हमारे देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खूबसूरती सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में काफी प्रसिद्द है। प्रकृति-प्रेमियों के लिए स्वर्ग माने जाने वाले हिमाचल प्रदेश में सुन्दर पहाड़ियां और उनके बीच से निकलती नदियां हर किसी को अपना दीवाना बना लेती हैं। इसके अलावा हर मौसम की यहाँ एक अलग ही खूबसूरती देखने को मिलती है जिसमें सर्दियों में होने वाली बर्फ़बारी तो इसकी खूबसूरती कई गुना कर देती है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि यहाँ सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती ही देखने को मिलती है, प्रकृति प्रेमियों के साथ ही एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी यह जगह सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है जहाँ आप हाईकिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, ज़िप-लाइनिंग, कैंपिंग जैसी अनेकों एक्टिविटीज का शानदार अनुभव ले सकते हैं। इस सुन्दर प्रदेश की लोकप्रियता की वजह से ही आज के समय में यहाँ के हर लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की भयंकर भीड़ देखने को मिलती है। इसीलिए अगर आप किसी सुकून भरी और प्राकृतिक खूबसूरती से भरी हिमाचल की कोई छिपी हुई जगह ढूंढ़ रहे हैं तो आज के हमारे लेख में हम आपको एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने वाले हैं। चलिए शुरू करते हैं...
हाटकोटी
जिस छिपी हुई अद्भुत नज़ारों वाली जगह की हम बात कर रहे हैं वो हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में ही स्थित है लेकिन अभी तक बहुत कम पर्यटकों को ही इस हसीन जगह के बारे में पता लगा है। मुख्य तौर पर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जानी जाने वाली हाटकोटी घाटी यहाँ मौजूद कई पौराणिक मंदिरों के लिए भी काफी प्रसिद्द है। यहाँ आपको हिमालय के सुन्दर और विशाल पहाड़ और उन पर लगे देवदार के पेड़, खूबसूरत झीलें और नदियां तो देखने को मिलती ही हैं लेकिन इसके साथ ही प्राचीन अद्भुत वास्तुकला वाले कुछ बेहद प्रसिद्द मंदिरों में भी आप दर्शन करने जा सकते हैं। हाटकोटी के पास ही पब्बर नदी से दो सहायक नदियाँ बिशकुल्टी और रान्वती मिलती हैं और इन नदियों का संगम स्थान भी पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। तो चलिए अब आपको हाटकोटी के कुछ प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में बताते हैं।
हाटकेश्वर माता मंदिर
हिमाचल प्रदेश में स्थित हाटकोटी घाटी यहाँ स्थित हाटकेश्वर माता मंदिर के लिए बेहद प्रसिद्द है। धार्मिक तौर पर एक बेहद पवित्र स्थान होने के साथ ही पर्यटकों के लिए भी यह एक लोकप्रिय स्थान है। हाटकेश्वर माता को समर्पित यह मंदिर एक ऊँचे सोनपुरी नाम की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है जिससे काफी दुरी से भी यह मंदिर दिखाई देता है और इसीलिए सभी हाटकोटी में आये पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। आपको बता दें कि यह मंदिर अपनी अद्भुत टॉवर शैली वास्तुकला के लिए भी यह काफी प्रसिद्द है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 7वीं या 8वीं शताब्दी में किया गया था तो आप समझ सकते हैं की पौराणिक दृष्टि से भी यह एक बेहद महत्वपूर्ण स्थान है।
गिरीगंगा
हाटकोटी के मुख्य पर्यटन स्थलों में गिरी नदी का अपना एक खास स्थान है। दोनों और खूबसूरत और हरी-भरी पहाड़ियों के बीच से बहती गिरिगंगा के किनारे बैठकर आपकी आँखों को तो सुकून मिलता ही है लेकिन इसके साथ ही आपके मन को वास्तविक सुकून देने के लिए यह जगह वाकई एक बेहद अद्भुत जगह है। यहाँ नदी किनारे बैठकर जो खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य आपको दिखाई देते हैं वो हमेशा के लिए आपकी इस यात्रा को आपके जीवन की सबसे यादगार यात्राओं में शामिल करने वाले होते हैं।
जुब्बल
हाटकोटी से करीब 12 किलोमीटर दूर स्थित जुब्बल खास तौर पर अपने जुब्बल पैलेस के लिए प्रसिद्द है और इसके अलावा यह स्थान सेब की खेती के लिए भी बेहद प्रसिद्द है। जुब्बल पैलेस के लिए बताया जाता है कि यह देवदार की लकड़ियों से बना है और दिखने में वाकई बेहद खूबसूरत है। हालाँकि यह पैलेस अब एक होटल में बदल चूका है लेकिन हरियाली से भरे पहाड़ों के बीच इस विशाल महल का नज़ारा एक बार में आपके होश उड़ने के लिए काफी है।
इसके अलावा आपको बता दें कि हाटकोटी में पहुंचकर आपको वैसे तो किसी पर्यटन स्थल को ढूंढने की जरुरत ही नहीं पड़ने वाली क्योंकि हर जगह आपको प्रकृति के खूबसूरत नज़ारे ही दिखने वाले हैं जहाँ आप प्रकृति के बेहद करीब कुछ समय सुकून से बिता सकते हैं।
हाटकोटी कैसे पहुंचे?
आपको बता दें कि हाटकोटी पहुँचने के लिए आप देश या विदेश में कहीं से भी पहले चंडीगढ़ पहुँच सकते हैं। चंडीगढ़ देश के अधिकतर शहरों से हवाई, रेल और सड़क मार्ग से बेहद अच्छे से जुड़ा हुआ है। फिर वहां पहुंचकर आप चंडीगढ़ से करीब 200 किलोमीटर दूर हाटकोटी पहुँचने के लिए टैक्सी या फिर बस वगैरह का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा हवाई मार्ग से आप सीधे हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला भी पहुँच सकते हैं लेकिन रेल मार्ग से शिमला पहुंचना थोड़ा ज्यादा समय लेगा क्योंकि शिमला में एक छोटा स्टेशन मौजूद है जहाँ टॉय ट्रेन से ही जाया जा सकता है। पर्यटन के लिहाज़ से काफी प्रसिद्ध शिमला टॉय ट्रेन कालका से शिमला की करीब 90 किलोमीटर की दुरी करीब 7 घंटे में पूरी करती है।
शिमला से हाटकोटी की दुरी करीब करीब 100 किलोमीटर है जिसे आप टैक्सी,बस या फिर खुद के वाहन के साथ आसानी से पूरी कर सकते हैं।
तो अगर आप किसी प्राकृतिक ख़ूबसूरती से भरी लेकिन पर्यटकों की भीड़ से दूर कोई जगह ढूंढ़ रहे हैं तो आपको हाटकोटी की यात्रा जरूर करनी चाहिए। इससे जुडी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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