जब भी मैं अपनी पिछली यात्राओं के बारे में सोचती हुँ तो मुझे एहसास होता है कि मुझे हमेशा ऐसी जगहों पर सुकून मिलता है जिनका नाम शायद ही किसी ने सुना हो, जहाँ देखने के लिए लोगों की भीड़ नहीं बल्कि शांत नज़ारे हों। और जब शांत, शानदार, दिल और आँखों को छू जाने वाले नज़ारों की बात हो उत्तर भारत के छोटे-छोटे गाँव कभी निराश नहीं करते। और जब छोटे, खूबसूरत गाँवों की बात आती है तो हिमाचल और जम्मू-कश्मीर को ज़रूर याद किया जाता है। शिमला और धर्मशाला जैसी लोकप्रिय जगहों से दूर जाएँ, तो शायद देश में ऐसी कम ही जगहें बची हैं जो मुझ जैसे यात्रियों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन बन सकें। लेकिन शुक्र है हिमाचल के एक छोटे से कस्बे का जो आज भी भीड़ से दूर अपना सौंदर्य भीड़ से दूर संजोए हुए है। तो चलिए आज इसी खज़ाने से आपको रूबरू कराती हुं।
मंडी से 90 कि.मी. दूर, सिराज घाटी में 2150 मीटर की ऊँचाई पर बसा है ये खूबसूरत गाँव। इसकी हरी-भरी हरियाली और अंतहीन नीले आसमान के साथ, यह आपको अपनी सादगी से अपना दीवाना बना लेगा। यहाँ के स्थानीय लोगों के बीच तो ये जगह एक मशहूर गेटअवे हैं लेकिन यात्रियों की जमात के कदम अभी तक यहाँ नहीं पड़े हैं।
आस-पास के अन्य लोकप्रिय छोटे शहरों के उलट, ये जगह आज भी लोगों की ट्रैवल लिस्ट से दूर है। जहाँ आस पास के छोटे शहरों में करने के लिए कई गतिवीधियाँ है, लेकिन जंझेली में आप कुछ ना करते हुए, बस आराम कर अपने आस-पास के सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। ये गाँव पहाड़ों के आगोश में आकर किताब पढ़ने, कुछ लुभावने दृश्य देखने या प्रकृति की सुंदरता में खो जाने के लिए एक लंबी सैर करने के लिए सही जगह है। ये जगह चिंदी, शोजा और करसोग जैसे लोकप्रिय ट्रेक के लिए एक बेस पॉइंट भी है। देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरे इस कस्बे में रोमांच और ट्रेकिंग पसंद यात्री अक्सर नाइट सफारी, हाइकिंग, पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के लिए आते रहते हैं। प्राकृतिक सुंदरता के साथ, यह फोटोग्राफरों के लिए भी स्वर्ग सा है।
यहाँ और क्या देखें
पांडव शिला: जंझेली से लगभग 3 कि.मी. दूर एक विशाल चट्टान है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह महाभारत काल की है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप चट्टान के ऊपर एक पत्थर फेंकते हैं और वह वहीं रहता है तो आपकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं।
बंजर: जंझेली से लगभग 40 कि.मी. दूर बंजर का प्रसिद्ध शहर है जो पर्यटकों के बीच वन्यजीव अभयारण्य के लिए मशहूर है। आप इस लोकप्रिय शहर के आसपास कैंपिंग या ट्रेकिंग भी कर सकते हैं।
प्रकृति के बीच सैर: पहले बताए गए कई ट्रेकिंग विकल्पों के अलावा, यहाँ के सबसे प्रसिद्ध ट्रेक में से एक है शिकारी देवी मंदिर जिसे बहुत अच्छी तरह से संजोया गया है। यह इस क्षेत्र के सबसे सुंदर और अनोखे मंदिरों में से एक है। आप आसपास के अन्य स्थानों जैसे सरोआ, पराशर झील, रेवाल्सर झील, देवीगढ़ और बरोट भी जा सकते हैं।
कहाँ ठहरें
हालांकि, एचपी पीडब्लूडी रेस्ट हाउस या एचपीटीडीसी ट्रेकर्स हट जैसी कई लोकप्रिय राज्य-स्थित आवास हैं, लेकिन इस छोटे से शहर में रहने का सबसे अच्छा तरीका कैंपिंग है। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय
हालाँकि यहाँ की सुखद जलवायु इसे पूरे साल भर में देखना संभव बनाती है, लेकिनअक्टूबर-मार्च इसकी प्राकृतिक सुंदरता का सबसे अच्छा समय है।
कैसे पहुँचें
हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा 115 कि.मी. दूर, कुल्लू में है। वहाँ से जंझेली पहुँचने के लिए आप या तो कार या बस ले सकते हैं।
रेल द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला (140 किमी) में है। यह देश भर के अन्य प्रमुख रेलवे स्टेशनों से काफी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा: यहाँ की सड़कें आसपास के अन्य प्रमुख शहरों जैसे नई दिल्ली (488 किमी), चंडीगढ़ (242 किमी) और शिमला (150 किमी) से जुड़ी हुई हैं जिनके ज़रिए आप आसानी से यहाँ तक पहुँच सकते हैं।
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