मनाली से लेह का सफर! ये एक ऐसा रोड ट्रिप है जिसका ख्वाब हर एक के मन में होता है और यकीन मानिए, आपको ये सफर आपको कभी निराश नहीं कर सकता| मैंने ये ट्रिप जून में करने का फ़ैसला किया | सड़क सिर्फ 15 दिन ही खुली हुई थी इसलिए मुझे उम्मीद थी कि रास्ते में बर्फ होगी | किस्मत से सबकुछ वैसा ही मिला जैसा मैंने सोचा था |
मेरी यात्रा का पहला हिस्सा दिल्ली से मनाली का था जिसे आप बस या अपनी गाड़ी में पूरा कर सकते हैं | मेरी बात करें तो मैं कुछ लोगों के साथ एक किराए की गाड़ी में सफ़र कर रहा था |
हमारी यात्रा मनाली में काफ़ी सुबह ही शुरू हो गयी थी | सुबह 6.30 तक हम गुलाबा बैरियर तक पहुँच गए थे, मगर बदक़िस्मती से हम जाम में फँस गये और गुलाबा बैरियर पार करने में हमें 1.5 घंटा और लग गया | वहाँ से और 1.5 घंटे बाद हम रोहतांग पास पहुँचे | मुझे लगता है कि रोहतांग पास तक पहुँचना ही इस यात्रा का सबसे मुश्किल काम है क्योंकि गर्मियों में यहाँ सैलानियों का ताँता लग जाता है | यहाँ तक जाने वाले पतले से रास्तों पर बेहद खराब जाम लग जाता है | इसलिए सुबह 4 बजे ही निकल जाएँ |
रोहतांग के आगे का 40 कि.मी. का रास्ता इस राजमार्ग पर सबसे खराब है | बिना यातायात वाली सड़क पर भी इतनी सी दूर जाने में ही 1 घंटा लग जाता है | झरने, नदियाँ, बर्फ से ढके पर्वतों की चोटियाँ, कतार में लहलहाते पेड़, पहाड़ों पर बने सीढ़ीनुमा खेत और सुंदर घाटियों वाले प्यारे नज़ारे इस 40 कि.मी. के खराब रास्ते के बाद शुरू होते हैं । इन बेहतरीन नज़ारों से आप अपनी आँखें नहीं फिरा पाएँगे इसलिए अगर आपको नज़ारों का मज़ा लेना है तो फिर टैक्सी में यहाँ आएँ |
तंदी में अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवा लें क्योंकि इसके बाद अगला पेट्रोल पंप 350 कि.मी. दूर है और अगर रास्ते में पेट्रोल ख़त्म हो गया तो सरचू में आपको ब्लैक में ऊँचे दामों में खरीदना पड़ेगा | अगर आपके पास बीएसएनएल का नंबर नहीं है तो मनाली के बाद सिग्नल किलोंग में आएगा | रास्ते में आपको सबसे बड़े कस्बे के रूप में किलोंग ही मिलेगा | किलोंग के बाद जिस्पा आएगा और जिस्पा के बाद रास्ता का रूप बदलना शुरू हो जाएगा |
आपको हरियाली कम और रेत, पत्थर व बर्फ ज़्यादा मिलेगी | जिस्पा के बाद दीपक ताल आएगा जो ज़िंग ज़िंग बार से पहले नीली झील है | ज़िंग ज़िंग बार से बरलाचा ला की चढ़ाई शुरू हो जाती है | इसके बाद आपको खूब सारी बर्फ देखने को मिलेगी | कुछ नालों को पार करने के बाद मुझे जमे हुए सूरज ताल का दीदार हुआ | पहली बार मैं इतने सारे पानी को जमे हुए देख रहा था | इसके बाद हमने बर्फ की दीवार पार की, जहाँ पहुँचने पर 'जब वी मेट' फिल्म के गाने की याद आ गयी | इन एहसासों को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता |
बरलाचा ला में आपको चारों तरफ बर्फ ही बर्फ दिखाई देगी | इतना बेहतरीन नज़ारा सपने में भी नहीं सोच सकते | बरलाचा ला पार करने के बाद आप सरचू पहुँच जाएँगे, जहाँ हमने रात के लिए कैंप लगा लिया | सरचू तक पहुँचते-पहुँचते हम सभी को एएमएस (माउंटेन सिकनेस) ने अपने लपेटे में ले लिया था | सरचू में हम बस अपने अपने बिस्तरों में घुस जाना चाहते थे, मगर एएमएस में सुधार के लिए आपको ठीक तरह से खाना और खूब पानी पीना ज़रूरी है |
सुबह की कच्ची धूप देखी नहीं, कि हमारा बिमारी तो गायब हो गई | हमने जमकर खाया, कुछ तस्वीरें ली, और आगे सफ़र पर निकल पड़े | आज का दिन ऊँचे ऊँचे-दर्रों को पार करने का है | रास्ते में हम तीन दर्रों से गुज़रे जिसमें दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे ऊँचा दर्रा टांग्लांग ला शामिल है | इसके अलावा हम लाचूंग ला और नाकी ला भी पहुँचे | सरचू पार करते ही आप गाटा लूप की चढ़ाई करने लगेंगे जो एक समय बाद अंतहीन से लगने लगते हैं | ये लूप ही नाकी ला की शुरुआत हैं | नाकी ला पार करने के बाद हम 14000 फीट की ऊँचाई पर चलते रहे | नाकी ला और लाचूंग ला पार करने के बाद हम एक सुंदर से मैदानी पठार के पास पहुँच गए जिसे मूर प्लेन भी कहते हैं | इस दूर-दूर तक फैले मैदान में आपको याक और भेड़ें चरती हुई दिख जाएँगी | मनाली-लेह रोड ट्रिप का ये सबसे खूबसूरत हिस्सा है | प्रकृति की ऐसी सुंदरता आपने पहले कभी नहीं देखी होगी |
मूर प्लेन पार करने के बाद हम तंग्लांग ला की ओर चढ़ाई करने लगे | कुछ-कुछ बर्फ दिखने लगी थी, हवा की रफ़्तार ज़रा ज़्यादा ही तेज़ हो गयी थी, और हम सभी पर एएमएस का साफ प्रभाव दिख रहा था | बरलाचा ला की तुलना में बर्फ ज़्यादा नहीं थी मगर दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे ऊँचा पास है और इसे पार करते ही आप लेह प्रदेश में पहुँच जाते हैं | लेह में उपसी पहला कस्बा पड़ता है | इस इलाक़े में आपको गोंपे और लेह की जीवनशैली देखने को मिलेगी | सड़क की दशा बेहतर मिलती है, वनस्पति उगती हुई दिखाई देती है और आख़िरकार आपको लेह का चेकपोस्ट दिख ही जाता है | अब आप अपनी मंज़िल से ज़्यादा दूर नहीं हैं और यही हमारे सफ़र का आखिरी स्टॉप भी था |
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