँगी।
हवाई मार्गः कुल्लू के भुंतर में सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है। बंजर तक के लिए भुंतर से आपको टैक्सी मिल जाएँगी।
नज़दीक में देखने के लिए
चेहनी कोठी
राजा दाधिया, जिनके राज्य में चेहनी गाँव भी आता था, ने आज से लगभग 1500 साल पहले इस कोठी/क़िले का निर्माण करवाया था। कुल 10 मंज़िल वाले इस क़िले के नज़दीक ही भगवान कृष्ण का मंदिर है, जहाँ जाना भी आपके लिए बहुमूल्य अवसर होगा।
श्रृंगी ऋषि मंदिर
बागी स्थित श्रृंगी ऋषि मंदिर यहाँ के आराध्य ऋषि श्रृंगी को मानकर स्थापित किया गया है। इसके साथ ही यहाँ पर 24 अलग-अलग देवी देवताओं की लकड़ी पर बनी मूर्तियाँ मिलती हैं।
हिमालय नेशनल पार्क
इस पार्क में आपको यूँ ही भूरे भालू, पहाड़ी शेर, जंगली बकरे, कस्तूरी हिरण और 200 से भी ज़्यादा क़िस्म के पक्षी मिल जाएँगे। इस पार्क का अध्यात्मिक के साथ एडवेंचर का महत्त्व भी है। यहाँ कई बार लोग ट्रेकिंग के उद्देश्य से भी आते हैं।
सेंज घाटी
यहाँ औट से क़रीब 3 किमी0 दूर पड़ती है सेंज घाटी, जो कि घुमक्क्ड़ों के लिए दिलचस्प जगह है और कुछ लोग कैंपिंग के उद्देश्य से भी इस जगह को जाते हैं।
यहाँ पर कुछ ख़ास
पंछी दर्शन
बाड़ी रोपा नाम के इस गाँव में कुछ हो या ना हो, लेकिन पंछियों से बहुत प्यार है इस जगह को। चटख रंग वाले, तो कहीं मीठी आवाज़ वाले या फिर चितकबरे पंछी और उनका राजा बाज, सभी पंछी यहाँ पर आपको देखने को मिल जाएँगे। अगर आप पंछियों के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं जानते तो यहाँ आना और सफल हो जाएगा। शायद आपको पहली ही नज़र में पंछियों से प्यार हो जाए।
तीर्थन नदी में मौज मस्ती
जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया, तीर्थन नदी के ठण्डे पानी में गोते लगाना तरोताज़ा तो करेगा ही, साथ ही आपके सबसे यादगार अनुभवों की फ़िल्म का पहला पन्ना भी। इतना ताज़ा और साफ़ पानी अब गंगा नदी में क्वारंटीन के बाद ही देखने मिलेगा। कुछ लोग यहाँ मछली पकड़ने भी आते हैं, वहीं कुछ का शौक़ पानी की इस कलकल छलछल में अपनी पसन्दीदा किताबें पढ़ने का भी होता है। कॉफ़ी के कप के साथ यहाँ बैठकर आप भी अपनी शाम का आनन्द दोगुना कर सकते हैं।
पहाड़ों पर बाइकिंग
औट और झलोरी पास के घने और गहरे जंगलों में बाइकिंग का शौक़ धीरे-धीरे जगह बना रहा है। लोग अब इस विरले खेल की तरफ़ भी आकर्षित हो रहे हैं। यहाँ पर हरी हरी बाग बगीचों की भी एक छोटी सी दुनिया है, जिसे बोटेनिकल गार्डन बोलते हैं। अगर आप यहाँ आना चाहते हैं तो आप ब्लूहाउस में पहले ही सूचना दे दें, ताकि यहाँ पर आपकी बुकिंग ठीक समय पर हो जाए।
ट्रेकिंग/ हाइकिंग
ट्रेकिंग करनी हो तो टॉप जगहों में इसका नाम भी शुमार होगा। यहाँ से ट्रेकिंग पर इतनी सारी जगहें हैं कि हिसाब लगाना मुश्किल है।
1. तीर्थन घाटी
सेंज और तीर्थन घाटी का 8 दिन का ट्रेक बना लीजिए। इस ट्रेक में आपको नेउली, शक्ति और ढेल नाम के पठार भी मिलेंगे। जोगिनी से हाइकिंग करके आप निकलेंगे तो आगे गुंटराओ नाम का पठार मिलता है। फिर ढेल और शिल्ट से होते हुए आप गुशैनी पहुँचते हैं।
2. गुशैनी
गुशैनी और शिल्ट से होते हुए तीन दिन का रोला का ट्रेक भी बेहद मशहूर है। ट्रेक करते हुए छोर्डवारी जलप्रपात और प्रसिद्ध बाँस के जंगल से होकर गुज़रने का मौक़ा मिलेगा, वो अलग।
3. जीवा नाल्लाह
बर्च जंगलों से होते हुए ट्रेक है, जो जीवा नाल्लाह से शुरू होता है और पार्वती नदी घाटी तक जाता है। इसके बीच में आप मनु मंदिर और कांदी गालू के दर्शन करते हुए गुज़रते हैं।
ब्लूहाउस की बुकिंग यहाँ पर करें।
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