'दिल्ली से मुंबई जाने वाली फ़लाना ढिमकाना एयरलाइन में आपका स्वागत है। अभी यह विमान 500 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से 35,000 फ़ीट की ऊँचाई पर सफ़र कर रहा है। घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। आपके फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट जावेद चौरसिया और लल्लूलाल ख़ान आपको कोई तकलीफ़ नहीं होने देंगे।'
ये लाइनें सुनकर अगर ख़ुद को सेफ़ फ़ील कर रहे हो, तो हो सकता है तुम ग़लती से मिस्टेक कर रहे हो। क्योंकि तुमको इस कठिन सफ़र में फ़ील गुड कराने का एहसास कराया जा रहा है। वो भी इसलिए क्योंकि इस फ़्लाइट में सफ़र करने के तुमने तगड़े पैसे खर्चे हैं।
अगर ये 8 सच तुम जान गए और फ़्लाइट वालों ने तुमको ये बता दिए, तो शायद ही तुम फ़्लाइट में बैठने का रिस्क कभी लो। तो बस सीट बेल्ट बाँधो और असल दुनिया से रूबरू हो जाओ...
1. तुम्हारी फ़्लाइट का पायलट कई रातों से ढंग से सोया भी नहीं है
फ़्लाइट के नियमानुसार, पायलट 24 घंटे में 8 घंटे से अधिक प्लेन नहीं उड़ा सकता। लेकिन ज़रा ध्यान से सोचो, फ़्लाइट लैंड होने के बाद के झमेले, होटल तक जाना, खाना खाना, दोस्तों के साथ थोड़ा टाइमपास, फिर वापस फ़ील्ड पर आना, एयरक्राफ़्ट की जाँच करना, प्री-फ़्लाइट की चेकिंग। शरीर जवाब दे जाता है। ये सब हर बार ठीक समय पर करना आसान काम नहीं है। इसलिए पायलट को ये सब काम ठीक समय पर करने के लिए देना पड़ता है बलिदान, अपनी नींद का बलिदान। ताकि आप सुकून से सफ़र कर सकें।
2. सेफ़्टी के नाम पर ही सही, नज़र रखी जा रही है आपकी हर हरक़त पर
तुम फ़्लाइट में बैठे। आगे वाली सीट पर एक विदेशी कन्या 13 B पर बैठी है। 13 C की सीट ख़ाली है। एक भारतीय होने के नाते तुम्हारा मन किया कि तुम 13 C पर बैठकर भारत के विदेश के साथ संबंध सुधारो। लेकिन ऐसा करने की सुविधा फ़्लाइट वालों ने तुमको नहीं दी है।
अपनी सीट बदलते हुए अगर आप देख लिए गए तो आप पर भारी जुर्माना लग सकता है। और ये सब देखा जा रहा है छिपे हुए सीसीटीवी कैमरा के ज़रिये। ऐसी ही हर गतिविधि को फ़्लाइट केबिन में रिकॉर्ड किया जा रहा है।
3. आपके स्वागत में रखी गई हैं हथकड़ियाँ और बन्दूकधारी सिक्योरिटी गार्ड
हर फ्लाइट में वैसे तो कई सारी ऐसे लोग और सामान होते हैं जिनका पता आम यात्रियों को नहीं होता। लेकिन क्या आपको पता है कि फ्लाइट में अगर आपने कुछ गड़बड़ करनी चाही तो प्लेन में छुपा कर रखी हथकड़ियों को आपके हाथों तक पहुँचने में देर नहीं लेगेगी। और तो और फ्लाइट में शांति से बैठे ट्रेन्ड स्काई मार्शल भी तैनात रहते हैं जो सफर में कुछ भी संदिग्ध देखकर तुरंत एक्शन में आ जाते हैं। ऐसे गार्ड अब हर फ़्लाइट में सफ़र करने लगे हैं जिनका पता बस फ़्लाइट पायलट को होता है या फिर एयर होस्टेस को। कभी कभी तो इनको भी नहीं। इसलिए थोड़ा सा बचकर रहिए।
4. ये लाइटें तुमको कोज़ी फ़ील कराने के लिए डिम नहीं की गईं हैं
आप शाम के वक़्त सफ़र कर रहे हैं। टेक ऑफ़ के बाद धीरे से लाइट डिम हुई, बादलों के ऊपर उड़ते उड़ते आपका मन रोमांटिक हो गया। अगर आप सोच रहे हो कि ये आपको सुकून पहुँचाने के लिए किया गया है तो बहुत बड़ा वाला धोख़ा है आपके साथ।
एक फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट के अनुसार, बाहर की रौशनी से आपकी आँखें चौंध सकती हैं, इससे दूर रखने के लिए फ़्लाइट में लाइट डिम कर दी जाती है। इसके साथ लाइट डिम करने से इंजन की बचत होती है, सो अलग।
5. फ़्लाइट वालों की भाषा बहुत 'मधुर' होती है
आप आईआईटी गए हैं। लोगों की विशेष बेइज़्ज़्ती करने के लिए निम्नलिखित शब्द बनाए गए हैं वहाँ। जैसे एम टेक वाले को कहते हैं मटका, बहुत पढ़ने वाले को मग्गू, छोटे लोगों को माचिस, और भी बहुत कुछ। मक़सद होता है अनजान शख़्स को पता भी न चले और अपनी बात भी सामने वाले से हो जाए।
ठीक इसी तरह फ़्लाइट वालों की भाषा होती है। अपनी हर दिक्कत या फ़्लाइट में चल रही हर बिगड़ती चीज़ को वो इसी तरह साझा करते हैं और यात्री को पता भी नहीं चलता। सोचो फ़्लाइट में इंजन ख़राब हो गया है और ये बात किसी यात्री को पता चल गई तो सीधा भगवान के ही दर्शन होंगे उसे।
जिस दिन आपको उनकी ये भाषा समझ आ गई, उस दिन शायद ही आप फ़्लाइट में यात्रा करने को तैयार हों।
6. फ़्लाइट का वो 'लज़ीज़ और स्वादिष्ट' खाना
ये बात तो आप सभी जानते होंगे कि फ़्लाइट का खाना कितना महँगा होता है। बिसलेरी की बोतल भी आपको ₹50 की बेचेंगे, जिसकी असली कीमत ₹20 भी नहीं होती। खाने पर तो मैं अभी आया ही नहीं हूँ मालिक।
एक रिटायर फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट ने अपने ऑनलाइन ब्लॉग में लिखा है कि एयरलाइन्स ने हमें ख़ुद फ़्लाइट का खाना खाने से मना किया है क्योंकि इस पर फ़ूड पॉयज़निंग का ख़तरा है। जिन पेय को बेचा जाता है फ़्लाइट में, एक शोध में उसमें ही सबसे ज़्यादा बैक्टीरिया पाए गए हैं।
इसलिए अगर कुछ सेफ़ है फ़्लाइट में तो वो है पीने का पानी।
7. हवाई जहाज के इंटीरियर का सच
आप जब भी हवाई यात्रा में सफ़र करते हैं तो लगता है कितना साफ़ है फ़्लाइट का इंटीरियर। सब कुछ कितना व्यवस्थित। बिल्कुल ऐसा जैसे हम किसी शानदार होटल में आ गए हों। वैसे सच जानना ज़रूरी है तो बता देता हूँ। आपको मालूम हो कि खाने के लिए रखी गई प्लेटें ही वॉशरूम के बाद सबसे गन्दी जगहें होती हैं।
जिस कंबल को आपने ठंड से बचने के लिए ओढ़ा हुआ है वो आज से तीन साल पहले साफ़ किया गया था। इससे जल्दी तो एक इंजीनियर अपना कंबल धो लेता है भाई।
जिस वॉशरूम का ऊपर ज़िक्र किया गया है, वो भी छोटी यात्रा की फ़्लाइट के लिए शायद ही कभी धुला जाता है।
8. आख़िरी प्वाइंट, क्योंकि यही आपकी इज़्ज़त का सवाल है
दुनिया में दो चीज़ें सबसे गन्दी हैं, आपके मोबाइल की स्क्रीन और हवाई जहाज का वॉशरूम। लेकिन सबसे बुरी बात ये है कि एयर हॉस्टेस आपका बाथरूम आपकी मर्ज़ी के बग़ैर खोल सकती है, वो भी तब जब आपने अन्दर से बाथरूम बन्द कर रखा हो। हर फ़्लाइट कर्मचारी को अन्दर से बन्द बाथरूम को बाहर से खोलने के तरीक़े पता होते हैं।
ये उनके लिए तो अच्छा है जिनका बाथरूम गलती से लॉक हो गया है और उनसे खुल नहीं रहा, लेकिन उन शरारती लोगों के लिए शाप भी जिनके दिमाग में 30000 फ़ीट ऊपर भी कुछ खुराफात चल रही है।
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नोट: इस लेख में दी गई जानकारी में ऐसे इनपुट हैं, जो वैश्विक या राष्ट्रीय विमानन प्राधिकरणों के अनुसार प्रमाणित नहीं हैं। हम वास्तविक जीवन की स्थितियों के मामले में पूरी तरह से इस लेख पर भरोसा करने से पहले संबंधित विमानन अधिकारियों के साथ तथ्यों और आंकड़ों के पूरी तरह से चेक करने की सलाह देते हैं।